एनआरसी खिलाफ प्रदर्शन के लिए गाड़ियों में लाए जा रहे लोग, गुप्त सूचना के बाद तलाशी अभियान शुरू
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नारगिरकता संशोधन कानून 2019 (सीएए) के खिलाफ बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों में जारी हिंसक प्रदर्शन का दौर जारी है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नारगिरकता संशोधन कानून 2019 (सीएए) के खिलाफ विगत शुक्रवार से बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों में जारी हिंसक प्रदर्शन का दौर जारी है। इसके प्रतिवाद में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विशाल जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया। पर इस दिन कहीं हिंसक या अन्य तरीके का हंगामा नहीं हुआ। हालांकि इस बीच पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि कोलकाता में औचक प्रदर्शन करने के लिए विभिन्न जिलों से गाड़ियों में भरकर लोगों को लाया जा रहा है।
हावड़ा में इंटरनेट सेवाएं बहाल
हावड़ा जिले में इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त सूचना के अनुसार जिले में इंटरनेट सेवाएं चालू कर दी गई हैं। इस प्रकार से बीते 3 दिनों से जिले में इंटरनेट सेवाओं पर जारी रोक हटा ली गई है। अब लोग इंटरनेट सेवाओं का सामान्य रूप से इस्तेमाल कर पाएंगे।
बता दें कि सीएए और एनआरसी को लेकर जिले में जारी विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने पूरे जिले में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी थी। बीते 3 दिनों तक हावड़ा में इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से बाधित रहीं। इससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
सूत्रों से पुख्ता सूचना मिलने के बाद पुलिस ने कोलकाता में प्रवेश के सारे रास्तों पर बैरिकेडिंग लगा दिया और हर एक आने-जाने वाली गाड़ियों की तलाशी शुरू कर दी है। बसों के अलावा निजी गाड़ियों को भी रोक कर जांच की जा रही है। मूल रूप से दक्षिण 24 परगना के भांगड़ से न्यूटाउन के रास्ते पर पुलिस बैरिकेडिंग की गई है। इस पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
बताया गया है कि न्यूटाउन और भांगड़ के बीच बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक आबादी रहती है, जहां के रहने वाले लोग महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचकर हंगामे की योजना बना रहे हैं। जबकि एनआरसी और सीएए के खिलाफ खुद मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के साथ सड़क पर उतर तक गत सोमवार से लगातार प्रदर्शन कर रहीं हैं। यही कारण है कि पुलिस मैराथन तलाशी अभियान चला रही है, ताकि कहीं किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो सके। उधर, राज्य सरकार की तरफ से प्रशासन को दो टूक शब्दों में निर्देश दिया गया है कि किसी भी कीमत पर कोलकाता में विरोध प्रदर्शन नहीं होने चाहिए।
गौरतलब हो कि पिछले चार दिनों तक बंगाल में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान कई लोग घायल हुए हैं। रेलवे स्टेशन, ट्रेन और बसों को जला दिए गए हैं। मंगलवार की रात में भी हावड़ा जिले में कुछ शरारती तत्वों द्वारा की गई बमबाजी में आइपीएस अधिकारी अजीत सिंह यादव घायल हो गए हैं। इसमें कई अन्य पुलिस कर्मियों को भी चोट आई है। इस तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए ही पुलिस सतर्कता बरत रही है।