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Article 370: जेएनयू में मंत्री जीतेंद्र सिंह के आने से पहले भिड़े लेफ्ट और एबीवीपी के कार्यकर्ता

देश के नामी संस्‍थान जेएनयू एक बार फिर चर्चा में है। आर्टिकल 370 को लेकर परिचर्चा से पहले आइसा और अभाविप के कार्यकर्ता भिड़ गए।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 05:44 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 07:43 PM (IST)
Article 370: जेएनयू में मंत्री जीतेंद्र सिंह के आने से पहले भिड़े लेफ्ट और एबीवीपी के कार्यकर्ता
Article 370: जेएनयू में मंत्री जीतेंद्र सिंह के आने से पहले भिड़े लेफ्ट और एबीवीपी के कार्यकर्ता

नई दिल्‍ली, जेएनएन। देश के नामी संस्‍थान जेएनयू एक बार फिर चर्चा में है। कारण है कश्‍मीर में आर्टिकल 370 खत्‍म करने को लेकर यहां एक चर्चा होनी है, जिसमें केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह आने वाले हैं। इसको लेकर यहां लेफ्ट संगठन के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन जारी कर दिया इसके बाद यहां माहौल गरमाते ही एबीवीपी ने भी प्रदर्शन शुरू कर दिया।

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इससे यहां स्‍थिति खराब हो गई। दोनों के कार्यकर्ता यहां उलझ गए। बता दें कि जम्‍मू और कश्‍मीर में भारत सरकार ने एक प्रस्ताव लाकर अनुच्छेद 370 हटा दिया है। जिसके बाद विश्वविद्यालय में इस पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह आने वाले हैं। इसी बात पर यहां के छात्रों में विवाद हो गया है। वामपंथी छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने इस चर्चा के आयोजन स्थल पर आर्टिकल 370 को हटाने के मामले में विरोध जताया। वहीं आयोजन स्‍थल पर एबीवीपी ने धारा 370 को हटाने का समर्थन करते हुए कश्मीर के विकास के लिए की नारेबाजी की। बता दें कि भाजपा आर्टिकल 370 पर चर्चा के लिए कुछ-कुछ जगहों चर्चा कर रही है।

जेएनयू पहले भी विवादों में रहा है। यहां कथित तौर पर टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्‍यों ने देश के खिलाफ नारेबाजी की थी। इस केस में दिल्ली पुलिस ने करीब 1200 पन्ने का आरोपपत्र अदालत में दाखिल किया है। इसमें जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन के सदस्य उमर खालिद और इतिहास विषय के शोधार्थी अनिर्बान भट्टाचार्य को मुख्य आरोपित बनाया है। सात अन्य आरोपितों में आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रईस रसूल, बशरत अली व खालिद बशीर भट शामिल हैं।हालांकि इस मामले में दिल्‍ली सरकार ने अभी तक कन्‍हैया कुमार के खिलाफ केस चलाने की अनुमति नहीं दी है। इस कारण पुलिस इस केस में आगे नहीं बढ़ पाई है।

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