सुभाष चंद्र बोस की मौत से पर्दा उठाने के लिए उनकी बेटी अनिता ने पीएम मोदी से की ये मांग
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत से रहस्य का पर्दा उठाने के लिए बेटी ने गुरुवार को पीएम मोदी से जापान के रेंकोजी मंदिर में रखे उनके अस्थि का डीएनए टेस्ट कराने का आग्रह किया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुत्री अनीता बोस फाफ ने गुरुवार को जापानी मंदिर में रखी नेताजी की अस्थियों की डीएनए जांच सुनिश्चित कराने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है। साथ ही उन्होंने पिछली सरकारों पर मामले की अनदेखी का आरोप लगाया और कहा कि वे कभी नहीं चाहते थे कि इस रहस्य पर से पर्दा उठे। बोस ने नेताजी की मृत्यु से जुड़े रहस्य को सुलझाने के प्रयासों के लिए पीएम मोदी की सराहना भी की।
डीएनए परीक्षण की मिले अनुमति
अनीता ने कहा कि जब तक कि कुछ और साबित नहीं हो जाता, उन्हें लगता है कि उनके पिता की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को विमान दुर्घटना में हुई थी। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत रूप से और जापानी अधिकारियों से भी मिलना चाहती हैं ताकि जापान के रेनकोजी मंदिर में रखी अस्थियों के डीएनए परीक्षण की अनुमति के लिए अनुरोध कर सकें। अनीता ने जर्मनी से कहा, जब तक कुछ और साबित नहीं हो जाए, मुझे विश्वास है कि उनकी मृत्यु 18 अगस्त 1945 को विमान दुर्घटना में हुई, लेकिन बहुत लोग इसे नहीं मानते।
प्रधानमंत्री मोदी से मिलना चाहेंगी
बोस ने कहा, मैं चाहूंगी कि रहस्य सुलझ जाए। रहस्य को सुलझाने का सबसे अच्छा तरीका जापान में मंदिर में रखी अस्थियों का डीएनए परीक्षण करना है। डीएनए परीक्षण से सच साबित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार के पास रखी गई फाइलों को सार्वजनिक करके रहस्य को सुलझाने के प्रयासों को लेकर धन्यवाद देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मिलना चाहेंगी। उन्होंने कहा कि वह जापानी अधिकारियों से भी अनुरोध करेंगी कि अगर उनके पास नेताजी से जुड़ी कोई फाइल है तो वे उसे सार्वजनिक करें।
पीआइबी के ट्वीट के बाद दी प्रतिक्रिया
प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआइबी) के एक ट्वीट पर पैदा हुए विवाद के बाद अनीता बोस ने यह टिप्पणी की है। बता दें कि पीआइबी ने 18 अगस्त को ट्वीट कर कहा था कि वह महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी पुण्यतिथि पर याद करता है। हालांकि, नेताजी के परिवार के एक वर्ग द्वारा विरोध किए जाने के बाद इस ट्वीट को हटा लिया गया।
उनका यह कमेंट नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर पीआइबी के उस बयान के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाषचंद्र बोस को नमन। अब उनसे संबंधित सभी केस खत्म हो जाने चाहिए।