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Rajasthan Panchayat Election 2020: राजस्थान में पंचायत चुनाव की घोषणा, चार चरण में होगा मतदान

Rajasthan Panchayat Election 2020 राज्य निर्वाचन विभाग ने 33 में से 21 जिलों में पंचायत समितियों व जिला परिषदों के चुनाव कराने का कार्यक्रम घोषित किया है। शेष 12 जिलों से जुड़े विभिन्न मामलों को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के कारण चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 02:58 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 04:08 PM (IST)
Rajasthan Panchayat Election 2020: राजस्थान में पंचायत चुनाव की घोषणा, चार चरण में होगा मतदान
राजस्थान में पंचायत चुनाव की घोषणा, चार चरण में होगा मतदान।

जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan Panchayat Election 2020: राजस्थान में पंचायत व जिला परिषद चुनाव की घोषणा हो गई है। राज्य निर्वाचन विभाग ने शनिवार को प्रदेश के 33 में से 21 जिलों में पंचायत समितियों व जिला परिषदों के चुनाव कराने का कार्यक्रम घोषित किया है। शेष 12 जिलों से जुड़े विभिन्न मामलों को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के कारण फिलहाल चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं। इन 12 जिलों में अगले चरण में चुनाव होंगे। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में 2 करोड़ 41 लाख 87 हजार 946 मतदाता मताधिकार का प्रयोग करेंगे। निर्वाचन विभाग के अनुसार, 21 जिलों के 636 जिला परिषद सदस्यों व 4371 पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव संपन्न होंगे। कोरोना महामारी को देखते हुए मतदान का समय सुबह 7:30 से शाम 5 बजे तक तय किया गया है । इस बार प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या भी 11 से कम कर 900 कर दी गई है।

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निर्वाचन विभाग के सचिव अशोक कुमार जैन द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार 4 नवंबर पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की होगी। नामांकन-पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 9 नवंबर तय की गई है। 11 नवंबर को नाम वापस लिए जा सकेंगे। इसी दिन चुनाव चिन्ह का आवंटन होगा। पहले चरण का मतदान 23 नवंबर को होगा। वहीं, दूसरे का 27, तीसरे का एक दिसंबर और चौथे का 5 दिसंबर को होगा। मतगणना 8 दिसंबर को होगी। जिला प्रमुख व पंचायत समिति प्रधान का चुनाव 10 दिसंबर को होंगे। प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार अब तक ग्राम पंचायतों की तर्ज पर पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों के चुनाव भी बिना किसी पार्टी के सिंबल के करवाने पर विचार कर रही थी।

इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्रियों व कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ कई बार चर्चा भी की थी। सरकार ने लगभग तय कर लिया था कि जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों के अलावा प्रधान और जिला प्रमुख के चुनाव भी बिना सिंबल या सिंबल पर कराए जाने चाहिए। कांग्रेस के जिन विधायकों के क्षेत्र में पार्टी का ग्रासरूट पर जनसमर्थन ठीक है, वे सिंबल पर ही चुनाव चाहते हैं। कमजोर स्थिति वाले और ग्रामीण इलाकों में वहां के विधायकों ने बिना सिंबल चुनाव करवाने की राय दी थी। कांग्रेस तैयारी कर ही रही थी कि निर्वाचन विभाग ने शनिवार को अचानक चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया। अब सिंबल पर ही चुनाव होंगे।


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