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West Bengal: बंगाल में चुनाव से पहले भाजपा की नई रणनीति 'रीबूट कोलकाता'!

West Bengal Election. रीबूट कोलकाता डॉट ओआरजी नामक वेबसाइट को कुम्हारीटोली पीली टैक्सी ट्राम हाथ रिक्शा आदि की तस्वीरों के साथ आकर्षक बनाया गया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 09 Mar 2020 12:50 PM (IST)Updated: Mon, 09 Mar 2020 12:50 PM (IST)
West Bengal: बंगाल में चुनाव से पहले भाजपा की नई रणनीति 'रीबूट कोलकाता'!
West Bengal: बंगाल में चुनाव से पहले भाजपा की नई रणनीति 'रीबूट कोलकाता'!

इंद्रजीत सिंह, कोलकाता। West Bengal Election. इन दिनों बंगाल में फेसबुक खोलने पर अचानक ही 'रीबूट कोलकाता' नामक वेबसाइट का प्रचार चलने लग रहा है। इस वेबसाइट में कोलकाता की ज्वलंत मुद्दों का जिक्र है और इसके समाधान के लिए लोगों का सुझाव मांगा गया है। साथ ही, कोलकाता को पुनर्जीवित करने के लिए इस अभियान में खासकर युवा वर्ग से आगे आने का आह्वान किया गया है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह दरअसल अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा का ही अभियान है।

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रीबूट कोलकाता डॉट ओआरजी नामक वेबसाइट को कुम्हारीटोली, पीली टैक्सी, ट्राम, हाथ रिक्शा आदि की तस्वीरों के साथ आकर्षक बनाया गया है। इसमें कोलकाता के नागरिकों की समस्याओं को भी दर्शाया गया है। हालांकि, कहीं भी कोई राजनीतिक संबंध की छाप नहीं है। वेबसाइट की कैच लाइन 'लेट अस राइज अप, रेज आवर वॉयस एंड रिवाइटलाइज आवर सिटी आफ जॉय' है। इसका मूल मतलब है कि पिछड़े महानगर को फिर से पुनर्जीवित करने के लिए चलो आगे आएं है। वेबसाइट में मूल रूप से आठ समस्याओं का उल्लेख किया गया है - सुरक्षा, बिजली, संस्कृति, रोजगार, अखंडता, बुनियादी ढांचा, जल और स्वच्छता।

वेबसाइट में कोलकाता के युवा समुदाय को उनसे जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए नए विचारों के साथ आगे आने के लिए कहा गया है। इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए 18 और 25 वर्ष की आयु के युवाओं को आमंत्रित किया गया है। अब तक सब ठीक है, लेकिन, वेबसाइट में मिस्ड कॉल के लिए में दिया गया फोन नंबर 9227092270 हैरान करने वाला है। दरअसल यह वही नंबर है जो पिछले साल लोकसभा चुनाव में भाजपा ने नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाने के लिए 'नेशन विद नमो' अभियान के लिए दिया था।

तो क्या यह राज्य में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा का अप्रत्यक्ष अभियान है। कुछ राजनीति जानकारों ने इसमें सहमति भी जताई है। इस बारे सत्तारूढ़ पार्टी के एक सांसद ने कहा कि यह रीबूट नहीं है। खोजबीन के बाद पता चलेगा कि इस वेबसाइट के पीछे कौन है। वास्तव में, वे (भाजपा) हमेशा छिपकर कुछ करना पसंद करते हैं। हम लोगों का अभियान दिन के उजाले की तरह स्पष्ट होता है। चाहे वह 'दीदी को बोलो' हो या फिर 'बंगाल की गौरव ममता'।

दूसरी ओर, इस संबंध में भाजपा के राज्य के आइटी सेल के प्रमुख उज्ज्वल पारेख ने पार्टी की ओर से इस तरह का कोई भी बेवसाइट चलाने की बात से इन्कार किया है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा छुपकर कुछ नहीं करती है। इसलिए निकाय चुनाव से पहले भाजपा ने 'औैर नहीं अन्याय' अभियान शुरू किया है और वह फिलहाल इसी पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है। 'नेशन विद नमो' अभियान का फोन नंबर 'रीबूट कोलकाता' के फोन नंबर से कैसे मेल खाता है? पूछने पर उ”वल ने कहा कि इस तरह के नंबर संबंधित एजेंसियों से किराए पर लिए जाते हैं। वह नंबर अभियान के समाप्त होने के साथ ही छोड़ दिया जाता है। हो सकता है कि उसी नंबर को 'रीबूट कोलकाता' को किराए पर दिया गया हो। चूंकि वेबसाइट ने मुख्यतया युवा वर्ग यानी कॉलेज, स्कूली छात्रों को लक्ष्य किया है। इसलिए इस संबंध में भाजपा युवा मोर्चा से संपर्क करने पर उसने भी इससे जुड़े नहीं होने का दावा किया।

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