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अनिल जैन बोले, भाजपा के चौकीदारों के सामने नहीं टिक पाएंगे विपक्ष के नामदार नेता

हरियाणा भाजपा के प्रभारी डॉ. अनिल जैन का कहना है कि राज्‍य में Loksabha Election में विपक्ष के नामदार नेता भाजपा के चौ‍कीदारों के आगे नहीं टिक पाएंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 04:26 PM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 08:26 AM (IST)
अनिल जैन बोले, भाजपा के चौकीदारों के सामने नहीं टिक पाएंगे विपक्ष के नामदार नेता
अनिल जैन बोले, भाजपा के चौकीदारों के सामने नहीं टिक पाएंगे विपक्ष के नामदार नेता

नई दिल्‍ली। Loksabha Election 2019 के लिए हरियाणा में रणभूमि सज चुकी है, लेकिन अभी भाजपा और कांग्रेस के महारथियों (उम्‍मीदवारों) का ऐलान नहीं हुआ है। भाजपा राज्‍य की सभी 10 लाेकसभा सीटें जीतने का दावा कर रही है। भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन का कहना है कि पार्टी में प्रत्‍याशियों के चयन की एक प्रक्रिया है। भाजपा में टिकट किसी परिवार या नामदार द्वारा तय नहीं किया जाता है। भाजपा के चौकीदारों प्रत्‍याशियों के आगे कांग्रेस के नामदार नेता टिक नहीं पाएंगे।

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बता दें  हरियाणा में सत्तारूढ़ दल भाजपा ने अभी तक अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। परिवर्तन यात्रा के दौरान कांग्रेस ने अपने पांच प्रत्याशी अनौपचारिक रूप से घोषित कर दिए हैं। ऐसे में भाजपा कब तक अपने प्रत्याशी घोषित करेगी तथा टिकट देने में देरी का कारण यह भी है कि भाजपा की राज्य लीडरशिप तैयार नहीं कर पाई। इसी तरह के कुछ सवालों को लेकर दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता बिजेंद्र बंसल ने भाजपा के हरियाणा प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. अनिल जैन से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश:

- पांच साल सत्ता में रहने के बाद भी प्रत्याशियों को लेकर इतनी माथापच्ची क्यों?

- यह माथापच्ची नहीं बल्कि पार्टी की प्रत्याशी चयन की एक प्रक्रिया है। भाजपा में किसी एक परिवार या एक नामदार के कहने से टिकट नहीं दिए जाते। मंडल, जिला, प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया होती है।

- कांग्रेस ने परिवर्तन यात्रा के दौरान दस में से पांच प्रत्याशियों की एक तरह से घोषणा कर दी है?

- कहां घोषणा कर दी है, हम जानते हैं कि किस तरह वे कुरुक्षेत्र और गुरुग्राम में प्रत्याशी ढूंढ रहे हैं। जिस तरह कांग्रेस ने अघोषित तौर पर पांच टिकट घोषित की हैं, उस तरह तो भाजपा ने दस की दस सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। वैसे हम अगले मंगलवार या बुधवार तक टिकटों की घोषणा कर देंगे।

यह भी पढ़ें: हरियाणा कांग्रेस में टिकट की खींचतान, दिग्‍गजों की तकदीर अब इस रिपोर्ट से होगी तय

- कांग्रेस कह रही है परिवर्तन यात्रा से पहले प्रदेश की जनता भाजपा को बदलने का मन बना चुकी है?

-पहले तो कांग्रेसी अपने मन का परिवर्तन करें। असल में कांग्रेस भ्रम फैलाकर जनता को गुमराह करने का काम करती है। बकौल इनके, कांग्रेस के लिए भाजपा को बदलने का मन बना चुकी जनता ने इन्हें जींद उपचुनाव में और पांच नगर निगम के मेयर चुनाव में अपना मन बता दिया है। अब लोकसभा तथा इसके बाद विधानसभा में भी हरियाणा की जनता इन कांग्रेसियों को अपना मन बता देगी। कांग्रेस जनता के मन की चिंता न करे, पूरे देश की जनता इस बार कांग्रेस को अपना मन ही अंतरमन भी बता देगी।

- दूसरे दलों के नेता टिकट की आस में भाजपा में शामिल हो रहे हैं, क्या इससे भाजपा का कार्यकर्ता हतोत्साहित नहीं होता?

-देखिए, हमारी कॉडरबेस कार्यकर्ताओं की पार्टी है। ऐसे क्षणिक मामलों से हमारे चट्टान की तरह अडिग और मजबूत इरादे वाले कार्यकर्ताओं का मन डांवाडोल नहीं हो सकता। दूसरे दलों के नेता भाजपा में बेशक टिकट की आस में आ रहे हों मगर हमने उन्हें अभी टिकट दिए तो नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा का ग्राफ बढ़ रहा है, इसलिए दूसरे दलों के नेता भाजपा में बिना शर्त शामिल हो रहे हैं।

- पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह कह रहे हैं कि पार्टी को मौजूदा समय में अपनी लीडरशिप तैयार करनी चाहिए?

-हम बीरेंद्र सिंह जी की बात से सहमत हैं। हम अपनी ही लीडरशिप तैयार कर रहे हैं। इस बार जब हरियाणा से लोकसभा की दस टिकट घोषित होंगी तो आपको इसका उदाहरण देखने को मिल जाएगा। इसके बावजूद ऐसा भी नहीं है कि दूसरे दलों के नेता हमारे के लिए अछूृत हैं। दूसरे दलों में भी अच्छे और जनप्रिय नेता हैं। उनकी भी अनदेखी नहीं होनी चाहिए।

- संघ परिवार का टिकट वितरण में कितना हस्तक्षेप होता है?

- राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानि संघ परिवार की ओर से टिकट वितरण में कोई हस्तक्षेप नहीं होता। पार्टी की तरफ से टिकट का निर्णय होता है। हां, यह जरूर है कि संघ का मार्गदर्शन समय-समय पर पार्टी पदाधिकारियों को मिलता रहता है।

- पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा यदि फरीदाबाद में चुनाव लड़ने आएंगे तो क्या मोदी के सूरमा बदल दिए जाएंगे?

- अभी हमने कहीं से टिकट घोषित नहीं की हैं मगर हुड्डा आएं या फिर अपने लिए सुरक्षित राजनीतिक दुर्ग ढूंढ रहे राहुल गांधी, हमारे चौकीदार के खिलाफ ये नामदार एक दिन भी नहीं टिक पाएंगे। जींद उपचुनाव में नामदार के खासमखास कागजी नेता हमारे सामान्य प्रत्याशी के सामने महज 600 वोटों से अपनी जमानत बचा पाए थे।

- किन मुद्दों को लेकर चुनाव में जा रहे हैं?

-देखिए, मैं आपको मुद्दों को गिनवाऊंगा नहीं मगर एक बात कहना चाहता हूं। 2014 के चुनाव में एक नाम था नरेंद्र मोदी और गुजरात की जनता को छोड़कर बाकी देश की जनता ने उनका काम सिर्फ सुना था, कम ही लोगों ने देखा था। इस बार प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र भाई मोदी का वही नाम है और पांच साल में भाजपा के शासन के दौरान लोगों ने सीधे रूप में मोदी जी का काम देखा है। इसलिए इस बार 2014 से भी बेहतर परिणाम भाजपा के पक्ष में लोकसभा चुनाव में आने वाले हैं।

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