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बुंदेलखंड के विकास पर विभिन्न विषयों के साथ गृहमंत्री अमित शाह से मिले राजा बुंदेला

बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा के चेयरमैन रह चुके रहा बुंदेला बुंदेलखंड राज्य के लिए आंदोलन चला रहे हैं। उनका मानना है कि पूर्व में बुंदेलखंड का विभाजन गलत ढंग से किया गया। झांसी और दतिया की दूरी महज 17 किमी है लेकिन दोनों अलग-अलग राज्य में कर दिए गए।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 19 Jun 2022 01:39 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jun 2022 01:39 PM (IST)
बुंदेलखंड के विकास पर विभिन्न विषयों के साथ गृहमंत्री अमित शाह से मिले राजा बुंदेला
गृहमंत्री अमित शाह से राजा बुंदेला की मुलाकात (फोटो सोशल मीडिया)

लखनऊ, एजेंसी। उत्तर प्रदेश बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और बुंदेलखंड के विकास से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा के साथ मार्गदर्शन प्राप्त किया। इसकी जानकारी खुद राजा बुंदेला ने अपने आधिकारिक कू हैंडल से एक पोस्ट शेयर करते हुए दी. उन्होंने शनिवार को गृहमंत्री के साथ बातचीत की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि भारतीय राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले हमारे आदर्श, प्रेरणास्रोत गृहमंत्री, भारत सरकार अमित शाह से मुलाकात कर बुंदेलखंड विकास के विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करते अमूल्य मार्गदर्शन व आशीर्वाद प्राप्त किया।

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कल भारतीय राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले हमारे आदर्श, प्रेरणास्रोत माननीय गृहमंत्री, भारत सरकार आदरणीय श्री @AmitShah जी से मुलाकात कर बुंदेलखंड विकास के विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करते अमूल्य मार्गदर्शन व आशीर्वाद प्राप्त किया।

View attached media content - Raja Bundela (@Rajabundelaofficial) 18 June 2022

गौरतलब है कि बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा के चेयरमैन रह चुके रहा बुंदेला, बुंदेलखंड राज्य के लिए आंदोलन चला रहे हैं। उनका मानना है कि पूर्व में बुंदेलखंड का विभाजन गलत ढंग से किया गया, उस समय कोई कुछ नहीं बोला। झांसी और दतिया की दूरी महज 17 किमी है लेकिन दोनों अलग-अलग राज्य में कर दिए गए।

पिछले दिनों एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि डिफेंस कॉरिडोर, दो-दो एयरपोर्ट, एक्सप्रेस वे, देवगढ़ में फार्मेसी का हब, दुग्ध डेयरी योजना, केन बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखंड की तस्वीर बदलेंगी। बुंदेलखंड से जुड़े कलाकारों के लिए उन्होंने कहा कि बुंदेलखंडी कलाकारों को मौलिकता नहीं छोड़नी चाहिए। देशराज पटैरिया ने मौलिकता नहीं छोड़ी, इसलिए वे कलाकार के तौर पर छाए रहे। उन्होंने कहा कि आज हमने अपने राई, सेरा, ढिमरयाई जैसे नृत्य को फिल्मी अंदाज में बदलने का प्रयास किया वह ठीक नहीं। नोएडा फिल्म सिटी बनने से बुंदेलखंड को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि यहां पर जंगल, नदी, पहाड़ और किले हैं। यहां शूटिंग होने पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और बुंदेली कलाकारों को एक बड़ा मंच मिल जाएगा।


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