महाराष्ट्र विधानसभा में कंगना रनौत व अर्नब गोस्वामी के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव
Maharashtra Assembly महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में अर्नब गोस्वामी व अभिनेत्री कंगना रनौत के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव स्वीकार कर लिए गए हैं।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। Maharashtra Assembly: बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में पिछले 86 दिनों से मीडिया व सोशल मीडिया पर चल रही तकरार मंगलवार को महाराष्ट्र विधानमंडल में भी पहुंच गई। मानसून सत्र का दूसरा और अंतिम दिन इसी विवाद की भेंट चढ़ गया। विधानमंडल के दोनों सदनों में पत्रकार अर्नब गोस्वामी व अभिनेत्री कंगना रनौत के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव स्वीकार कर लिए गए हैं। यदि सदन में ये प्रस्ताव पास हुए तो दोनों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। पत्रकार अर्नब गोस्वामी एक निजी चैनल के प्रबंध निदेशक व प्रधान संपादक हैं। वह अप्रैल में मुंबई के पड़ोसी जिले पालघर में हुई दो साधुओं की निर्मम हत्या के बाद से ही अपने चैनल में मुंबई पुलिस पर लगातार तीखे हमले करते आ रहे हैं।
फिर 14 जून को हुई सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत के बाद भी यह सिलसिला जारी रहा। पुलिस पर हमला करने के साथ-साथ वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को भी निशाने पर रखते आए हैं। इसी प्रकार अभिनेत्री कंगना रनौत भी सुशांत की मौत के बाद से ही मुंबई पुलिस की आलोचना करती रही हैं। पिछले सप्ताह मुंबई की तुलना पाक अधीकृत कश्मीर से करने के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत से उनकी ट्वीटर पर तकरार और तेज हो गई। मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना विधायक प्रताप सरनाइक ने अर्नब गोस्वामी व कंगना रनौत के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। इसी प्रकार विधान परिषद में शिवसेना विधायक मनीषा कायंदे ने अर्नब गोस्वामी के विरुद्ध व कांग्रेस विधायक अशोक जगताप ने मुंबई के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणियां करने के लिए कंगना रनौत के विरुद्ध प्रस्ताव पेश किया।
विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश करते हुए शिवसेना विधायक सरनाइक ने कहा कि मीडिया की स्वतंत्रता के नाम पर अर्नब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरद पवार व अन्य निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की छवि खराब करने का काम कर रहे हैं। हम इसकी निंदा करते हैं और सदन से इनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं। विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जब कोई प्रधानमंत्री पर टिप्पणी करता है, तो आप नाराज होते हैं। मुख्यमंत्री पर की गई वैसी ही टिप्पणियों पर आप लोगों का गुस्सा क्यों नहीं महसूस करते?
वरिष्ठ मंत्री छगन भुजबल ने भी इस प्रस्ताव के समर्थन में बोलते हुए कहा कि हालांकि लोकतंत्र में सबको अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता है, लेकिन इसकी भी कुछ मर्यादा होनी चाहिए। जबकि सपा विधायक अबू आसिम आजमी ने कंगना रनौत पर बरसते हुए कहा कि ये कहती है कि हमने बॉलीवुड में इस्लामिक वर्चस्व खत्म किया। ये बेशर्म औरत इस्लाम पर बोलती है। विधानसभा में अध्यक्षता कर रहे उपसभापति नरहरि जीरवाल ने इस प्रस्ताव पर विधायी कानून के मुताबिक कार्रवाई के निर्देश दिए, जबकि विधान परिषद के सभापति रामराजे निंबालकर ने भी यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है।
दूसरी ओर, विधानसभा में इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि यह चालू सत्र का अंतिम दिन है। इसमें चर्चा के लिए कोविड जैसी महामारी के अलावा और भी कई महत्त्वपूर्ण विषय हैं। जिन पर इन गौण विषयों के कारण चर्चा नहीं हो पा रही है। फड़नवीस ने सत्तारूढ़ दलों पर मीडिया की स्वतंत्रता को लेकर दोहरा रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया।
सदन में बहस के दौरान शिवसेना विधायक सरनाइक ने अभिनेता शेखर सुमन के पुत्र अध्ययन सुमन के एक पुराने साक्षात्कार को उद्धत करते हुए कंगना रनौत पर ड्रग्स लेने का आरोप भी लगाया व इसकी जांच करवाने की मांग राज्य के गृहमंत्री से ही। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि दो विधायकों ने अध्ययन सुमन के साक्षात्कार का उल्लेख करते हुए कंगना रनौत पर ड्रग्स लेने का आरोप लगाया है। वह जबरदस्ती अध्ययन सुमन को भी ड्रग्स लेने पर बाध्य करती थी। अब हमने मुंबई पुलिस से इसकी जांच करने को कहा है।