रॉबर्ट वाड्रा ने अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली ED की याचिका का HC में किया विरोध
रॉबर्ट वाड्रा ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में अपनी अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका का दिल्ली हाई कोर्ट में विरोध किया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। लंदन में संपत्ति खरीदने के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मिली अग्रिम जमानत को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका का रॉबर्ट वाड्रा ने विरोध किया है। वाड्रा ने हाई कोर्ट में कहा कि ऐसा कोई सुबूत नहीं है कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जबकि मामले से जुड़े सभी दस्तावेज जांच एजेंसी के कब्जे में हैं। ऐसे में इसके साथ छेड़छाड़ होने का भी खतरा नहीं है। कोट ने अगली सुनवाई की तारीख 26 सितंबर तय की है।
ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट में इस आधार पर अग्रिम जमानत को चुनौती दी है कि वह वाड्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है क्योंकि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इससे पहले रॉबर्ट वाड्रा ने अदालत में अपनी अर्जी दायर कर व्यापार के सिलसिले में 21 सितंबर से 8 अक्टूबर तक विदेश जाने की अनुमति मांगी थी। अदालत ने इस अनुरोध को स्वीकार कर विदेश जाने की अनुमति वाड्रा को दे दी थी।
वाड्रा को निचली अदालत ने अग्रिम जमानत दी थी। फैसले को चुनौती देते हुए जांच ईडी ने कहा था कि निचली अदालत मामले को समझने में नाकाम रही और इस तरह के मामले में रूटीन तरीके से जमानत नहीं दी जानी चाहिए थी।
यह है मामला
वाड्रा के खिलाफ विदेश में संदिग्ध संपत्ति और बीकानेर में जमीन खरीदने की जांच चल रही है। लंदन में एक फ्लैट को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने वाड्रा के करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। ईडी का आरोप है कि यह फ्लैट मनोज अरोड़ा के बजाय वाड्रा का है और यह हथियार डीलर संजय भंडारी से 2010 में खरीदा गया था।
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