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Central taxes Rajasthan राजस्थान ने मांगी केंद्रीय करों में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी

Rajasthan central taxes राजस्‍थान के दौरे पर आए 15वें वित्त आयोग से राजस्थान ने केंन्द्रीय करों में 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी दिलाने की मांग की है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 11:26 AM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 11:26 AM (IST)
Central taxes Rajasthan राजस्थान ने मांगी केंद्रीय करों में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी
Central taxes Rajasthan राजस्थान ने मांगी केंद्रीय करों में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी

जयपुर, जेएनएन। राजस्‍थान के दौरे पर आए 15वें वित्त आयोग से राजस्थान ने केंन्द्रीय करों में 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी दिलाने की मांग की है। राजस्थान सरकार के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की विषम भौगोलिक एवं सामाजिक स्थिति, संसाधनों की सीमितता तथा भावी आवश्यकताओं को देखते हुए पेयजल एवं सिंचाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी एवं पर्यटन के विकास के लिए राज्य को अतिरिक्त संसाधन आवंटित करने का अनुरोध किया है।

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गहलोत ने कहा कि केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 42 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लगाए जाने वाले सेस एवं सरचार्ज में राज्यों को भी हिस्सेदारी मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य तथा छितरी आबादी के कारण राजस्थान में आमजन को सेवा प्रदायगी में प्रति इकाई लागत अन्य राज्यों के मुकाबले कहीं अधिक आती है, इसे देखते हुए आयोग संसाधनों का अंतरण करते समय राजस्थान की इस विशेष स्थिति का ध्यान रखे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी से मिलने वाले राजस्व में निर्धारित वृद्धि नहीं होने के कारण केंद्र द्वारा राज्यों को होने वाले घाटे की क्षतिपूर्ति का भुगतान 2024-25 तक किया जाए, इसके लिए वित्त आयोग केंद्र सरकार से सिफारिश करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना आयोग के खत्म होने के बाद वित्त आयोग ही राज्यों के लिए वित्तीय संसाधनों के मामले में आशा की किरण है। गहलोत ने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, जीएसटी एक्ट जैसे केंद्रीय कानूनों की क्रियान्विति के लिए राज्यों द्वारा किए जा रहे अनिवार्य व्यय को ध्यान में रखते हुए राज्यों को अधिक राशि का हस्तांतरण किया जाना चाहिए।


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