Move to Jagran APP

केंद्र की तर्ज पर भ्रष्ट अधिकारियों को जबरन घर भेजने की तैयारी में केजरीवाल सरकार

भ्रष्ट अफसरों को जबरन रिटायर करने के नरेंद्र मोदी सरकार के निर्णय की तर्ज पर दिल्ली सरकार भी ऐसे अफसरों को घर भेजने की तैयारी में हैं।

By Edited By: Published: Sat, 27 Jul 2019 08:06 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2019 09:40 AM (IST)
केंद्र की तर्ज पर भ्रष्ट अधिकारियों को जबरन घर भेजने की तैयारी में केजरीवाल सरकार
केंद्र की तर्ज पर भ्रष्ट अधिकारियों को जबरन घर भेजने की तैयारी में केजरीवाल सरकार

नई दिल्ली, जेएनएन। भ्रष्ट और नाकारा अफसरों को जबरन रिटायर करने के नरेंद्र मोदी सरकार के निर्णय की तर्ज पर दिल्ली सरकार भी ऐसे अफसरों को घर भेजने की तैयारी में हैं। उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से मिली हरी झंडी के बाद नौकरशाह इस पर गंभीरता से काम कर रहे हैं। सभी विभाग अपनी रिपोर्ट तैयार कर मुख्य सचिव को देने की तैयारी में हैं। 31 जुलाई से पहले यह रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपनी है। इसके बाद दो अगस्त को मुख्य सचिव इसे उपराज्यपाल अनिल बैजल को सौंपेंगे।

prime article banner

इस सूची में आइएएस और दानिक्स अधिकारी शामिल नहीं हैं। इनकी सूची केंद्र सरकार स्तर पर बन रही है। दिल्ली सरकार में करीब 80 हजार अधिकारी पर कर्मचारी कार्यरत हैं। प्रति माह करीब 900 करोड़ की राशि इनके वेतन पर खर्च की जाती है। इसमें से कितने लोग 50 साल से ऊपर हैं और कितनों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। मगर भ्रष्टाचार व नाकारा अधिकारियों को जबरन घर भेजने के फैसले के बाद से सरकार के सभी विभागों में गहमा-गहमी है।

हर विभाग में इस बात की ही चर्चा हो रही है कि किसका किसका नंबर आता है। इसके लिए विभाग प्रमुख स्तर पर भी कमेटियां बनाई गई हैं। ये कमेटियां अपने-अपने विभाग की रिपोर्ट तैयार कर रही हैं। कमेटियां उन अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची तैयार कर रही हैं, जिनके खिलाफ पहले से ही विजिलेंस, दिल्ली पुलिस या अन्य विभाग में मुकदमे दर्ज हैं।

सूत्रों का कहना है कि वित्त विभाग सहित कुछ अन्य विभागों ने अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंप दी है। जबकि शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने कुछ मोहलत मांगी है। इन दोनों विभागों में कर्मचारियों की संख्या अधिक है। सूत्रों का कहना है कि यदि ये विभाग 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट दे देते हैं तो दिल्ली सरकार दो अगस्त को फाइनल रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंप देगी। इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए अवकाश के दिन कुछ विभागों में शनिवार को काम हुआ और रविवार को भी कुछ विभागों में काम होगा।

केजरीवाल ने उपराज्यपाल का किया खुलकर समर्थन
केंद्र सरकार की तर्ज पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी भ्रष्ट अधिकारियों को जबरन रिटायर करना चाहते हैं। यह पहला मामला है, जिसका सीएम केजरीवाल के उपराज्यपाल अनिल बैजल का खुला समर्थन किया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सात जुलाई को सभी कैबिनेट सदस्यों को अपने-अपने विभागों में ऐसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की एक सूची तैयार करने का निर्देश दिए थे, जिससे उन्हें जबरन रिटायर किया जा सके। यह सेंट्रल सिविल सर्विसेस (पेंशन) रूल्स, 1972 के फंडामेंटल रूल 56 (जे) के तहत ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवानिवृत्त करने की केंद्र सरकार की पहल की तर्ज पर होगा। इससे पहले 4 जुलाई को उपराज्यपाल अनिल बैजल से इसके आदेश जारी किए थे।

दिल्ली-NCR की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.