श्रमिकों के लिए कांग्रेस की बसों की सूची पर नया बखेड़ा, लिस्ट में बाइक-ऑटो व कार के नंबर का दावा
प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए भेजी जाने वाली बसों की सूची में दिए अधिकतर नंबर फर्जी होने के दावे किये जा रहे हैं। ऐसे कई नंबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और कांग्रेस के बीच प्रवासी श्रमिकों और कामगारों के मुद्दे को लेकर खींचतान और तेज हो गई है। अभी दोनों और से पत्रों के आदान-प्रदान का सिलसिला चल ही रहा था कि इस बीच कांग्रेस की तरफ से भेजी गई बसों की लिस्ट पर नया विवाद शुरू हो गया है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि प्रवासी श्रमिकों और कामगारों के लिए 1000 बसों की लिस्ट में कई नंबर मोटरसाइकिल, थ्री व्हीलर और कार के निकल रहे हैं।
यूपी सरकार का दावा है कि सूची का परीक्षण कराने में बसों के साथ ही ऑटो, कार, एंबुलेंस और डीसीएम आदि के नंबर मिले हैं। तमाम वाहन अनफिट भी हैं। इसे कांग्रेस का बस घोटाला करार देते हुए सरकार के वरिष्ठ मंत्री सामने आ गए तो भाजपा संगठन ने भी कांग्रेस पर हमला बोला है। कांग्रेस ने इसे भाजपा सरकार की निंदनीय राजनीति बताते हुए आंकड़ों में उलझाने और श्रमिक-कामगारों के तकनीकी उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल लिस्ट
सोशल मीडिया पर वायरल लिस्ट में शामिल आरजे 14 टीडी 1446 को 'शेवरले बीट' कार का बताया जा रहा है। ऐसे ही एक नंबर यूपी 83 टी 1106 के मालिक का नाम इरशाद और वाहन थ्री व्हीलर बता रहा है। यही नहीं एक और नंबर यूपी 85 टी 65 76 प्लेटिना बाइक मालिक जितेंद्र कुमार बताया जा रहा है। सोशल मीडिया में कांग्रेस की ओर से भेजी गई बसों की यह लिस्ट वायरल हो गई है। उत्तर प्रदेश सरकार के लघु उद्योग मंत्री व प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने प्रियंका की भेजी लिस्ट सही नहीं होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इसमें कई वाहनों के नंबर और डिटेल गलत है और बसों के बजाय और वाहनों के नंबर हैं।सिद्धार्थनाथ सिंह ने लखनऊ में इस बारे में जानकारी देते हुए प्राथमिक आधार पर उपलब्ध वाहनों की सूची के बारे में बताते हुए कहा कि कांग्रेस इस मौके पर भी अपनी नीयत से बाज नहीं आई और दी गई लिस्ट में कार, ट्रैक्टर, एंबुलेंस और स्कूटर जैसे वाहनों के नंबर हैं।
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार और कांग्रेस के बीच प्रवासियों के लिए बस के प्रबंध को लेकर खींचतान मची है।एक हजार बसों को चलाने की अनुमति देने के साथ यूपी के अपर मुख्य सचिव गृह ने प्रियंका गांधी वाड्रा को पत्र भेज लखनऊ में बसें हैंडओवर करने की बात कही। इसे अनुचित बताते हुए अब प्रियंका के निजी सचिव ने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। इस पर सरकार ने ये बसें नोएडा और गाजियाबाद में दोपहर तक उपलब्ध कराने को पत्र लिख दिया है। इस बीच सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि प्रियंका वाड्रा के दफ्तर की तरफ से दी गई सूची में कुछ नंबर मोटरसाइकिल, कार और तिपहिया वाहनों के हैं।
परिवहन विभाग की जांच में सामने आया सच
यूपी सरकार ने कांग्रेस द्वारा दी गई बसों की सूची की जांच यातायात पुलिस और परिवहन विभाग से कराई। अपर पुलिस उपायुक्त यातायात पूर्णेन्दु सिंह और आरटीओ लखनऊ आरपी द्विवेदी की जांच रिपोर्ट बताया गया है कि कुल 1049 वाहनों की सूची में 879 बसें, 31 ऑटो और थ्रीव्हीलर और 69 अन्य वाहन हैं, जिनमें एंबुलेंस, स्कूल बस, डीसीएम, टाटा मैजिक आदि हैं। वहीं, 70 वाहनों का डाटा ही उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा परिवहन विभाग की अन्य जांच में कुल 492 वाहनों के परीक्षण की बात है। इसमें 59 वाहनों की फिटनेस वैधता खत्म हो चुकी है। 29 वाहनों का बीमा नहीं है। तीन वाहन गुड्स कैरियर, मोटर कैब और ऑटो रिक्शा में पंजीकृत पाए गए।
यह तो महाघोटाला : शलभ मणि त्रिपाठी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि यह तो महाघोटाला है। प्रियंका वाड्रा की बसों की सूची में ज्यादातर नंबर आटो रिक्शा, कार और एंबुलेंस के निकले हैं। कोरोना आपदा के वक्त जब पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ मेहनत से लोगों की मदद में जुटे हैं तब प्रियंका गांधी वाड्रा और उनके साथी लोगों गुमराह करने और अराजकता फैलाने में जुटे हैं।
महाघोटाला,प्रियंका वाड्रा की बसों की सूची में ज़्यादातर नंबर निकले आटो रिक्शा,कार और एंबुलेंस के,आपदा के वक्त जब मोदी जी,योगी जी मेहनत से लोगों की मदद में जुटे हैं तब @priyankagandhi वाड्रा और उनके साथी जुटे हैं लोगों गुमराह करने और अराजकता फैलाने में #priyankavadrabusghotala — Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) May 19, 2020
बसों की सूची में कोई नंबर गलत नहीं, जांच करा ले सरकार : लल्लू
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कांग्रेस प्रवासी मजदूरों की सेवा करना चाहती है, लेकिन सरकार अड़ंगा डाल रही है। उन्होंने कहा कि बसों के सूची में कोई नंबर गलत नहीं है। सरकार चाहे तो नोडल अधिकारी से जांच करा ले। मथुरा में मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमने सरकार से एक हजार बसों की अनुमति मांगी थी, सरकार ने अनुमति देने में दो दिन की देरी की। सरकार ने अब कहा कि लखनऊ लाकर बस खड़ी करिए। सरकार रात में अनुमति देती है और सुबह नौ बजे बस मांगती है। उन्होंने कहा कि सभी बसों के नंबर भी उपलब्ध कराए गए हैं। कोई भी नंबर गलत नहीं है। सरकार नोडल अफसर नियुक्त कर बसों की जांच कर सकती है। हम इस संकट के समय में सरकार का सहयोग करना चाहते हैं, लेकिन सरकार पीछे भाग रही है। सरकार आंकड़ों में फंसाकर मजदूरों का नुकसान करना चाहती है।
कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश, कराएंगे मानहानि का मुकदमा : तिवारी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में योगी सरकार पर प्रवासी गरीब मजदूरों को तकनीकी आधार पर प्रताड़ित करने और घृणित राजनीति का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह गरीब मजदूर विरोधी है। तिवारी ने कहा कि मंगलवार दोपहर 12 बजे तक बसों को नोएडा, गाजियाबाद में सौंपने की बात सरकार ने कही थी। अब जब बसें बॉर्डर पर पहुंच रही हैं तो स्थानीय प्रशासन कह रहा है कि उन्हेंं ऊपर से कोई सूचना नहीं है। यह सरकार की तानाशाही का चरम नमूना है। सोशल मीडिया और अन्य संचार माध्यमों से पता चला है कि भाजपा के लोग कह रहे हैं कि कुछ बसों के नंबर मैच नहीं कर रहे हैं। हमने बसें बॉर्डर पर लगा दी हैं। भाजपा के लोगों द्वारा कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में कांग्रेस उन पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराएगी।