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ब‍िजनौर हिंसा में मारे गए युवकों के घर पहुंचीं प्रियंका, कहा- भारतीयता का सुबूत मांगने की इजाजत नहीं

CAA Protest in UP कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अचानक ब‍िजनौर में हुई हिंसा में मारे गए नहटौर निवासी अनस और सुलेमान के घर पहुंच गई।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sun, 22 Dec 2019 04:06 PM (IST)Updated: Sun, 22 Dec 2019 09:56 PM (IST)
ब‍िजनौर हिंसा में मारे गए युवकों के घर पहुंचीं प्रियंका, कहा- भारतीयता का सुबूत मांगने की इजाजत नहीं
ब‍िजनौर हिंसा में मारे गए युवकों के घर पहुंचीं प्रियंका, कहा- भारतीयता का सुबूत मांगने की इजाजत नहीं

बिजनौर, जेएनएन। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रविवार शाम अचानक बिजनौर जिले के नहटौर पहुंच गईं। वह शुक्रवार को नहटौर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध को लेकर हुई हिंसा में मारे गए अनस और सुलेमान के परिजनों से मिलीं। साथ ही घायल ओमराज सैनी के परिवार से भी मिलने पहुंचीं। प्रियंका ने परिजनों को सांत्वना दी और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। प्रियंका ने नागरिकता कानून को जनहित के विरुद्ध बताते हुए कहा कि सरकार को देश के किसी भी नागरिक से भारतीयता का सुबूत मांगने की इजाजत नहीं है।

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रविवार शाम करीब चार बजे पहुंचीं प्रियंका गांधी का दौरा पूरी तरह गोपनीय रखा गया। प्रियंका सबसे पहले मोहल्ला मिर्दगान स्थित मृतक अनस के घर पहुंचीं। प्रियंका ने अनस के परिजनों से पूरी घटना की जानकारी ली और उन्हें सांत्वना दी। इसके बाद वे मोहल्ला नौधा स्थित मृतक सुलेमान के घर पहुंचीं और परिवार को सांत्वना दी। बाद में प्रियंका घायल ओमराज सैनी के घर कासमपुर लेखराज पहुंचीं। यहां उन्होंने ओमराज की पत्नी सुधा सैनी को गले लगाकर उनका हाल-चाल जाना।

इस दौरान प्रियंका के साथ पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद भी मौजूद रहे। ओमराज के घर से निकलने पर प्रियंका ने कहा कि सरकार ऐसे गरीब और किसानों से उनके नागरिकता के कागजात मांग रही है, जो मेहनत मजदूरी कर अपना परिवार पाल रहे हैं और झोपड़ी में रह रहे हैं। वे कैसे कोई कागज देंगे। क्या कांग्रेस आंदोलन के नेतृत्व की जिम्मेदारी लेगी, मीडिया के इस सवाल को प्रियंका टाल गईं। उन्होंने कहा कि सरकार को नहटौर मामले की उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए।

हिंसा में अब तक 19 लोगों की जा चुकी है जान

नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में भड़की आग तीन दिनों तक सुलगती रही। हिंसा के दौरान अब तक नौ जिलों में 19 लोगों की मौत हुई है। हालांकि डीजीपी मुख्यालय ने 15 की मौत की ही पुष्टि की है। सबसे अधिक मेरठ में पांच लोगों की मौत हुई है। 21 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद की गई है। पुलिस ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में हजारों लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। बिजनौर में उपद्रवियों ने अस्पताल, दुकानों, कारों व बसों में तोड़फोड़, आगजनी के साथ फायरिंग की थी। इस दौरान तीन व्यक्तियों को गोली लगी, जिनमें दो लोगों (सुलेमान और अनस) की मौत हो गई थी। करीब 50 से अधिक लोग और पुलिसकर्मी घायल हुए थे।


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