Citizenship Amendment Act: गुजरात में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में प्रस्ताव पारित
Citizenship Amendment Act मुख्यमंत्री रुपाणी ने गुजरात में सीएए को वैधानिक रूप से राज्य में लागू करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर एक प्रस्ताव पारित किया।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की सरकार ने केंद्र के नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में गुजरात विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया है। गृहराज्यमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने सदन में बताया कि 1947 में महात्मा गांधी व 2014 से पहले कांग्रेस खुद इस तरह के कानून का समर्थन कर चुकी है।
देश में जहां एक ओर नागरिकता संशोधन कानून सीएए को लेकर विरोध व समर्थन में शहर गांवों तक प्रदर्शन हो रहे हैं वहीं गुजरात सरकार ने सीएए को वैधानिक रूप से राज्य में लागू करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर एक प्रस्ताव पारित किया है। कांग्रेस के भारी विरोध व हंगामे के बीच भाजपा विधायकों ने बहुमत के साथ सीएए के समर्थन में प्रस्ताव को पारित करा दिया। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने बताया कि सीएए में पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर पीडित अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, ईसाई व जैन समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता का प्रावधान है। सीएए से भारत में बसे मुस्लिम समुदाय के लोगों को कोई लेना देना नहीं है।
ग्रह राज्यमंत्रीप्रदीपसिंह जाडेजा ने बताया कि विभाजन के वकत पाकिसतान में 428 मंदिर थे जो अब घटकर२० रह गए, वहां हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाईयों की संख्या में भी लगातार कमी आई है। हिंदू युवक युवतियों को जबरन धर्मांतरण कराया जाता है, युवतियों का अधेड मुस्लिमों से जबरन निकाह करा दिया जाता है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समाज की युवतियोंका अपहरण, बलात्कार व उनका धर्मांतरण या हत्या आम बात है। सिंध की सपना ज्ञानचंद का अपहरण किया व जबरन निकाह करा दिया, जब उच्च अदालत ने उसे लाया गया तो कट्टरपंथियों के समूह ने अदालत परिसर में भारी संख्या में जमा होकर उन्हें घेर लिया व धमकाया।
जाडेजा ने बताया कि पाकिस्तान में पारित ईशनिंदा कानून भी वहां के अल्पसंख्यकों के लिए प्रताडना का नया हथियार बन गया। ईसाई महिला आशिया बीबी को ईशनिंदा के झूठे आरोप में फंसाकर 8 साल जेल में रखा,बाद में उच्चतम न्यायालय ने उसे रिहा कराया अब वह कनाडा में शरणार्थी बनकर रह रही है। जाडेजा ने कहा कि महात्मा गांधी ने 26 सितंबर 1947 में प्रार्थना सभा में कहा था कि पाकिस्तान में पीडित हिंदू, जैन, सिख आदि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारत आने का अधिकार है।
कांग्रेस खुद 2014 से पहले सीएए जैसेकानून के पक्षमें थी। राज्यसभा में पूर्वप्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह व यूपीए के पूर्व विदेश राज्यमंत्री ई अहमद ने पडौसी देशों में धर्म के आधार पर पीडित अल्पसंख्यकों को भारतकी नागरिकता की वकालत कर चुके हैं। जाडेजा ने बताया बीते 6 साल में 2830 पाकिस्तानी, 912 अफगानी, 172 बांग्लादेशीकोभारत की नागरिकता मिल चुकी है। उन्होंने कहा सीएए किसी की नागरिकता छीनने वाला नहीं बल्कि लोगों को नागरिकता देने का कानून है। कांग्रेस, मार्क्सवादी नेता राजनीतिक फायदे के िलए देश के लोगों को फर्जी बातें फैलाकर गुमराह कर रहे हैं।
बर्मा में जन्म पर रुपाणी का जवाब
विशेष सत्र से पहले मुख्यमंत्री रुपाणी व उनके मंत्रियों ने खुलकर केंद्र के सीएए कानून का समर्थन किया तो कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावडा ने कहा कि मुख्यमंत्री रुपाणी का खुद का जन्म बर्मा में हुआ था। वहीं निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने भी कहा कि गुजरात की 6 करोड जनता से नागरिकता का सबूत मांगने वाले मुख्यमंत्री रुपाणी जनता को अपने भारतीय होने का सबूत देंगे। इस पर खुद रुपाणी ने अपने बचाव में कहा कि उनके माता पिता के पास भारतीय पासपोर्ट था जिसके चलते उनका नाम जनम के साथ भारतीय के तौर पर दर्ज हो गया था।
कांग्रेस विधायक इमरान खेडावाला ने अपने खून से लिखा सीएए विरोध करने का प्ले कार्ड विधानसभा में दिखाया तो अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने कहा यह पाकिस्तान की संसद नहीं है। विधायक को इस तरह सदन में प्ले कार्डनहीं दिखाना चाहिए। अध्यक्ष के इस बयान पर जहां कांग्रेस अध्यक्ष चावडा ने विरोध जताया कि उन्हें इस तरह का आपत्तिजनक बयान नहीं करना चाहिए। तो उपमुख्यमंत्री ने त्रिवेदी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष त्रिवेदी का बयान एकदम दुरुस्त है, ये पाकिस्तान की संसद नहीं है जहां सीएए के विरोध में प्ले कार्ड दिखाए जाएं।
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