भाजपा के गले की फांस बन गए हैं कुलदीप सिंह सेंगर, विपक्ष ने अपनाया आक्रामक रवैया
कुलदीप सिंह सेंगर 2017 के चुनाव में भले पार्टी की एक सीट बढ़ाने में कारगर हुए लेकिन अब विपक्ष के आक्रामक रवैए से भाजपा को असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
लखनऊ, जेएनएन। करीब सवा साल से दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद उन्नाव जिले के बांगरमऊ क्षेत्र के विधायक कुलदीप सेंगर भाजपा के गले की फांस बन गए हैं। कई दलों से होकर भाजपा में आये सेंगर 2017 के चुनाव में भले पार्टी की एक सीट बढ़ाने में कारगर हुए, लेकिन अब विपक्ष के आक्रामक रवैए से भाजपा को असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
उन्नाव के माखी की दुष्कर्म पीड़िता के रायबरेली जाते वक्त संदिग्ध हालात में हुए सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने और इससे पहले एक गवाह की मौत के बाद सेंगर कठघरे में हैं। उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो गया है और अब विपक्ष ने चौतरफा यह सवाल उठाना शुरू कर दिया है कि भाजपा सेंगर को क्यों ढो रही है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने तो भाजपा से सीधे पूछा है कि अब तक उन्हें पार्टी से बर्खास्त क्यों नहीं किया गया। उन्होंने बर्खास्त करने और विधायक पद से इस्तीफा लेने की भी बात कही है।
इस सिलसिले में जब भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन से बातचीत की गई तो उनका कहना था 'हमारी प्राथमिकता पीड़ित को न्याय दिलाने और उसका बेहतर उपचार करना है।' विपक्ष के भी सभी नेताओं ने भाजपा पर सवालों की बौंछार की है।
वर्ष 2018 में उन्नाव जिले के माखी में दुष्कर्म के आरोप में सेंगर को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले की सीबीआइ जांच चल रही है। भाजपा में अनुशासन को लेकर समय-समय पर कई मामले आये, लेकिन कार्रवाई को लेकर तत्परता नहीं दिखी। मुजफ्फरनगर जिले के मीरापुर क्षेत्र के विधायक अवतार सिंह भड़ाना ने पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर फरीदाबाद से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें अभी तक भाजपा से बाहर नहीं किया गया है। वह भाजपा के विधायक बने हुए हैं।
विपक्ष हमलावर, सरकार को घेरा
सरकार के लिए सिरदर्द बने सोनभद्र नरसंहार के बाद विपक्ष के हाथ हल्लाबोल का एक और हथियार उन्नाव के माखी कांड के रूप में आ गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा और सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिनिधिमंडल भेजकर घायलों की जानकारी ली। प्रियंका वाड्रा ने ट्विटर के जरिए सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि पीड़िता को सुरक्षा प्रदान की गई है लेकिन, दुर्घटना के दौरान एक भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। उन्होंने पूछा कि यह एक दुर्घटना है अथवा पीड़िता के परिवार को खत्म कर देने की साजिश, इसकी सीबीआइ जांच जरूर होनी चाहिए।
ट्विटर पर चले विपक्ष के तीर
कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने ट्वीट कर लिखा है कि 'इस केस में चल रही सीबीआइ जांच कहां तक पहुंची? आरोपी विधायक अभी तक भाजपा में क्यों हैं? पीड़िता और गवाहों की सुरक्षा में ढिलाई क्यों? इन सवालों के जवाब बिना क्या बीजेपी सरकार से न्याय की कोई उम्मीद की जा सकती है?'
What is the BJP waiting for? Why has this man not been expelled from their party even when his name is in the latest FIR in the Unnao Rape Case?#BJPSackSengar pic.twitter.com/cTpQ0HbFNT — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 29, 2019
एक अन्य ट्वीट में प्रियंका ने लिखा कि बीजेपी किसका इंतजार कर रही है? उन्नाव दुष्कर्म केस की ताजा एफआइआर में उनका नाम होने के बावजूद इस शख्स को उनकी पार्टी से क्यों नहीं निकाला गया?
उन्नाव रेप पीड़िता के कार की रायबरेली में कल ट्रक से टक्क्र प्रथम दृष्टया उसे जान से मारने का षडयंत्र लगता है जिसमें उसकी चाची व मौसी की मौत हो गई तथा वह स्वंय व उसके वकील गंभीर रूप से घायल हैं। मा. सुप्रीम कोर्ट को इसका संझान लेकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।— Mayawati (@Mayawati) July 29, 2019
बसपा अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट किया कि 'उन्नाव रेप पीडि़ता की कार में रायबरेली में ट्रक की टक्कर, प्रथम दृष्टया उसे जान से मारने का षड्यंत्र लगता है, जिसमें उसकी चाची व मौसी की मौत हो गई। वह स्वयं व उसका वकील गंभीर रूप से घायल है। सुप्रीम कोर्ट को इसका संझान लेकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।'
बलात्कार की पीड़िता की हत्या का प्रयास प्रतीत होने वाली इस तथाकथित दुर्घटना से देश-प्रदेश की हर एक माँ, बहू, बेटी, बहन गहरे आघात में है. महिलाओं में इस घटना को लेकर जो रोष-आक्रोश है वो दोहरे चरित्रवाली सत्ता को बहुत मंहगा पड़ेगा. शर्मनाक. निंदनीय. — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 29, 2019
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट में लिखते हैं कि 'बलात्कार की पीडि़ता की हत्या का प्रयास प्रतीत होने वाली इस तथाकथित दुर्घटना से देश-प्रदेश की हर एक मां, बहू, बेटी, बहन गहरे आघात में है। महिलाओं में इस घटना को लेकर जो रोष-आक्रोश है, वह दोहरे चरित्र वाली सत्ता को बहुत महंगा पड़ेगा। शर्मनाक, निंदनीय।'
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