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FLASHBACK: जब फटे कुर्ते में गजब ढाता था लालू का अंदाज, वो ढोल बजाना वो फाग राग...

बात बिहार की सियासी होली की हो और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की होली याद न आए ऐसा नहीं हो सकता। आइए याद करते हैं लालू की उस होली को जो तीन साल से बंद है।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 10 Mar 2020 10:13 AM (IST)Updated: Tue, 10 Mar 2020 04:05 PM (IST)
FLASHBACK: जब फटे कुर्ते में गजब ढाता था लालू का अंदाज, वो ढोल बजाना वो फाग राग...
FLASHBACK: जब फटे कुर्ते में गजब ढाता था लालू का अंदाज, वो ढोल बजाना वो फाग राग...

पटना, जागरण स्‍पेशल। कोरोना वायरस (Corona Virus) का खौफ कहें या कुछ और, बिहार में इस साल राजनेताओं की सियासी होली का रंग फीका दिख रहा है। राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की चर्चित रही कुर्ताफाड़ होली (Kurtafad Holi) भी उनके जेल में रहने के कारण लगातार तीसरे साल नहीं हो रही है। उस होली में लालू अपने ठेठ गंवई अंदाज में ढ़ाेल लेकर बैठ जाते थे। फाग गायन का दौर चलता था। इस दौरान बड़े व छोटे का भेद मिट जाता था और लालू अपने अंदाज में लोगों से कनेक्‍ट करते थे।

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लोगों से कनेक्‍ट करता था लालू का गंवई अंदाज

होली आए और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की होली (Holi) याद न आए, ऐसा कैसे हो सकता है? तीन साल पहले तक लालू प्रसाद यादव के पटना स्थित सरकारी आवास पर होली का जो रंग जमता था, उसपर देश क्‍या, विदेशों तक में लोगों की नजरें रहतीं थीं। होली के रंग में रंगे लालू का गंवई अंदाज उन्‍हें लोगों से कनेक्‍ट करता था। आम से लेकर खास तक, सबों के कपड़े फाड़ दिए जाते थे। इस होली में रंगों से सराबोर अपने फटे कुर्ते में लालू का अंदाज गजब ढ़ाता था।

ढोल-मंजीरा ले दरवाजे पर फाग गाने बैठते थे लालू

लालू यादव के चारा घोटाला में सजा पाकर रांची के होटवार जेल में सजा काटने व इस दौरान बीमार होकर रिम्‍स (अस्‍पताल) में भर्ती होने के कारण तीन साल से ऐसी होली नहीं मनाई जा रही। लेकिन उनकी कुर्ताफाड़ होली को आरजेडी नेता-कार्यकर्ता याद करते हैं। लालू खुद ढोल-मंजीरा लेकर नेताओं-कार्यकर्ताओं के साथ दरवाजे पर फाग गाने के लिए बैठ जाते थे। राबड़ी देवी (Rabri Devi) भी इसमें सबों का देती थीं।

दोपहर में कुर्ताफाड़ होली, फिर गुलाल व होली गायन

लालू यादव की होली के लिए लोग सुबह सात बजे से ही उनके आवास पर पहुंचने लगते थे। फाग के बीच रंग का दौर चलता था। दोपहर होने तक कुर्ताफाड़ होली शुरू हो जाती थी। सभी के कुर्ते फाड़ दिए जाते थे। नेता व कार्यकर्ता का भेद मिट जाता था। लोग लालू यादव का कुर्ता भी फाड़ देते थे। गोशाला से लाए गए गोबर व कीचड़ से होली का नया दौर चलता था। अपराह्न दो बजे के बाद शुरू होता था अबीर-गुलाल और होली गायन का दौर। होली के लोक गीतों के बीच लालू यादव खुद ढोल बजाते थे।

लगातार तीन साल से जेल में ही होली मना रहे लालू

लालू यादव की इस होली का रंग साल 1997 से 2000 तक खूब जमा। फिर कुछ व्‍यवधानों के बाद बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद इसका दौर फिर शुरू हुआ। लेकिन इधर सरकार गिरी, उधर लालू भी चारा घोटाला में सजा पाकर जेल में चले गए। इसके बाद से लालू की उस यादगार होली की रौनक तीन साल से नहीं दिखी है। तीन साल से उनकी होली जेल में ही मन रही है।

होली पर याद आ ही जाती लालू की सियासी होली

लालू प्रसाद यादव का जेल जाना व उनके पक्ष-विपक्ष में राजनीति को हटा दें तो बिहार में उनकी होली लाजवाब रही है। उनके विरोधी भी इसे स्‍वीकार करते हैं। जब भी बिहार की सियासी होली की बात होती है, लालू की होली बरबस याद आ जाती है। 


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