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यूपीः केंद्रीय मंत्री के आवास पर ताला लगाने की कोशिश, बाहर भारी पुलिस बल तैनात

बुधवार सुबह केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और स्थानीय सांसद जनरल वीके सिंह के राजनगर स्थित आवास पर हाई कोर्ट बेंच की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 28 Nov 2018 02:07 PM (IST)Updated: Wed, 28 Nov 2018 02:32 PM (IST)
यूपीः केंद्रीय मंत्री के आवास पर ताला लगाने की कोशिश, बाहर भारी पुलिस बल तैनात
यूपीः केंद्रीय मंत्री के आवास पर ताला लगाने की कोशिश, बाहर भारी पुलिस बल तैनात

गाजियाबाद, जेएनएन। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। बुधवार सुबह केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और स्थानीय सांसद जनरल वीके सिंह के राजनगर स्थित आवास पर हाई कोर्ट बेंच की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान अधिवक्ता वीके सिंह के आवास पर ताला डालने का प्रयास कर रहे हैं। मौके पर भारी सुरक्षा बल तैनात है।

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यहां पर बता दें कि इसी साल मई महीने में केंद्र सरकार के चार साल की उपलब्धियां गिनाते हुए केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट की बैंच स्थापित की जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि बैंच की स्थापना किस जिले में होगी।

पश्चिम उप्र में हाईकोर्ट की खंडपीठ स्थापित करने वाली याचिका खारिज
बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट की खंडपीठ स्थापित करने के मुद्दे पर दायर जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने इसी महीने 13 नवंबर को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यह ठीक है कि याचिका में अच्छे मुद्दे उठाए गए हैं, लेकिन इस मामले को सुनने के लिए यह मंच नहीं है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने यह फैसला सुनाया था।

सामाजिक संगठन 'फाइट फॉर ह्यूमन' की तरफ से पेश वकील केआर चित्रा ने कहा था कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोग आसानी से हाई कोर्ट तक पहुंच सकें, इसके लिए एक खंडपीठ की इस क्षेत्र में स्थापना की जानी चाहिए।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट की खंडपीठ स्थापित करने का मुद्दा न्यायिक आदेशों के दायरे में नहीं आता। यह ठीक है कि याचिका में महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए गए हैं, लेकिन उनको सुनने का यह उचित मंच नहीं है। इसलिए इसे खारिज किया जाता है।


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