गोरखपुर के विंध्यवासिनी पार्क का नाम बदलने पर प्रियंका गांधी ने जताई आपत्ति Gorakhpur News
गोरखपुर के विंध्यवासिनी पार्क का नाम बदलने का कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने विरोध किया है।
गोरखपुर, राजेश्वर शुक्ल। गोरखपुर के विंध्यवासिनी पार्क (व्ही पार्क) का नाम बदलने पर सियासत शुरू हो गई है। पार्क का नाम बदलकर हनुमान प्रसाद पोद्दार राजकीय उद्यान किए जाने पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव व पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान बताते हुए ट्वीट कर आपत्ति जताई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी पार्क का नाम बदलने पर सम्पूर्ण स्वाधीनता संग्राम का अपमान बताया है।
1952 में हुई थी पार्क की स्थापना
पार्क में लगे शिलापट के मुताबिक पार्क की स्थापना 1952 में हुई थी। लगभग 35 एकड़ में फैले इस पार्क में प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग सुबह व शाम टहलते हैं। इसके अलावा यहां पर बड़ी संख्या में लोग योग आदि भी करते हैं। बच्चों में भी यह काफी लोकप्रिय है।
यह पार्क वी आकार में होने के साथ ही शहर में ग्रीनरी का सबसे बड़ा एरिया है। इसमें बड़हल, खिरनी, शमी समेत 40 विलुप्तप्राय हो चुके पौधे भी संरक्षित किए गए हैं। लीची व आम के सैकड़ों पेड़ हैं जिससे विभाग को हर साल लाखों रुपये की आमदनी होती है। गुलाब के फूलों की लगभग 30 प्रजातियां इस पार्क में मौजूद है।
यह है प्रियंका गांधी का ट्वीट
हमारे स्वतंत्रता सेनानी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। गोरखपुर के विंध्यवासिनी प्रसाद वर्मा जी ने चंपारन सत्याग्रह से लेकर भारत छोड़ो आंदोलन तक गांधी जी के साथ कदम से कदम मिलाकर आजादी की लड़ाई में अपना योगदान दिया। आज भाजपा सरकार अपने घमंड में चूर होकर विंध्यवासिनी प्रसाद वर्मा जी के नाम पर बने गोरखपुर स्थित पार्क का नाम बदल रही है। ये स्वतंत्रता सेनानी का अपमान है। - प्रियंका गांधी, राष्ट्रीय महासचिव
'चम्पारन सत्याग्रह' से 'भारत छोड़ो आंदोलन' तक गांधीजी जी के सहयोगी रहे महान स्वाधीनता संग्राम सेनानी बाबू विंध्यवासिनी प्रसाद वर्मा के नाम पर आजादी के पहले से बने 'विंध्यवासिनी पार्क' का नाम बदला जाना सम्पूर्ण स्वाधीनता संग्राम का अपमान है। उत्तर प्रदेश सरकार का कृत्य निंदनीय है। - अजय कुमाल लल्लू, प्रदेश अध्यक्ष
पहले बिस्मिल भवन को ढहाना और अब विंध्यवासिनी पार्क का नाम बदलना, यह साबित करता है कि यह सरकार और इसके मुखिया आजादी की लड़ाई और उसके नायकों से कितनी नफरत पाले बैठे हैं। वे नाम बदलकर आजादी के संघर्ष को खारिज करना चाहते हैं, लेकिन यह संभव कहां है? सरकार के इस कृत्य के खिलाफ गोरखपुर के लोग लड़ेंगे और ठीक से लड़ेंगे। - विश्वविजय सिंह, प्रदेश महासचिव