Gujarat: गुजरात के डिप्टी सीएम बोले, प्रियंका को होनी चाहिए कानून की जानकारी
Nitin Patel. हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी को लेकर उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि प्रियंका को कानूनी समझ होनी चाहिए।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Nitin Patel. पाटीदार आंदोलन से चर्चित हुए युवा नेता हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर वार पलटवार कर रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने हार्दिक को किसान, युवा व शोषित समाज की आवाज बताते हुए भाजपा पर उनकी आवाज दबाने का आरोप लगाया तो उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि प्रियंका को कानूनी समझ होनी चाहिए।
युवा नेता हार्दिक पटेल आरक्षण आंदोलन के बाद भले कांग्रेस में शामिल हो गए हों, लेकिन वे लगातार गांव-गांव घूमकर किसान, युवा व महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर जनसभाएं व जनसंपर्क कर रहे हैं। गत शनिवार रात्रि अहमदाबाद पुलिस ने उन्हें वीरमगाम से गिरफ्तार किया था। हार्दिक को 24 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। 2015 के राजद्रोह के मामले में अदालती पेशी में बार-बार गैरहाजिर रहने के चलते सत्र न्यायाधीश बीजी गणात्रा ने उनके खिलाफ गैरजमानतीय वारंट जारी किया था। इसके बाद पुलिस उन्हें पैत्रक गांव वीरमगाम से ही गिरफ्तार करके अहमदाबाद लेकर आई थी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने हार्दिक को युवा आंदोलनकारी बताते हुए उनकी गिरफ्तारी पर केंद्र व गुजरात सरकार पर निशाना साधते हुए अपने ट्वीट में लिखा था कि युवाओं के रोजगार और किसानों के हक की लड़ाई लड़ने वाले युवा हार्दिक पटेल को भाजपा बार-बार परेशान कर रही है। हार्दिक ने अपने समाज के लोगों की आवाज उठाई। उनके लिए नौकरी मांगी, छात्रवृत्ति मांगी, किसान आंदोलन किया।
प्रियंका के इस ट्वीट के जवाब में गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि प्रियंका को कानून की समझ होनी चाहिए, उनकी पार्टी के नेता को पुलिस ने अदालत के आदेश के अनुसार गिरफ्तार किया है। हार्दिक की गिरफ्तारी में भाजपा शासित राज्य सरकार तथा राज्य पुलिस की कोई भूमिका नहीं है।
गौरतलब है कि हार्दिक ने 25 अगस्त, 2015 को अहमदाबाद पाटीदार समाज को आरक्षण दिलाने के लिए महारैली का आयोजन किया था। आंदोलन के दौरान हुई तोड़फोड़ व आगजनी के चलते हार्दिक के खिलाफ अहमदाबाद व सूरत में राजद्रोह के मुकदमें दर्ज किए गए थे। अहमदाबाद में हार्दिक, उनके साथी दिनेश बामणिया, चिराग पटेल आदि भी आरोपित बनाए गए थे। करीब नौ माह तक जेल में रहने के बाद हार्दिक छह माह गुजरात से बाहर भी रहे, मेहसाणा जिले में प्रवेश पर अभी भी प्रतिबंध है। हार्दिक के अहमदाबाद सत्र न्यायालय में बार-बार पेशी से गैरहाजिर होने के चलते सत्र न्यायाधीश गणात्रा ने गैर जमानतीय वारंट जारी किया था।