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Jamia Violence: प्रदर्शनकारी छात्रों से मिलीं VC नजमा, कहा- पुलिस के खिलाफ जाएंगे कोर्ट

Jamia Violence जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति नजमा अख्तर के ऑफिस के बाहर बड़ी संख्या में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 12:56 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 04:16 PM (IST)
Jamia Violence: प्रदर्शनकारी छात्रों से मिलीं VC नजमा, कहा- पुलिस के खिलाफ जाएंगे कोर्ट
Jamia Violence: प्रदर्शनकारी छात्रों से मिलीं VC नजमा, कहा- पुलिस के खिलाफ जाएंगे कोर्ट

नई दिल्ली, एएनआइ। Jamia Violence: जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने सोमवार को प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि 15 दिसंबर को हुई हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस बिना इजाजत के कैंपस में घुसी थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस एफआइआर दर्ज नहीं कर रही है। हम कोर्ट जाएंगे।उन्होंने कहा कि  पुलिस एफआइआर कब दर्ज करेगी उन्हें नहीं पता। 

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कुलपति नजमा अख्तर ने कहा कि हम सरकारी कर्मचारी हैं। उन्होंने हॉस्टल खाली कराने का आदेश नहीं दिया था। इस मामले में सरकार से आपत्ति भी दर्ज कराई गई है। उन्होंने कहा कि जामिया प्रशासन छात्रों की सुरक्षा के लिए  प्रतिबद्ध है। छात्रों की सुरक्षा व्यवस्था दोगुनी की जाएगी।

जामिया की वीसी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कैंपस में घुसकर छात्रों की पिटाई की। मंगलवार से एफआइआर दर्ज कराने  की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन छात्रों को पुलिस ले गई थी वे वापस आए।

इससे पहले सैकड़ों छात्रों ने वीसी कार्यालय का घेराव किया और 'वाइस चांसलर चुप्पी तोड़ो' के नारे लगा लगाया।प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वीसी बताएं दिल्ली पुलिस के खिलाफ अब तक क्यों नहीं मामला दर्ज करवाया गया है। छात्रों का कहना है कि पुलिस को जामिया में घुसने की इजाजत किसने दी थी।

बताया जा रहा है कि छात्रों ने मुख्य गेट पर लगा ताला तोड़ने के बाद कार्यालय परिसर में घुस गए और वीसी के खिलाफ नारेबाजी की। वे कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। 

दरअसल जामिया कैंपस में पिछले महीने हुई हिंसा के सिलसिले में छात्र दिल्ली पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति नजमा अख्तर के कार्यालय का घेराव किया है। इसके अलावा छात्रों की मांग है कि विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षाओं को फिर से कराए और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।

सीएए के खिलाफ हुए थे हिंसक प्रदर्शन

बता दें कि दिसंबर महीने में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ जामिया नगर में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। उपद्रवियों ने कई बसों और निजी वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। आरोप है कि कुछ प्रदर्शनकारी जामिया मिलिया इस्लामिया में घुस गए थे। 

दिल्ली पुलिस भी उपद्रवियों को पकड़ने के लिए विश्वविद्यालय परिसर में घुस गई थी। आरोप है कि पुलिस बिना इजाजत यूनिवर्सिटी में घुसी थी और कुछ लोगों की पिटाई भी की थी। हालांकि पुलिस ने पिटाई के आरोपों का खंडन किया था और कहा था कि इजाजत लेने के बाद ही पुलिस जामिया में गई थी। पुलिस ने हिंसा मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया था। 

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