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उन्नाव केसः पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में चार्जशीट के खिलाफ HC में याचिका

Unnao survivor case उन्नाव कांड में दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में आरोपित यूपी पुलिस के बर्खास्त जवान अमिर खान ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 02:50 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 08:14 PM (IST)
उन्नाव केसः पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में चार्जशीट के खिलाफ HC में याचिका
उन्नाव केसः पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में चार्जशीट के खिलाफ HC में याचिका

नई दिल्ली, प्रेट्र। उन्नाव कांड में दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में आरोपित यूपी पुलिस के बर्खास्त जवान आमिर खान ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है। आमिर ने निचली अदालत में आरोप तय होने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। आमिर ने चार्जशीट में अपने ऊपर तय किए आरोपों को गलत बताते हुए उसे रद करने की मांग की है। 

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आमिर ने अपनी याचिका में कहा है कि ट्रायल कोर्ट में गलत तरीके से उनके खिलाफ दो मामलों में चार्जशीट दाखिल की है। निचली अदालत ने 13 अगस्त को विधायक कुलदीप सेंगर और नौ अन्य लोगों को धारा 302 (हत्या), 506 (आपराधिक धमकी), 341 (गलत संयम), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 193 (झूठे सबूत) के आरोप तय किए थे। इसके अलावा आरोप पत्र में आईपीसी की शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत और धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 324 (स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुंचाना), 166 (लोक सेवक की अवहेलना कानून, किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने के इरादे से) और 167 (लोक सेवक को दोषी ठहराना) शामिल है। 

13 अगस्त को तय किया गया था आरोप
दरअसल, 13 अगस्त को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व अन्य आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किए थे। हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश की अदालत से भी आरोप तय हो गए थे, लेकिन दिल्ली की अदालत ने हत्या और ऑ‌र्म्स एक्ट के मामलों को मिलाते हुए आरोप तय किए। हत्या और झूठे केस के मामले में कुलदीप सेंगर व उसके भाई अतुल सेंगर, माखी थाने के तत्कालीन प्रभारी अशोक सिंह भदौरिया, एसआइ कामता प्रसाद, सिपाही आमिर खान सहित कुल 10 आरोपित हैं।

पुलिस हिरासत में हुई थी पीड़िता के पिता की मौत
अदालत ने आरोप पत्र पढ़कर सुनाया था, जिसमें कहा गया है कि पीड़िता के पिता को मारा गया था। इस दौरान उनके शरीर पर 18 जगह चोट आई। इससे घटना के चौथे दिन पुलिस हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई। यह पूरा षड्यंत्र सिर्फ इसलिए रचा गया ताकि पीड़िता शिकायत दर्ज न करा पाए। पुलिस ने जिस दौरान पीड़िता के पिता को पीटा, उस वक्त के गवाहों के बयान से साफ है कि सेंगर पुलिस के संपर्क में था। जांच एजेंसी ने यह तथ्य अपने आरोप पत्र में दर्ज किया है।

सीबीआइ ने कोर्ट में पेश किया था सबूत
सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ ने अदालत को बताया था कि पीड़िता के पिता को अवैध हथियार रखने के मामले में गलत फंसाया गया था। पुलिस कर्मी विधायक की मदद कर रहे थे। पुलिस और विधायक के बीच बातचीत का डाटा भी कोर्ट में पेश किया गया था। पीड़िता के पिता को पहले भीड़ ने पीटा, उसके बाद पुलिस ने उन्हें अपनी हिरासत में लिया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई।

बचाव पक्ष ने आरोपों को किया था खारिज
वहीं बचाव पक्ष के वकील ने सीबीआइ के आरोपों को नकार दिया और ट्रायल का सामना करने की बात कही। इस पर अदालत ने दोनों मामलों को मिलाते हुए आरोपितों पर आरोप तय किए। बता दें कि दुष्कर्म के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ आरोप तय किए गए थे। माखी थाने के तत्कालीन प्रभारी अशोक सिंह भदौरिया, एसआइ कामता प्रसाद और सिपाही आमिर खान जमानत पर थे। अदालत ने इन तीनों की जमानत रद कर न्यायिक हिरासत में भी जेल भेज दिया था।

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