Gujarat University Senate Election 2020: एनएसयूआइ ने एबीवीपी को हराया
Gujarat University Senate Election 2020 गुजरात विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनावों को लेकर मतभेदों के चलते चार साल से चुनाव नहीं हो पा रहे थे।
अहमदाबाद, जेएनएन। Gujarat University Senate Election 2020: गुजरात विश्वविद्यालय के सीनेट चुनाव में आठ में से छह सीटों पर जीत दर्ज कर एनएसयूआइ ने एबीवीपी को बुरी तरह परास्त किया है। विवादों के चलते करीब चार साल बाद यह चुनाव संपन्न कराए गए थे।
राज्य के सबसे बड़े गुजरात विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनावों को लेकर मतभेदों के चलते चार साल से चुनाव नहीं हो पा रहे थे। चुनावों को लेकर नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के प्रत्याशियों के बीच सीधी टक्कर थी। विश्वविद्यालय सीनेट का चुनाव सोमवार को संपन्न हुआ, जिसमें एनएसयूआइ ने आठ में से छह सीटों पर कब्जा जमा लिया, जबकि एबीवीपी को दो सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। मेडिकल की दो सीटें पहले ही निर्विरोध एबीवीपी के खाते में आ चुकी हैं।
एनएसयूआइ के पूर्व अध्यक्ष व कांग्रेस के युवा नेता इंद्र विजय सिंह गोहिल ने चुनाव परिणाम के बाद कहा कि दांडी मार्च पर 12 मार्च को कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुजरात आ रहे हैं, यह चुनाव परिणाम उनको एक तोहफा है। गोहिल ने सरकार पर गुजरात विश्वविद्यालय के चुनाव चार साल तक टालने का भी आरोप लगाया। गोहिल ने कहा कि गुजरात का युवा भाजपा सरकारकी नीतियों से नाराज है। सरकार की युवा विरोधी नीतियों के चलते युवाओं को सरकारी नौकरी व स्वरोजगार में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सीनेट का चुनाव परिणाम गुजरात के भावी चुनावों की एक झलक है। उनका कहना है कि इन चुनावों से राज्य के कांग्रेस संगठन को नई मजबूती मिलेगी तथा कांग्रेस नई ऊर्जा के साथ प्रदेश के आगामी पंचायत चुनाव में भाग लेगी।
कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआइ ने यूनिवसिर्टी के लॉ, यूजी साइंस, पीजी आर्ट्स, बीएड एजुकेशन, पीजी कॉमर्स व एजुकेशन विभाग की सीटों पर अपना कब्जा जमाया। सीनेट के बाद अब यूनिवर्सिटी वेलफेयर की सीटों की मतगणना शुरू हुई है। एनएसयूआइ व एबीवीपी दोनों ही वेलफेयर सीटों पर जीत का दावा कर रहे हैं। उधर, एबीवीपी का आरोप है कि भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी ने पीजी साइंस व एक अन्य पर जीत दर्ज की। इसके अलावा मेडिकल की दो सीटों पर एबीवीपी प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं।