One Year Of Gehlot Government: एक साल में 119 वादे किए पूरे; शेष वादे भी शीघ्र पूरे करेंगे
One Year Of Gehlot Government. गहलोत ने अपने एक साल के कार्यकाल को सफल और जन आंकोक्षाओं को पूरा करने वाला बताते हुए कहा कि सफल और पारदर्शी प्रशासन हमारा ध्येय है।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। One Year Of Gehlot Government. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार मंगलवार को एक साल का कार्यकाल पूरा करेगी। पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस द्वारा जारी किए गए जनघोषणा पत्र में 503 वादे किए गए थे, गहलोत सरकार ने इनमें से 119 वादों को पूरा किया है। कुछ वादों को लेकर मंगलवार को सरकार की पहली वर्षगांठ पर घोषणा की जाएगी। सीएम अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि 213 वादों पर काम चल रहा है, शेष वादे भी शीघ्र पूरे कर लिए जाएंगे। गहलोत ने अपने एक साल के कार्यकाल को सफल और जन आंकोक्षाओं को पूरा करने वाला बताते हुए कहा कि सफल और पारदर्शी प्रशासन हमारा ध्येय है। गहलोत सरकार ने चुनाव के दौरान किए बड़े वादे तो पूरे किए, लेकिन सत्ता के शीर्ष में आपसी खींचतान के चलते इन पर अमल नहीं हो सका।
सीएम गहलोत और डिप्टी सीएम एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर एक साल पहले शुरू हुई खींचतान अब तक जारी है। दोनों के बीच सार्वजनिक रूप से तल्खी कई बार देखने को मिली है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे ने कई बार गहलोत और पायलट के बीच सेतु का काम किया, लेकिन दोनों के बीच की दूरी कम नहीं हो सकी। दोनों दिग्गजों के बीच चल रही खींचतान चलते सत्ता और संगठन में तालमेल के लिए समन्वय समिति तक नहीं बन सकी। आपसी खींचतान के चलते सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरा होने के बावजूद राजनीतिक नियुक्तियां भी नहीं हुईं। हालांकि राजनीतिक जोड़तोड़ में माहिर सीएम गहलोत ने बसपा के सभी छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल कर लिया। इससे एक तरफ जहां कांग्रेस की आंतरिक राजनीति में गहलोत मजबूत हुए हैं, वहीं विधानसभा में पार्टी का संख्या बल भाजपा के मुकाबले अधिक हुआ।
ये वादे पूरे किए
गहलोत ने सत्ता संभालने के तत्काल बाद जन घोषणा पत्र के वादे पूरे करने का काम शुरू किया। सबसे पहले तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के वादे को पूरा करते हुए किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की गई है। इसके तहत सहकारी बैँकों के किसानों का कर्ज माफ कर दिया गया, अब राष्ट्रीयकृत बैँकों का कर्ज माफ होना शेष बचा है। इसके बाद रोजगार कार्यालयों में पंजिकृत बेरोजगार युवाओं को 3500 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की गई। पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता समाप्त करने के साथ ही वृद्धावस्था, विधवा और विकलांगों की पेंशन 500 से बढ़ाकर 750 एवं 750 से बढ़ाकर 1000 रुपये की गई।
गुटखे पर रोक लगाई गई, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच, दवा योजना फिर से शुरू, गरीबों को एक रुपये किलो में गेहूं का वादा पूरा किया गया। मनरेगा कार्य दिवस में बढ़ोतरी की गई। आर्थिक रूप से पिछड़ों के सर्टिफिकेट बनवाने के लिए भूमि एवं भवन संबंधी प्रावधान समाप्त किया गया। मोस्ट बैकवर्ड क्लास के तहत गुर्जरों को आरक्षण दिया गया। सिलिकोसिस नीति बनाने के साथ ही जेईई, नीट की तैयारी के लिए सरकारी खर्च पर कोचिंग की सुविधा देने और सहकारी संस्थाओं के चुनाव की घोषणा की गई। सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी का स्तर सुधारा गया, शासन सचिवालय का आधुनिकीकरण शुरू हुआ, राजस्थान विधानसभा में डिजिटल म्यूजियम का शुभारंभ करने के साथ ही जयपुर में गांधी म्यूजियम की स्थापना हुई। बाड़मेर में रिफाइनरी की स्थापना में तेजी आई।
उल्लेखनीय है कि सत्ता में आते ही मंत्रिमंडल की पहली बैठक में गहलोत ने जन घोषणा-पत्र को सरकारी दस्तावेज बनाने को मंजूरी दी गई। इसे लागू कराने की जिम्मेदारी मुख्य सचिव को सौंपी गई। अब सरकार का मुख्य फोकस लोक कल्याणकारी योजनाओं को अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचाने पर है।