आठ दिन पहले हो गई थी 'ऑपरेशन क्लीन' की तैयारी, विधायकों की नजर अगले कदम पर
इनेलो में ऑपरेशन क्लीन की तैयारी अाठ दिन पहले ही कर ली गई थी। दूसरी ओर दिल्ली में दुष्यंत चौटाला के आवास पर समर्थकों के भारी संख्या में आने का इनेलो नेता आकलन में जुट गए हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। चौटाला परिवार की कलह में इनलो प्रधान ओमप्रकाश चौटाला द्वारा दुष्यंत चौटाला व उनके भाई दिग्विजय चौटाला पर की गई कार्रवाई से पार्टी में हड़कंप है। विधायकों को पार्टी सुप्रीमो के अगले कदम का इंतजार है। इन सब के बीच चौटाला परिवार और इनेलो दोफाड़ नजर आ रहा है। दुष्यंत चौटाला के नई दिल्ली में अपने आवास पर पूरे मामले में चुप्पी तोड़ने और समर्थकों के संबोधन में कही गई बातों का पार्टी के नेता अपने हिसाब से आकलन कर रहे हैं। दूसरी ओर, खुलासा हुआ है कि पार्टी में 'आॅपरेशन क्लीन' की तैयारी अाठ दिन पहले की कर ली गई थी।
दुष्यंत के दिल्ली आवास पर समर्थकों के उमड़ने का अपने हिसाब से आकलन कर रहे इनेलो नेता
बता दें कि ओमप्रकाश चौटाला ने दुष्यंत को बृहस्पतिवार रात को इनेलाे को निलंबित किया था आैर इनेलो की युव विंग और इनसो की इकाइयों को भंग कर दिया था। अगले दिन यानि शुक्रवार को दिग्विजय चौटाला को भी इनेलो से निलंबित कर दिया गया था। पूरे मामले दरअसल आेम प्रकाश चौटाला के जेल से पेरोल पर बाहर अने के बाद 3 अक्टूबर काे हुई पार्टी की बैठक में इस 'ऑपरेशन क्लीन' की पटकथा तैयार कर ली गई थी।
दरअसल, 3 अक्टूबर को पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला जब फरलो पर जेल से बाहर आए तो उन्होंने गुरुग्राम में पार्टी के राष्ट्रीय स्तर से लेकर हरियाणा और दूसरे राज्यों के तमाम नेताओं की बैठक बुलाई थी। तब भी दुष्यंत को संसदीय दल का नेता होने के बावजूद बोलने का अवसर नहीं दिया गया। माना जा रहा है कि बैठक से पहले ही अभय चौटाला ने अपने पिता को दुष्यंत व दिग्विजय के बारे में पूरा फीडबैक दे रखा था।
दुष्यंत व दिग्विजय और उनके समर्थकों द्वारा एसवाईएल मुद्दे पर किए गए संघर्ष में सहयोग न करने और पार्टी की बैठकों में शामिल न होने को लेकर पहले से ही चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था। इस घटनाक्रम के बाद 5 अक्टूबर को दुष्यंत ने अपने समर्थकों की जींद में बैठक बुलाई। अभय खेमे का दावा है कि इस बैठक में ही युवा इनेलो और इनसो कार्यकर्ताओं ने रैली में अभय का विरोध करने की रणनीति बनाई।
6 अक्टूबर को अभय चौटाला जब गोहाना में रैली स्थल का दौरा करने गए तो वहां मुख्य मंच पर लगे होर्डिंग में दुष्यंत की फोटो नहीं होने से उनके समर्थक भडक़ गए और उन्होंने अभय के खिलाफ नारेबाजी भी की। अगले दिन 7 अक्टूबर को पूरे घटनाक्रम से पर्दा तब उठा जब अभय चौटाला के भाषण के दौरान दुष्यंत समर्थकों ने हूटिंग करते हुए गोबैक के नारे लगा दिए। इसके बाद से इनेलो में अंदरूनी घमासान तेज हो गया जिसका असर अब दिख रहा है।
इनेलो विधायक असमंजस में, इनेलो सुप्रीमो के अगले कदम का इंतजार
पार्टी में मचे घमासान से कार्यकर्ताओं के साथ-साथ इनेलो विधायक भी असमंजस में हैैं। पार्टी विधायकों की निगाह इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के अगले कदम पर टिकी हुई है। हरियाणा विधानसभा में इनेलो के 19 विधायक हैैं। शिरोमणि अकाली दल (बादल) के एक विधायक ने भी इनेलो को समर्थन दे रखा है। एक इनेलो विधायक सत्तारूढ़ भाजपा के साथ है। पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला के जेल जाने के बाद अभय चौटाला ने पूरी मजबूती के साथ संगठन को खड़ा किया है।
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एसवाईएल नहर निर्माण का मुद्दा हो या फिर विधानसभा में किसानों की आवाज उठाने के मुद्दे, इनेलो के समस्त विधायक विपक्ष के नेता अभय चौटाला के समर्थन में खड़े नजर आए। गोहाना रैली के बाद अब जबकि इनेलो की फूट पूरी तरह से उजागर हो गई है, उसे देखते हुए बाकी राजनीतिक दलों की निगाह विधायकों के अगले कदम पर टिक गई है।
शुक्रवार को सोशल मीडिया पर खबर वायरल की गई कि कई विधायक दुष्यंत चौटाला को समर्थन दे रहे हैैं। दूसरी ओर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगले साल लोकसभा और विधानसभा चुनाव ओमप्रकाश चौटाला व अभय चौटाला टिकट बांटने की स्थिति में होंगे तो ऐसे में कितने विधायक दुष्यंत के साथ जाने का रिस्क लेंगे यह बड़ा सवाल है।