ज्यादा शैक्षिक योग्यता वाले कर्मचारियों को अब अतिरिक्त वेतन नहीं
मनोहर सरकार ने हुड्डा सरकार का फैसला बदल दिया है। राज्य में अब ज्यादा शैक्षिक योग्यता वाले कर्मचारियों को अतिरिक्त वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिलेगा।
जेएनएन, चंडीगढ़। अधिक शैक्षिक योग्यता वाले सरकारी कर्मचारियों को अब दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिलेगा। सरकार ने सामान्य प्रशासन विभाग को स्पष्ट निर्देश दिया है कि विभिन्न महकमों द्वारा भेजी गई ऐसे कर्मचारियों को अतिरिक्त वेतन बढ़ोतरी की सिफारिश को निरस्त कर दिया जाए।
पूर्व हुड्डा सरकार ने अप्रैल 2014 में सरकारी कर्मचारियों और अफसरों की कुशलता बढ़ाने के लिए पे-रिवीजन कमेटी ने अतिरिक्त योग्यता पर दो वेतन बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। इसका फायदा यह हुआ कि काफी संख्या में कर्मचारियों और अधिकारियों ने अपनी शैक्षिक योग्यता बढ़ाने में दिलचस्पी दिखाई। इसका सीधा प्रभाव विभागों की कार्यप्रणाली में देखने को मिला। करीब सवा साल पहले ही मंत्री परिषद ने इस फैसले को पलटते हुए अतिरिक्त योग्यता वाले कर्मचारियों की अतिरिक्त वेतन बढ़ोतरी का लाभ बंद करने की सिफारिश कर दी थी।
अब मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने इस संबंध में लिखित आदेश जारी कर दिया है। सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिवों, विभागाध्यक्ष, मंडलायुक्त, उपायुक्त, एसडीएम, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार के अलावा बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशकों को निर्देश है कि कर्मचारियों द्वारा अतिरिक्त योग्यता के लिए वेतन बढ़ोतरी की अर्जी पर विचार नहीं किया जाए। पूर्व में जिन कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी की सिफारिश विभिन्न महकमों के अधिकारी सामान्य प्रशासन विभाग को भेज चुके हैं, उन्हें भी रद समझा जाए। केवल पद के लिए संबंधित विभाग के सेवा नियमों में उच्च योग्यता पर वेतन बढ़ोतरी का प्रावधान होने पर ही यह लाभ दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिया गया था लाभ
हरियाणा सरकार बनाम हेमलता गुप्ता के केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही प्रदेश सरकार ने अतिरिक्त योग्यता वाले कर्मचारियों को विशेष वेतन बढ़ोतरी की सुविधा की शुरूआत की थी। सभी विभागों ने अतिरिक्त शैक्षिक योग्यता के लिए अलग-अलग मानदंड निर्धारित किए जिसके मुताबिक कर्मचारियों को अतिरिक्त वेतन बढ़ोतरी का लाभ मिल रहा था।
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