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प्रशांत किशोर 11 फरवरी को करेंगे बड़ा एेलान, कहा-बंद करें अफवाह-अटकलबाजी

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि वो तृणमूूल कांग्रेस क्यों ज्वाइन करेंगे? वो 11 फरवरी को एेलान करेंगे कि वो क्या करने वाले हैं। तबतक किसी तरह की अफवाह ना फैलाएं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 02:11 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jan 2020 12:49 PM (IST)
प्रशांत किशोर 11 फरवरी को करेंगे बड़ा एेलान, कहा-बंद करें अफवाह-अटकलबाजी
प्रशांत किशोर 11 फरवरी को करेंगे बड़ा एेलान, कहा-बंद करें अफवाह-अटकलबाजी

पटना, काजल। जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने चुनावी रणनीतिकार और पार्टी के उपाध्यक्ष रहे प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) को पार्टी से निकाल दिया है जिसके बाद अफवाहों का बाजार गर्म है कि वो कहां जाएंगे और कौन-सी पार्टी ज्वाइन करेंगे? इसपर प्रशांत ने कहा कि मैं कहीं नहीं जा रहा? बिहार ही आऊंगा, इसे लेकर अफवाहें ना फैलाएं। मैं 11 फरवरी को अपने भविष्य के प्लान की घोषणा करूंगा। इससे पहले इस संबंध में मैं किसी से बात नहीं करूंगा।

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बता दें कि पार्टी लाइन व पार्टी सुप्रीमो नीतीश (Nitish Kumar) कुमार के खिलाफ बयानबाजी करने तथा भारतीय जनता पार्टी (BJP) अमित शाह (Amit Shah) पर तंज कसने के आरोपों के बाद प्रशांत किशोर को जदयू से निष्कासित कर दिया गया है। सियासी गलियारे में उनके तृणमूल कांग्रेस (TMC) ज्वाइन करने की चर्चा तेज रही तो वहीं, प्रशांत किशोर ने Jagran.com से खास बातचीत में कहा कि वो क्यों तृणमूल कांग्रेस ज्वाइन करेंगे? इसे लेकर गलत व निराधार अटकलबाजी चल रही है। 

विदित हो कि प्रशांत किशोर नागरिकता संशोधन कानून (CAA), राष्‍ट्रीय नागरिक रजिस्‍टर (NRC) व राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या रजिस्‍टर (NPR) को लेकर लगातार जदयू की पार्टी लाइन से हटकर बयान देते रहे, जिसकी वजह से जेडीयू के अंदर भी विरोध हो रहा था। बीजेपी भी हमलावर थी। प्रशांत किशोर भी इन हमलों का जवाब दे रहे थे। इसी क्रम में उनकी सीधे नीतीश कुमार से भी भिडंत हो गई, जिसके बाद उन्‍हें पार्टी से निष्‍कासित कर दिया गया।

प्रशांत किशोर के लिए अहम है दिल्ली विधानसभा का चुनाव

बता दें कि प्रशांत किशोर की कंपनी I-PAC ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाल रखा है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को जिताने के लिए पीके हर रोज नए-नए कैंपेन और नारे गढ़ने में लगे हुए हैं। बता दें कि नीतीश से रिश्ते खत्म होने के बाद दिल्ली का चुनाव प्रशांत किशोर के लिए काफी महत्वपूर्ण बन गया है।

जदयू के CAA, NRC, NPR का समर्थन करने पर जताया था विरोध

प्रशांत किशोर जेडीयू द्वारा सीएए को संसद में समर्थन दिए जाने से नाराज चल रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने एनआरसी और एनपीआर को लेकर भी अपना विरोध जताया था। इसे लेकर उन्होंने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात भी की थी और नीतीश कुमार ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा।

इसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर 28 जनवरी को कहा था कि सीएए देश में लागू है। इस पर कोई विवाद है तो यह मामला सुप्रीम कोर्ट के अधीन है। जो भी इस पर प्रश्न उठा रहे हैं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इस पर इंतजार करना चाहिए।

28 जनवरी को पार्टी की बैठक में नीतीश कुमार ने एनपीआर पर कहा कि इसमें कुछ नये प्रावधान लागू किये गए हैं, जिसपर मुझे भी आपत्ति है। एनपीआर को पुराने नियम के साथ ही लागू किया जाना चाहिए। 

राहुल गांधी को कहा था थैंक्स, अमित शाह पर बोला था हमला 

इससे पहले प्रशांत किशोर ने सीएए, एनआरसी का विरोध करने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को शुक्रिया कहा था और भाजपा नेता सह केंद्रीय गृहमंत्री के भाषण पर आपत्ति जताकर जवाब देते हुए कहा था कि नागरिकों की असहमति को खारिज करना किसी भी सरकार की ताकत का संकेत नहीं हो सकता है।

अमित शाह पर हमला करते हुए कहा था कि अगर वे सीएए-एनआरसी का विरोध करने वालों की परवाह नहीं करते हैं, तो आप आगे बढ़ें, उस क्रोनोलॉजी में सीएए और एनआरसी को लागू करने का प्रयास करें। उन्‍होंने सीएए व एनआरसी को लेकर अमित शाह की घोषणा को राष्ट्र के लिए दुस्साहसपूर्वक घोषणा भी बताया।

बीजेपी-जेडीयू नेता कर रहे थे विरोध

प्रशांत किशोर का बीजेपी व जेडीयू के नेता जमकर उनका विरोध कर रहे थे। बीजेपी से सुशील मोदी तो जेडीयू से अजय आलोक और आरके सिंह ने खुलेआम प्रशांत किशोर को लेकर बड़े-बड़े बयान देने शुरू कर दिए थे। उनपर तमाम तरह के आरोप लगाए गए। इसके बाद प्रशांत किशोर ने सुशील मोदी पर तंज कसते हुए एक वीडियो जारी कर ट्वीट किया कि ये सबको सर्टिफिकेट देते फिरते हैं, इनकी भी क्रोनोलॉजी क्लियर है। 

दिल्ली चुनाव को ले अमित शाह पर किया कमेंट

इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर अमित शाह के दिए बयान पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि आठ फरवरी को दिल्ली में ईवीएम का बटन प्यार से दबेगा। जोर का झटका धीरे से लगना चाहिए, ताकि आपसी भाईचारा और सौहार्द खतरे में ना पड़े। प्रशांत किशोर के इस ट्वीट को बीजेपी व जेडीयू दोनों ने पसंद नहीं किया।

नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को लेकर कही थी बड़ी बात

उसके बाद नीतीश कुमार ने हमला करते हुए कहा कि अमित शाह के कहने पर उन्‍होंने प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल कराया था। अब अगर वे जाना चाहते हैं, तो जा सकते हैं। अगर उन्हें जेडीयू के साथ रहना है, तो पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों के मुताबिक चलना पड़ेगा। प्रशांत किशोर आम आदमी पार्टी के लिए रणनीति बना रहे हैं। ऐसे में अब उन्हीं से पूछना चाहिए कि वे जेडीयू में रहना चाहते हैं या नहीं। 

प्रशांत किशोर ने नीतीश को दिया था कड़ा जवाब 

नीतीश कुमार के इस बयान के कुछ ही घंटों बाद प्रशांत ने ट्वीट किया, "आप (नीतीश) मुझे पार्टी में क्यों और कैसे लाए, इस पर इतना गिरा हुआ झूठ बोल रहे हैं। यह आपकी बेहद खराब कोशिश है, मुझे अपने रंग में रंगने की। अगर आप सच बोल रहे हैं तो कौन यह भरोसा करेगा कि अभी भी आपमें इतनी हिम्मत है कि अमित शाह द्वारा भेजे गए आदमी की बात न सुनें?' प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि वे नीतीश कुमार को बिहार आकर जवाब देंगे।

इसके बाद जेडीयू ने कड़ी कार्रवाई करते हुए प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को पार्टी से निष्कासित कर दिया। प्रशांत किशोर ने इसपर ट्वीट कर नीतीश कुमार को थैंक्स कहा।

बता दें कि प्रशांत किशोर ने 2014 के आम चुनाव में बीजेपी के चुनाव प्रचार को 'मोदी लहर' में तब्दील कर दिया था और फिर बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद जेडीयू के साथ बिहार में 2015 के चुनाव में बिहार में महागठबंधन को जीत दिलायी थी। 


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