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IAS अंशु प्रकाश विवाद: उपराज्यपाल बैजल से मिल रहे केजरीवाल, सिसोदिया लगा रहे आरोप

केजरीवाल सरकार और अधिकारियों के बीच विवाद सुलझता नजर नहीं आ रहा है। दोनों पक्ष अपनी अपनी बातों पर अड़े हुए हैं।

By Lalit RaiEdited By: Published: Thu, 01 Mar 2018 02:06 PM (IST)Updated: Thu, 01 Mar 2018 02:20 PM (IST)
IAS अंशु प्रकाश विवाद:  उपराज्यपाल बैजल से मिल रहे केजरीवाल, सिसोदिया लगा रहे आरोप
IAS अंशु प्रकाश विवाद: उपराज्यपाल बैजल से मिल रहे केजरीवाल, सिसोदिया लगा रहे आरोप

नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। दिल्ली की सियासत में इस वक्त केजरीवाल सरकार और आइएएस अधिकारियों के बीच सीधी जंग छिड़ गई है। मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को थप्पड़ मारे जाने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। एक तरफ आइएएस संगठन आरोपी विधायकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग ( दो विधायकों प्रकाश जरवाल और अमानतुल्लाह खान की गिरफ्तारी हो चुकी है) के साथ सीएम और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से माफी की मांग कर रहे हैं तो केजरीवाल सरकार का मानना है कि अधिकारियों के असंवेदनशील रवैये से दिल्ली की जनता परेशान हो रही है। इन सबके बीच सीएम केजरीवाल ने उपराज्यपाल से मुलाकात की। लेकिन इस मुलाकात को लेकर उन्होंने ट्वीट किया और बताया दरअसल जो लोग सोच रहे हैं उस मुद्दे पर मुलाकात नहीं हुई। आइए पहले आप को बताते हैं कि उप राज्यपाल बैजल और केजरीवाल के मुलाकात के बीच क्या कुछ हुआ।
तल्खी के बीच बैजल-केजरीवाल मुलाकात
सियासी तल्खियों के बीच बुधवार शाम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की। यह मुलाकात करीब आधे घंटे तक चली। हालांकि, इस मुलाकात को लेकर दोनों ने ट्वीट अलग-अलग किए। उपराज्यपाल ने अलग विषय बताया, जबकि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अलग।राजनिवास में उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री के बीच मुलाकात शाम करीब पांच बजे से साढ़े पांच बजे तक चली। इसके बाद उपराज्यपाल बैजल ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया है कि सरकार और अधिकारियों के बीच चल रहे गतिरोध को दूर करने की दिशा में वे हरसंभव कदम उठाएंगे। साथ ही वे अधिकारियों को काम पर लौटने के लिए प्रोत्साहित भी करेंगे। उन्होंने कहा कि जनता के हित में आवश्यक है कि सभी आपस में मिल जुलकर कार्य करें और बेहतर माहौल बनाएं।

वहीं मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने उपराज्यपाल से दो मुद्दों पर बात की। पहला, लोक निर्माण विभाग तथा सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के नालों से सिल्ट निकलवाने की पुख्ता व्यवस्था की जाए। इसके लिए जमीन भी जल्द ही मुहैया करा दी जाएगी। दूसरा, स्कूलों की छुटटी होने के समय छात्रओं से होने वाली छेड़खानी की घटनाओं पर अंकुश लगाया जाए। बीट कांस्टेबलों को निर्देश दिया जाए कि इस दौरान वे स्कूल के आसपास ही गश्त करें।

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 ऐसे में सवाल ये है कि सच क्या है। अगर उप राज्यपाल अनिल बैजल के ट्वीट को देखें तो एक बात साफ है कि वो चाहते हैं कि केजरीवाल सरकार और अधिकारियों के बीच में जो अनबन है वो जल्द से जल्द दूर हो सके। लेकिन सीएम केजरीवाल का ट्वीट कुछ और ही कहता है। सीएम साहब कहते हैं कि दिल्ली की व्यवस्था को लेकर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसके साथ ही वो दिल्ली पुलिस पर न केवल निशाना साध रहे हैं बल्कि उपराज्यपाल के जरिए वो दिल्ली पुलिस को सलाह भी दे रहे हैं। ऐसे में एक सवाल उठता है कि दिल्ली पुलिस जो दिल्ली सरकार के अधीन नहीं है उससे बेहतरी की अपेक्षा रखते हैं लेकिन दिल्ली के दूसरे काम जो सीधे सीधे उनके दायरे में आते हैं और  जिसे वो अपने अधिकारियों के मार्फत करवा सकते हैं उनकी वेदना पर चुप्पी साधे हैं। इन ट्वीट्स और दोनों के बीच मुलाकात में क्या बात हुई ये तो बता पाना मुश्किल है। लेकिन दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीषा सिसोदिया सीधे तौर पर उप राज्यपाल अनिल बैजल पर निशाना साध रहे हैं। 
सिसोदिया ने एलजी पर साधा निशाना
दिल्ली सरकार और नौकरशाह के बीच में चल रहे गतिरोध पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सीधे तौर पर उपराज्यपाल अनिल बैजल पर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल (एलजी) अधिकारियों का समर्थन कर रहे हैं, जिससे अधिकारियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। उन्होंने एलजी से कहा कि आपके इशारे पर सबसे पहले वे लोग चिल्लाते हैं, जिन्होंने पूरी जिंदगी कोई काम नहीं किया और जमकर पैसा कमाया है। उन्हें ही मेरे जैसे मंत्रियों के वाट्सएप पर तुरंत-जवाबदेही तय करने में, देर तक काम करने में, फील्ड में जाने में दिक्कत है।

सिसोदिया ने एक बार फिर से उपराज्यपाल अनिल बैजल को तीन पेज का पत्र लिखा है। अपने पत्र में सिसोदिया ने कहा कि एलजी के समर्थन के कारण ही अधिकारी बैठकों से दूरी बना रहे हैं। अधिकारियों को जब बैठकों के लिए बुलाया जाता है तो वे नहीं आते, फोन, वाट्सएप पर जबाव नहीं देते। उन्होंने लिखा कि अधिकारियों के कारण ही पिछले तीन माह से आंगनबाड़ी वर्कर को वेतन नहीं मिला।

दिल्ली के आम लोगों की राय

इस मुद्दे पर दैनिक जागरण ने दिल्ली के अलग अलग हिस्से के लोगों से बात की। मुखर्जी नगर में आइएएस की तैयारी करने वाली रूपेश का कहना है कि मौजूदा समय में जनप्रतिनिधियों के आचरण में जरूरत से ज्यादा गिरावट आई है। ऐसा नहीं है कि अधिकारियों और नेताओं के बीच में नोंकझोंक नहीं होती है। लेकिन दोनों पक्ष एक न्यूनतम मर्यादा को बना कर आगे बढ़ते थे। लेकिन अब हालात ये है कि जनप्रतिनिधि अपने आप को भगवान समझने लगते हैं। तो दूसरी तरफ अधिकारियों में भी सहनशीलता में कमी आई है। 

नजफगढ़ के रहने वाले विवेक भट्ट का कहना है कि केजरीवाल सरकार में विकास के पहिए पर लगाम लग गया है। वो हमेशा किसी न किसी मुद्दे पर कभी केंद्र सरकार को घेरते हैं तो कभी एलजी को निशाना बनाते हैं। अगर आप शीला सरकार के शुरुआती दिनों को देखें तो केंद्र में एनडीए की सरकार थी बावजूद उसके दिल्ली में विकास का काम नहीं रुका । लेकिन ये सरकार पहले दिन से अपने आपको विवादों के चादर में खुद को लपेट लिया है। 

वसंतकुंज के रहने वाले डॉ आर पी राय कहते हैं कि वैकल्पिक राजनीति का दावा करने वाले केजरीवाल उन दलों से भी गिरी राजनीति कर रहे हैं जिन्हें वो कोसा करते थे। सड़कों पर , जनसभाओं में अपने विरोधी दलों के नेताओं में खामी निकालना राजनीति का हिस्सा होता है। लेकिन जब आप सरकार में होते हैं तो आप को सामांजस्य बैठाना होता है। सरकार के पास लोग अपनी समस्याओं को लेकर जाते हैं। लेकिन जब आप खुद को विवादों में,समस्याओं में उलझा लेंगे तो आम लोग हों या खास हर एक परेशानी का सामना करना पड़ेगा। अफसोस की बात ये है कि आज दिल्ली वालों के सामने समस्याओं का पहाड़ खड़ा हो गया है। 
 


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