दिल्ली कांग्रेस में बढ़ी रार, शीला दीक्षित ने की तीन प्रदेश प्रवक्ताओं की नियुक्ति
शीला दीक्षित ने कांग्रेस नेता रोहित मनचंदा पुष्पेंद्र श्रीवास्तव और प्रो. रतन जैन को प्रदेश प्रवक्ता बनाया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित और प्रदेश प्रभारी पीसी चाको के बीच रार कम होने के नाम नहीं ले रही है। ताजा मामले में शीला दीक्षित ने दिल्ली के लिए तीन नए प्रदेश प्रवक्ता की नियुक्ति करके पीसी चाको को एक बार फिर से चुनौती दी है। बृहस्पतिवार को शीला दीक्षित ने रोहित मनचंदा, पुष्पेंद्र श्रीवास्तव और प्रो. रतन जैन को प्रदेश प्रवक्ता बनाया है।
शीला दीक्षित की तरफ से जारी सूची के अनुसार, तीनों प्रदेश प्रवक्ताओं की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। फिलहाल अभी तक पीसी चाको या तीनों प्रदेश कार्यकारी अध्यक्षों की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी है। लेकिन माना जा रहा है कि अब इस पर भी विवाद होना तय है।
शीला के खिलाफ नारेबाजी
मंगलवार को प्रदेश प्रभारी पीसी चाको ने तीनों कार्यकारी अध्यक्षों के अधिकार बढ़ाए तो बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित ने चाको समर्थक कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ और देवेंद्र यादव के पर कतर दिए थे। इसके विरोध में बृहस्पतिवार को सैकड़ों कार्यकर्ताओं सहित हारून यूसुफ प्रदेश कार्यालय पहुंचे और जमकर नारेबाजी की। वहीं देवेंद्र यादव ने शीला के आदेश पर हाल में लगे ताले जबरन खुलवा दिए। इन नेताओं ने कहा कि हम केवल एआइसीसी के आदेशों को मानेंगे।
पर्यवेक्षकों की नियुक्ति पर नाराजगी
इससे पहले शुक्रवार को शीला की अनुपस्थिति के बावजूद प्रदेश कांग्रेस द्वारा उनकी ओर से 14 जिला और 280 ब्लॉक पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी गई थी। शीला के इस फैसले पर प्रदेश प्रभारी और तीनों कार्यकारी अध्यक्षों ने नाराजगी जताई थी। उनका कहना था कि शीला ने यह फैसला उनसे बगैर पूछे ही लिया है।
इसके बाद शीला दीक्षित के खिलाफ शनिवार को पूर्व विधायक नसीब सिंह, हरी शंकर गुप्ता, चौ. मतीन अहमद, सुरेंद्र कुमार, चौ. ब्रहृापाल, आसिफ मोहम्मद खान, प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी, एआइसीसी सदस्य ओमप्रकाश बिधूड़ी और चतर सिंह सहित करीब 24 पार्टी नेता कनॉट प्लेस के एक रेस्तरां में एकत्रित हुए। करीब एक घंटे चली बैठक में सभी ने एकमत से इसका विरोध किया।
उधर, प्रदेश प्रभारी पीसी चाको ने शीला दीक्षित पत्र लिखकर कड़ा विरोध जताया था। इसमें चाको ने शीला को अपने 29 जून और एक जुलाई को लिखे पत्रों की याद दिलाते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा है कि वह इन सभी फैसलों को रद करें। चाको ने यह भी कहा है उनके जैसे वरिष्ठ नेता के होते हुए प्रदेश कांग्रेस में कुछ अनधिकृत लोग विरोधाभासी निर्णय ले रहे हैं, जो पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
तीनों कार्यकारी अध्यक्षों ने शीला को लिखा था पत्र
तीनों कार्यकारी अध्यक्षों हारून यूसुफ, देवेंद्र यादव और राजेश लिलोठिया की ओर से शीला दीक्षित को एक पत्र लिखा था। इसमें कहा गया था कि प्रदेश के लिए एक अध्यक्ष और तीनों कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति स्वयं एआइसीसी ने की है। बावजूद इसके पार्टी के निर्णयों में उन्हें ही भरोसे में नहीं लिया जा रहा है।