कांग्रेस की जांच में सामने आ गया अमेठी से राहुल की हार का कारण, SP-BSP का साथ नहीं मिला
अमेठी में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की हार से कांग्रेस के नेता के साथ ही कार्यकर्ता भी सदमे में हैं। अमेठी में राहुल की हार ने कांग्रेस को हिला कर रख दिया है।
अमेठी [दिलीप सिंह]। गांधी-नेहरू परिवार के गढ़ अमेठी लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की हार का कारण गोपनीय समीक्षा में सामने आ गया है। गोपनीय जांच में लगी कमेटी ने बताया कि अमेठी में राहुल गांधी को सपा व बसपा का साथ नहीं मिला है। जिसके कारण कांग्रेस को अपने गढ़ में हार झेलनी पड़ी।
अमेठी में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की हार से कांग्रेस के नेता के साथ ही कार्यकर्ता भी सदमे में हैं। अमेठी में राहुल की हार ने कांग्रेस को हिला कर रख दिया है। यह सीट 1980 से ही कांग्रेस का गढ़ मानी जाती रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के परिवार का गढ़ रहे अमेठी संसदीय क्षेत्र में उनकी हार के कारणों का पता लगाने वाली कांग्रेस की दो सदस्यीय समिति को बताया गया कि समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का सहयोग नहीं मिलना उनकी हार के लिए जिम्मेदार है।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में उनके प्रतिनिधि कांग्रेस सचिव जुबेर खान व केएल शर्मा को स्पष्ट तौर पर बताया गया कि सपा और बसपा की अमेठी इकाइयों ने कांग्रेस को सहयोग नहीं किया और उनके एक बड़े वर्ग का वोट भारतीय जनता पार्टी को चला गया।
कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि यहां पर राहुल गांधी की हार पर सरल गणित है। राहुल गांधी को 2014 के लोकसभा चुनाव (4.08 लाख वोट) से ज्यादा वोट 2019 (4.13 लाख वोट) मिले। बसपा प्रत्याशी को 2014 में 75,716 वोट मिले। अगर यह वोट कांग्रेस को मिला होता तो कांग्रेस की जीत होती। भाजपा की स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 55,000 वोटों के अंतर से शिकस्त दी।
अमेठी के जिला कांग्रेस अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने भी इस आरोप का समर्थन किया कि सपा और बसपा ने कांग्रेस के साथ सहयोग नहीं किया। उनके नेताओं ने राहुल के पक्ष में समर्थन का एलान किया था। योगेंद्र मिश्रा ने कहा कि सपा के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के पुत्र अनिल प्रजापति खुलेआम भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे थे। गौरीगंज से सपा विधायक राकेश सिंह अपने ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत सदस्यों को बचाए रखने के लिए भाजपा के साथ गए।
अमेठी में राहुल गांधी को चार विधानसभा क्षेत्रों में हार मिली। यहां गौरीगंज में हार का अंतर सबसे ज्यादा (18,000) था। वह अमेठी में आगे रहे, लेकिन तिलाई, जगदीशपुर और सलोन विधानसभा क्षेत्रों में पिछड़ गए. दो सदस्यीय समिति ने गौरगंज और तिलोई में पार्टी कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया ली। समिति अगले दो दिनों के दौरान जगदीशपुर, सलोन और अमेठी में कार्यकर्ताओं से मिलेगी। हार के कारणों की जांच की अंतिम रिपोर्ट कांग्रेस हाईकमान को अगले सप्ताह सौंपी जाएगी।
हार के कारणों की गोपनीय समीक्षा, गांव-गांव पड़ताल
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की पराजय से जुड़े हर पहलू की गोपनीय समीक्षा हो गयी है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के हाथों राहुल की हार की समीक्षा बेहद गोपनीय तरीके से की जा रही है। अपने ही गढ़ में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को मिली हार की वजह तलाशने में अब कांग्रेस जुट गई है। पिछले तीन बार से लगातार अमेठी में जीत दर्ज करने वाले राहुल गांधी अपनी परंपरागत सीट आखिर क्यों हार गए। इसकी मामले की अब गांव-गांव के साथ बूथ-बूथ समीक्षा होगी। ब्लाक और न्याय पंचायत इकाइयों के अध्यक्षों के साथ जांच टीम की बैठकें हो रही है। सारी जांच गोपनीय तरीके से हो रही है। नामित लोगों के अलावा उन बैठकों में किसी और के दाखिल होने पर पाबंदी है।
कांग्रेस महासचिव व पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने समीक्षा के साथ अमेठी में मिली हार की सही वजह तलाशने की जिम्मेदारी किशोरी लाल शर्मा व एआइसीसी के सचिव जुबेर खान को सौंपी है। यह दोनों तीन दिन पहले अमेठी पहुंच भी चुके हैं और गौरीगंज, तिलोई व अमेठी विधान सभा क्षेत्र स्तर की समीक्षा हो चुकी है। अब रायबरेली जिले की सलोन व जगदीशपुर सुरक्षित विधान सभा सीट की समीक्षा बाकी है। इसके बाद ब्लाक, न्याय पंचायत, गांव व बूथ स्तर पर समीक्षा होगी। उसके बाद पूरी रिपोर्ट जांच टीम प्रियंका को सौंपेगी। चुनाव परिणाम की समीक्षा गांव स्तर तक की जा रही है। इसके तहत ब्लाक व न्याय पंचायत इकाइयों के अध्यक्षों के साथ जांच टीम की बैठकें हो रही है।
लोकसभा चुनाव 2004 में पहली बार अमेठी से अपनी राजनीति पारी की शुरुआत करने वाले राहुल गांधी 2009 व 2014 में जीत दर्ज की और चौथी बार अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने राहुल गांधी को 55,120 मतों से शिकस्त देकर गांधी-नेहरू परिवार की परंपरागत सीट जीत ली। अमेठी में राहुल-प्रियंका के साथ सोनिया गांधी के चुनाव प्रचार के बाद भी हार पार्टी को अब भी समझ में नहीं आ रही है।
तीन दिन में हुई तीन क्षेत्रों की समीक्षा
अमेठी में टीम ने पहले दिन मंगलवार को जिला कमेटी के साथ गौरीगंज विधान सभा क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बुधवार को तिलोई व गुरुवार को अमेठी विधान सभा क्षेत्र के सभी बड़े पदाधिकारियों के साथ यहां पर समीक्षा बैठक की।
कांग्रेस ने खुद की खामियों को माना हार की वजह
अब तक की समीक्षा में कांग्रेस के बड़े नेताओं ने हार की वजह अपनी खामियों को मान रहे हैं। वहीं कुछ लोग हार की वजह सपा-बसपा का सहयोग न मिल पाना मान रहे हैं। गढ़ में पार्टी अध्यक्ष के ही हार जाने के बाद से स्थानीय कांग्रेस इकाई में उथल-पुथल शुरू हो गयी थी। पार्टी जिला अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने पद से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी के नेता धर्मेन्द्र शुक्ला ने राहुल को पत्र लिख कर उनके प्रतिनिधि चंद्र कांत दुबे को हार के लिए जिम्मेदार बताते हुए जांच की मांग की थी।
हम फिर जीतेंगे
प्रवक्ता, जिला कांग्रेस कमेटी, अमेठी, अनिल सिंह ने कहा कि अमेठी में पार्टी की हार की वजह की हर स्तर पर समीक्षा होगी। अभी नेताओं व पदाधिकारियों से बात हो रही है। हार की असली वजह जानकर कांग्रेस फिर आगे बढ़ेगी और अमेठी में आगे फिर हम जीत दर्ज करेंगे। अमेठी से स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 55120 मत से हराया था।
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