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प्रियंका गांधी का UPCC संगठन में जातीय समीकरण साधने का ध्यान, 17 जिला-शहर अध्यक्ष घोषित

Priyanka Gandhi Vadra प्रियंका गांधी वाड्रा का फोकस अब 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर है। कई चरणों में आखिरकार अपना संगठन लगभग पूरा तैयार कर लिया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 10:24 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 10:52 AM (IST)
प्रियंका गांधी का UPCC संगठन में जातीय समीकरण साधने का ध्यान, 17 जिला-शहर अध्यक्ष घोषित
प्रियंका गांधी का UPCC संगठन में जातीय समीकरण साधने का ध्यान, 17 जिला-शहर अध्यक्ष घोषित

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में लगभग हशिए पर चल रही कांग्रेस में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव तथा उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा जान फूंकने में लगी है। लोकसभा चुनाव 2019 में प्रदेश की 80 में से सिर्फ एक सीट (रायबरेली) जीतने वाली कांग्रेस को प्रियंका गांधी 'टॉनिक' पिलाने की योजना में हैं।

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प्रियंका गांधी वाड्रा का फोकस अब 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर है। लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश की सभी जिला-शहर इकाइयों को भंग करने वाली प्रदेश कांग्रेस ने कई चरणों में आखिरकार अपना संगठन लगभग पूरा तैयार कर लिया।

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ने बुधवार को प्रदेश के 17 जिला-शहर अध्यक्षों की घोषणा कर दी। यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के मनमाफिक तैयार हो रहे संगठन में जातीय समीकरण पर ज्यादा जोर है। इसी उधेड़बुन में अब भी आठ शहर अध्यक्षों की घोषणा अंतिम दौर में मंथन में फंसी है।

उत्तर प्रदेश में पार्टी की कमान राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने थाम रखी है। उनकी सक्रियता के बाद से ही प्रदेश में पार्टी भी सक्रिय नजर आ रही है। यह सारी तैयारी 2022 में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर है। इसके लिए एक-एक जिला और शहर अध्यक्ष बनाने के लिए प्रियंका गांधी ने अपने भरोसेमंद कार्यकर्ताओं से रिपोर्ट ली। इसके बाद नाम मांगे और फिर जातीय समीकरण के गुणा-भाग के आधार पर नामों की घोषणा शुरू हुई।

उत्तर प्रदेश में पहले संगठन के लिहाज से कांग्रेस की कुल 130 जिला-शहर इकाइयां थीं, लेकिन इस वर्ष सोनभद्र शहर और आजमगढ़ नई इकाई बनाई गई है। इस तरह कुल 132 इकाइयां हो गईं। कई चरणों में अध्यक्ष घोषित होते रहे। बुधवार को भी 17 जिला-शहर अध्यक्ष घोषित किए गए। इस सूची ने भी इशारा किया है कि कांग्रेस कैसे हालात भांपते हुए रणनीति के हिसाब से चल रही है।

   जिला-शहर अध्यक्ष

- लखनऊ जिला- वेद प्रकाश त्रिपाठी

- बहराइच जिला- जेपी मिश्रा

- गोंडा जिला- पंकज चौधरी

- गोंडा शहर- रफीक राइनी

- बदायूं जिला- ओंकार ङ्क्षसह

- बदायूं शहर- असरार अहमद

- पीलीभीत शहर- मोङ्क्षनदर सक्सेना

- कासगंज शहर- राजेंद्र कश्यप

- मीरजापुर शहर- राजन पाठक

- गोरखपुर शहर- आशुतोष तिवारी

- सोनभद्र शहर- राजीव कुमार त्रिपाठी

- जालौन शहर- रेहान सिद्दीकी

- आजमगढ़ शहर- नाजम खान

- उन्नाव शहर- अरुण कुशवाहा

- लखीमपुर शहर- सिद्धार्थ त्रिवेदी

- मोदीनगर शहर- आशीष शर्मा

- मुगलसराय शहर- रामजी गुप्ता

बचे आठ शहर

शाहजहांपुर, बहराइच, कानपुर नगर, प्रयागराज का जमुना पार, रायबरेली, बरेली, बिजनौर और रामपुर।

उल्लेखनीय है कि विकास दुबे और उसके साथी बदमाशों के एनकाउंटर के बाद से ही कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने ब्राह्मण कार्ड खेलना शुरू कर दिया। वह इन बदमाशों की हत्या को ब्राह्मण समाज से जोड़कर इस वर्ग को अपने साथ जोडऩे के प्रयास में है। उसी कोशिश को इसी सूची में भी आगे बढ़ाया गया है। कुल 17 नामों की घोषणा हुई है, जिनमें सात ब्राह्मण हैं, जबकि चार मुस्लिम हैं। अब जो आठ शहर अध्यक्ष बचे हैं, उनमें भी कानपुर नगर सहित कुछ शहरों में ब्राह्मण अध्यक्ष बनाए जाने की ही पूरी संभावना जताई जा रही है। 


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