कौन है ताहिर हुसैन, IB जवान अंकित की हत्या में कैसे उछला नाम? सफाई में क्या किए दावे
उत्तर प्रदेश के अमरोहा स्थित गांव पौरारा का रहने वाला ताहिर हुसैन बीस वर्ष पहले दिल्ली मजदूरी करने गया था। कुछ समय बाद पिता कल्लू भी परिवार के साथ दिल्ली में बेटे के पास पहुंच गए।
नई दिल्ली,जेएनएन। उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के कई मामलों में आरोपित आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन Suspended AAP Councillor Tahir Hussain को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ताहिर हुसैन पर आइबी कांस्टेबल अंकित शर्मा की हत्या में शामिल होने के साथ-साथ, हिंसा भड़काने, साजिश रचने समेत कई अन्य मामले दर्ज किए गए हैं। ताहिर हुसैन मूलरूप से उत्तर प्रदेश के अमरोहा स्थित गांव पौरारा का रहने वाला है।
कौन है ताहिर हुसैन
उत्तर प्रदेश के अमरोहा स्थित गांव पौरारा का रहने वाला ताहिर हुसैन बीस वर्ष पहले दिल्ली मजदूरी करने गया था। कुछ समय बाद पिता कल्लू उर्फ कल्लन सैफी भी परिवार के साथ दिल्ली में बेटे के पास पहुंच गए। गांव के पूर्व प्रधान जयपाल सिंह ने बताया कि दिल्ली के आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन ने कुछ वर्ष पहले गांव के अपने पुश्तैनी मकान को भी बेच दिया था। उसकी गांव में कुछ आवासीय भूमि खाली पड़ी हुई है। जयपाल सिंह ने बताया कि ताहिर साल में एक-दो बार पौरारा आता रहता था। फिलहाल करीब सालभर से वह गांव नहीं आया है। उसका एक तहेरा भाई गांव में स्कूल चलाता है। दिल्ली में ताहिर हुसैन ने अपने कारोबार को स्थापित करने के साथ ही राजनीति में भी पकड़ बना ली थी। गांव के लक्ष्मी नारायण गिरि बताते हैं कि ताहिर हुसैन अपने पांच भाइयों में बड़ा है। गांव में कृषि भूमि एवं कोई अन्य रोजगार न होने पर मजदूरी करने के लिए वह परिवार सहित दिल्ली चला गया था। चुनाव आयोग की जानकारी के मुताबिक, ताहिर हुसैन 2017 में नेहरू विहार(Nehru Vihar) से आम आदमी पार्टी(आप) के टिकट पर पार्षद बने। जानकारी के मुताबिक उनका घर नेहरू विहार, करावल नगर है। चुनाव आयोग की जानकारी के मुताबिक उनके पास करीब 18 करोड़ की संपत्ति है। ताहिर ने इससे पहले कोई चुनाव भी नहीं लड़ा।
अंकित के पिता बोले- ताहिर हुसैन ने बेटे को मरवाया
अंकित शर्मा के पिता ने बेटे की हत्या के लिए ताहिर हुसैन पर आरोप लगाया है। पिता ने आरोप लगाते हुए कहा कि नेहरू विहार के पार्षद ताहिर हुसैन के घर में छिपे बैठे दंगाइयों ने उनके बेटे को खींच लिया। इसके बाद उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी। पिता ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे की हत्या पार्षद ताहिर हुसैन के घर में छिपे दंगाइयों ने की है। उन्होंने ये जानकारी दी कि उन्हें आस पड़ोस के लोगों से पता चला कि मंगलवार दिन में करीब पांच बजे अंकित लोगों को समझा रहे थे। इसी दौरान ताहिर के घर से निकले दंगाइयों ने उन्हें घेरकर अंदर घसीट लिया। गौरतलब है कि अंकित शर्मा के पिता रविंदर शर्मा खुद भी आइबी में हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं। रविंदर शर्मा ने बताया कि मंगलवार दिन में करीब चार बजे अंकित कार्यालय से घर लौटे थे। तभी उन्हें पता चला कि चांद बाग पुलिया के पास हिंसा हो रही है। वह मौके का मुआयना करने वहां पहुंच गए। इसके बाद से वह गायब थे। शाम को उनकी तलाश शुरू हुई। रात में पुलिस को जानकारी दी गई। दयालपुर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई गई।
ताहिर हुसैन के घर मिला तबाही का सामान
बता दें कि दिल्ली में फैली सांप्रदायिक हिंसा के बीच आइबी (इंटेलीजेंस ब्यूरो) के कांस्टेबल अंकित शर्मा की हत्या के मामले में आरोपों से घिरे आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन के घर की छत से पेट्रोल बम, तेजाब के पाउच, गुलेल के साथ काफी संख्या में बोतलें भी बरामद हुई हैं। पुलिस ने पार्षद के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर घर को सील कर दिया
ताहिर हुसैन ने आरोपों से किया इनकार
नेहरू विहार से आम आदमी पार्टी(आप) के पार्षद ताहिर हुसैन ने कहा कि ये सब आरोप गलत हैं, उन्होंने कहा कि सोमवार को मेरे घर पर बहुत सारे लोग हमले के लिए आ गए थे। इसे देखते हुए पुलिस ने वहां से मुझे हटा दिया था। हमने खुद पुलिस बल की मौजूदगी की मांग की थी। मंगलवार को जब मैं अपने घर कपड़े लेने पहुंचा तो फिर से पुलिस ने मुझे हटा दिया था। मैं सांप्रदायिक सौहार्द का पक्षधर रहा हूं। अमन-चैन के लिए जीवन भर काम किया है।
कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचा, पुलिस ने किया गिरफ्तार
दरअसल, ताहिर हुसैन अपने वकील के साथ राऊज एवेन्यू कोर्ट में सरेंडर करने के लिए पहुंचे थे, लेकिन पहले से वहां मौजूद दिल्ली पुलिस के विशेष जांच दल (Special Investigation Team) ने गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले अतिरिक्त मुख्य मेटोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा (Additional Chief Metropolitan Magistrate, Vishal Pahuja) ने ताहिर हुसैन की सरेंडर की अर्जी को खारिज कर दिया था। इसके पक्ष में कोर्ट ने तर्क दिया था कि यह उनके दायरे में नहीं आता है।