रोजगार पर घिरे कैप्टन अमरिंदर, दावे की लोग निकाल रहे हवा और कर रहे ऐसे-ऐसे कमेंट
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने घर-घर रोजगार अभियान को लेकर लोगों के निशाने पर आ गए हैं। लोग सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ जमकर कमेंट कर रहे हैं।
चंडीगढ़, [जय सिंह छिब्बर]। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के 'घर घर रोजगार' मुहिम पर घिर गए हैं। अभियान के अंतर्गत 30 सितंबर तक निजी क्षेत्र में दो लाख से अधिक युवाओं को नौकरियां देने के उनके दावे की सोशल मीडिया पर लोगों ने हवा निकाल दी है। लोग इस अभियान पर सवाल उठाने के साथ ही तीखे कमेंट कर रहे हैं। लोगों ने कैप्टन सरकार द्वारा अपने अब तक के कार्यकाल में रोजगार की दिशा में किए गए कार्यों को लेकर निशाना साधा है।
बता दें कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी फेसबुक वॉल पर 9 अगस्त को पोस्ट शेयर करते हुए लिखा था कि सूबे में रोजगार बढ़ाने के मकसद से हम अगले माह से रोजगार मेले शुरू कर रहे हैं। यह रोजगार मेले सूबे के 75 स्थानों पर 9 सितंबर तक आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान प्राइवेट सेक्टर में दो लाख से अधिक नौकरियां दीं जाएंगी।
मुख्यमंत्री की इस पोस्ट पर सैकड़ों लोगों ने तीखी टिप्पणियां करते हुए सरकार की कारगुजारी पर सवाल खड़े कर दिए। लोगों ने कैप्टन पर चुनाव के दौरान किए वादों से आंख फेरने के आरोप भी लगाए। बब्बू संदौर नामक व्यक्ति ने कमेंट किया है - 'नौकरी सरकारी दी बेअंत के पोते को, कर्ज माफी हुआ राजिंदर कौर भट्ठल का। बहुत खूब जैसे और तो पंजाब के निवासी ही नहीं हैं।'
इसी तरह कुलदीप सिंह नामक व्यक्ति ने लिखा, ' नौकरी पता नहीं किस को दी जा रही है, लेकिन प्रोफेशनल टैक्स सब पर लगा दिया।' जसवंत सिंह ने पिछले मेलों में दिए रोजगार की संख्या मांगते हुए लिखा- 'आप सिर्फ प्राइवेट कंपनियों से नौजवानों की लूट करने के लिए मध्यस्थ बन रहे हो।' कुलवंत सिंह ने कमेंट किया, 'साहब ग्रेजुएशन करके सात हजार वाली नौकरी मिलती है, रोटी खाने के लिए क्या संसद वाली कैंटीन में जाएं?'
हरविंदर ने लिखा आपने कांग्रेस खत्म कर दी, आज के बाद कांग्रेस की सरकार के बारे में कभी सोचना भी नहीं। गुरदीप सिंह ने लिखा, कैप्टन साहब आप सरकारी नौकरियों का वादा करके सत्ता में आए थे। यह क्या प्राइवेट नौकरियों का नाटक करने लग पड़े। आप 2022 में किस मुंह से वोट मांगोगे। सतवंतपाल भट्ठल का कहना है कि 58 साल के बाद एक्सटेंशन देना बंद करके रेगुलर भर्ती की जाए।
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जसबीर सिंह नामक व्यक्ति ने लिखा है, ' मेले लगा कर ध्यान न भटकाओ। आपने हर विभाग से 10 दिन के अंदर खाली पोस्टों की लिस्ट मांगी थी, उसकी भर्ती का इश्तिहार दो। मनप्रीत सिंह ने लिखा है, '2022 में आपके साथ वही होगा जो 2017 में अकालियों के साथ हुआ था।'
जसवंत सिंह नामक व्यक्ति ने कमेंट किया है, 'पिछले साल बहुत रोजगार मेलों में गया था। मेलों में पढ़े-लिखे बेरोजगारों से लूट होती है। यहां सरकारी खानापूर्ति व निराशा ही मिलती है।' प्रमोद गर्ग ने लिखा कि नौकरियां रहने दो कनाडा जाने के लिए वीजा दे दो। आरटीआइ कार्यकर्ता परविंदर सिंह व जसवंत सिंह ने मुख्यमंत्री से पिछले समय के दौरान दी गई नौकरियों का विवरण मांगते हुए कहा कि सरकारी विभागों में 60 फीसद पद खाली हैं। अशोक कुमार ने कहा यदि आपके पास इतनी नौकरियां नहीं थीं तो वादा क्यों किया था।
हमारे पास इतने नौकरियां नहीं: कैप्टन
सचित नामक व्यक्ति के कमेंट पर मुख्यमंत्री ने लिखा, हमारे पास इतनी नौकरियां नहीं कि वह सिर्फ अपने महकमों में नौकरियों के सकें। अगर प्राइवेट सेक्टर में दो लाख नौकरियां मिल जाएं तो हंसने की क्या जरूरत है? आपको नौकरी की जरूरत नहीं है मो मत लो। जिस गरीब बच्चे को रोटी नहीं मिलती अगर उसको मिल जाए तो आपको क्या दुख है?
मेरे परिवार को न्याय दो ताकि माता-पिता की आत्मा को शांति मिले
अमृतसर निवासी धरमिंदर ने मुख्यमंत्री को नाम लिखा है कि उसके पिता पंजाब होमगार्ड में तैनात थे। ड्यूटी दौरान 25 जनवरी 1985 को थाना लोपोके में दिल का दौरा पडऩे से उनकी मौत हो गई थी। विभाग ने परिवार की सुध नहीं ली। दफ्तरों के चक्कर काटते-काटते 1998 में माता की भी मौत हो गई। 2 जून 2016 को मामला तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के भी ध्यान में लाया था, लेकिन उन्होंने होमगार्ड वॉलंटियरों के लिए तरस के आधार पर कोई उपबंध न होने के कारण पल्ला झाड़ लिया था। आतंकवाद के काले दौर दौरान में मेरे पिता ने अपनी और परिवार की जानमाल की परवाह किए बगैर सेवा की है। सैनिक होने के नाते आप खुद भली-भांति जानते हैं। मेरे परिवार को न्याय दिलाओ, ताकि मेरे माता-पिता की आत्मा को शांति मिल सके।
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