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पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती से उनके आवास पर मिले फारुक और उमर अब्दुल्ला

महबूबा ने कहा-मैं एक साल से भी ज्यादा अरसे बाद रिहा हुई हूं। पांच अगस्त के काले दिन का काला फैसला हर पल मेरे दिल और रूह पर वार करता रहा। यही कैफियत जम्मू-कश्मीर के तमाम लोगों की रही होगी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 12:26 PM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 04:32 PM (IST)
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती से उनके आवास पर मिले फारुक और उमर अब्दुल्ला
पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती अपने आवास पर पार्टी नेताओं से मिलीं।

श्रीनगर, एएनआई। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती से आज उनके पास पर नेशनल काफ्रेंस अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला व उमर अब्दुल्ला ने मुलाकात की। मुलाकात के बाद उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि हम महबूबा जी से शिष्टाचार भेंट करने आए थे क्योंकि वह लंबे समय के बाद रिहा हुई हैं। 

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पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को मंगलवार को हिरासत से रिहा किया गया। जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने इस बात की जानकारी दी थी। महबूबा को पिछले साल अगस्त में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर हिरासत में लिया गया था। महबूबा एक साल, दो महीने और 9 दिन बाद हिरासत से रिहा हुई हैं यानी कुल 436 दिन बाद।

महबूबा ने कहा- हक वापस लेना होगा

महबूबा ने रिहा होने के बाद एक ऑडियो जारी किया। उन्होंने कहा कि मैं आज एक साल से ज्यादा समय के बाद रिहा हुई हूं। इस दौरान 5 अगस्त 2019 के काले दिन का काला फैसला हर पल मेरे दिल और रूह पर वार करता रहा। मुझे अहसास है कि यही हाल जम्मू-कश्मीर के तमाम लोगों की रही होगी। हममें से कोई भी शख्स उस दिन की बेइज्जती को कतई भूल नहीं सकता।

आडियो में उन्होंने कहा कि‘हम सबको इस बात को याद करना होगा कि दिल्ली सरकार ने पिछले साल 5 अगस्त को गैर-आइनी, गैर-जम्हूरी, गैर-कानूनी से जो हक छीन लिया, उसे वापस लेना होगा। उसके साथ-साथ मसले कश्मीर जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर के हजारों लोगों ने अपनी जान न्योछावर की, उसको जारी रखने के लिए हमें अपनी जद्दोजहद जारी रखनी होगी। मैं मानती हूं कि यह राह कतई आसान नहीं होगी। लेकिन, मुझे यकीन है कि हम सबका हौसला और अजम ये दुश्वार रास्ता तय करने में मॉविन होगा। आज जबकि मुझे रिहा किया गया है, मैं चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर के जितने लोग जेलों में बंद हैं, उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए।

महबूबा को 4 अगस्त 2019 को हिरासत में लिया गया था

महबूबा को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से एक दिन पहले 4 अगस्त की रात को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद से ही वे नजरबंद थीं। 6 फरवरी को महबूबा की हिरासत की अवधि समाप्त होने से पहले ही उन पर पब्लिक सेक्युरिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद उनकी नजरबंदी की अवधि बढ़ गई।

बता दें कि  15 दिन पहले ही सर्वोच्च न्यायालय ने महबूबा की रिहाई के लिए उनकी बेटी इल्तिजा की याचिका पर सुनवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन से पूछा था कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री की कैद को जन सुरक्षा अधिनियम के तहत एक साल से आगे बढ़ाया जा सकता है। अगर बढ़ाया जा सकता है तो इसे कितने समय के लिए और बढ़ाए जाने पर विचार किया जा रहा है। अदालत ने प्रदेश प्रशासन को अपना पक्ष रखने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था। इस मामले की सुनवाई 15 अक्टूबर को होनी थी।

जानकारी हो कि आठ माह से कैद पीपुल्स डेमाेक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के सरकारी निवासी फेयर व्यू काे जम्मू-कश्मीर गृह विभाग ने पूरक जेल का दर्जा दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी प्रदेश प्रशासन ने पांच अगस्त 2019 की सुबह जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू किए जाने से पूर्व प्रदेश के अन्य प्रमुख नेताओं संग एहतियातन हिरासत में लिया था। जम्मू -कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री को पहले हरि निवास में रखा गया था। उसके बाद उन्हें चश्माशाही स्थित एक सरकारी गेस्ट हाउस में रखा गया था। उसके बाद नवंबर माह के दौरान उन्हें लालचौक से कुछ ही दूरी पर ट्रांसपोर्ट लेन स्थित एक सरकारी गेस्ट हाउस में एहतियातन हिरासत में रखा गया था। गत फरवरी माह के दौरान प्रदेश प्रशासन ने उन्हें जन सुरक्षा अधिनियम के तहत कैद कर लिया था।

यह भी देखें: पीडीपी प्रमुख Mehbooba Mufti ने अपने घर पर की PDP नेताओं संग बैठक


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