SC का दिल्ली सरकार से सवाल- 30 हजार इकाइयां अवैध, 692 की ही बिजली क्यों काटी
खंडपीठ ने आदेश में कहा कि यह आंकड़ा 692 इकाइयों का ही कैसे रह गया जबकि दिल्ली के मुख्य सचिव व उद्योग आयुक्त के दायर हलफनामे में बंद की गई औद्योगिक इकाइयों की तादाद अधिक बताई गई है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि राजधानी के रिहाइशी व निषिद्ध क्षेत्रों में अवैध रूप से चल रहे सिर्फ 692 औद्योगिक इकाइयों के ही बिजली कनेक्शन क्यों काटे गए, जबकि कोर्ट को बताया गया था कि करीब 30 हजार ऐसी इकाइयां बंद की जा रही हैं।
जस्टिस अरुण मिश्र और जस्टिस दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने बुधवार को दिल्ली में सीलिंग मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि प्रशासन ने पहले 30 हजार औद्योगिक इकाइयों को बंद करने की बात कही थी, लेकिन अब 27 फरवरी, 2019 को दाखिल अपनी रिपोर्ट में दिल्ली सरकार ने केवल 692 औद्योगिक इकाइयों के बिजली कनेक्शन काटने की बात कही है।
खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि यह आंकड़ा 692 इकाइयों का ही कैसे रह गया, जबकि दिल्ली के मुख्य सचिव व उद्योग आयुक्त के दायर हलफनामे में बंद की गई औद्योगिक इकाइयों की तादाद अधिक बताई गई है। कोर्ट ने अगली सुनवाई एक अप्रैल को सुनिश्चित की है।
विगत चार फरवरी के आदेश में सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने 30 हजार औद्योगिक इकाइयों का बिजली-पानी काटने के लिए चार हफ्ते की मोहलत मांगी है। पिछले साल सर्वोच्च अदालत ने इस मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा था कि दिल्ली अवैध औद्योगिक इकाइयों को बंद करने के लिए गठित निगरानी कमेटी के 14 साल बाद भी हजारों औद्योगिक इकाइयां रिहाइशी इलाकों में चल रही हैं।