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जानिए क्यों श्री श्री रविशंकर ने कहा- यह समय कूड़े से सोना बनाने का है !

श्री श्री रविशंकर ने कहा कि यह समय कूड़े से सोना बनाने का है और हम प्रदूषित वातावरण स्वच्छ करने के लिए पार्कों को सुगंधित व हरा भरा करके प्रयास कर सकते हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 08:54 PM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 08:58 PM (IST)
जानिए क्यों श्री श्री रविशंकर ने कहा- यह समय कूड़े से सोना बनाने का है !
जानिए क्यों श्री श्री रविशंकर ने कहा- यह समय कूड़े से सोना बनाने का है !

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) में कूड़े से खाद बनाने का प्लांट गोल मार्केट के पास राजा बाजार नर्सरी में शुरू हुआ। उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ आर्ट अॉफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने इस प्लांट का उद्घाटन किया। इस प्लांट की मदद से रोजना एक हजार किलो जैविक कूड़े का निस्तारण हो सकेगा। इससे प्रतिदिन 300 किलो जैविक खाद का उत्पादन होगा। जिसका उपयोग हरियाली बढ़ाने के लिए एनडीएमसी के पार्कों में किया जाएगा।

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पर्यावरण के अनुकूल समाधान

इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा कि पर्यावरण अनुकूल समाधान से जैविक कूड़े का निपटान कूड़े से एक प्रकार संपत्ति अर्जित करने के समान है। इसके लिए नागरिकों को चाहिए कि वह अपने घर से निकलने वाले गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग करने की जिम्मेदारी निभाएं। इस तरह के सहयोग दिल्ली के पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी। इतना ही नहीं लैंडफिल साइट पर कूड़ा नहीं जाएगा तो उससे उसकी ऊंचाई भी नहीं बढ़ेगी।

वातावरण को रखें स्वच्छ

श्री श्री रविशंकर ने कहा कि यह समय कूड़े से सोना बनाने का है और हम प्रदूषित वातावरण स्वच्छ करने के लिए पार्कों को सुगंधित व हरा भरा करके प्रयास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हर घर में कूड़े को वहीं अलग-अलग कर लिया जाना चाहिए और इसके लिए प्रत्येक नागरिक को जागरूक तथा शिक्षित करने की आवश्यकता है। ताकि वह अपने घर पर ही गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग कर सके।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत हो प्रयास

एनडीएमसी के चेयरमैन धर्मेंद्र ने कहा कि हम स्वच्छ भारत मिशन के तहत ऐसे प्रयास कर रहे है जिससे रसोई से निकलने वाले गीले कचरे को पर्यावरण अनुकुल बना सके। यानि उसका निपटान पर्यावरण अनुकुल कर सके। इससे न केवल श्रम शक्ति को बचाया जा सकेगा बल्कि इसके परिवहन पर लगने वाली लागत को कम कर सकते है।

इससे जो राशि बचेगी उसका उपयोग नागरिकों की दूसरी सेवाओं को बेहतर करने में किया जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि इस तरह के संयंत्र एनडीएमसी इलाके के आवासीय काॅलोनियों में लगाए जाएंगे। इसमें भारती नगर और सांगली मेस को भी इस तरह की परियोजना के लिए चुना है। इस अवसर पर एनडीएमसी की सचिव रश्मि सिंह व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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