पुलिस अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर निकाली खीज, ट्वीट कर जानिए किसने क्या कहा
अरुणाचल प्रदेश के डीआइजी आइपीएस अधिकारी मधुर वर्मा ने कहा मुझे खेद है हम पुलिस वाले हैं हमारी अपनी कोई पहचान नहीं है न हमारा परिवार है और न ही हमारे मानवाधिकार।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। अदालत के बाहर शुरू हुआ वकीलों और पुलिस कर्मियों का विवाद सड़कों पर प्रदर्शन के बाद अब सोशल मीडिया तक पहुंच गया है। कुछ पुलिस अधिकारी ट्विटर पर समर्थन में आए गए हैं। आइए जानें विवाद पर किस पुलिस अधिकारी ने क्या कहा
अरुणाचल प्रदेश के डीआइजी आइपीएस अधिकारी मधुर वर्मा ने कहा, मुझे खेद है, हम पुलिस वाले हैं, हमारी अपनी कोई पहचान नहीं है, न हमारा परिवार है और न ही हमारे मानवाधिकार।
आइपीएस अधिकारी असलम खान कहती हैं कि इस समय मैं जानने के लिए उत्सुक हूं कि कौन कौन वरिष्ठ अधिकारी अस्पताल में दाखिल घायल कर्मचारियों का हाल जानने पहुंचा है। इतना ही नहीं आइपीएस अधिकारी असलम खान ने वीडियो शेयर किया और टवीट किया है कि खाकी के इतने बुरे दिन आ गए हैं। इस वीडियो में दिख रहा है कि एक पुलिस कर्मचारी बाइक पर जा रहे है, जिसे कुछ लोगों ने रोक लिया और उसकी पिटाई की जा रही है। इसमें यह भी दिख रहा है कि कैसे बेचारा पुलिस कर्मचारी जान बचाकर भाग रहा है।
आइपीएस एसोसिएशन ने टवीट किया है कि पुलिस और वकीलों के बीच का विवाद दुर्भाग्यपूर्ण है। जनहित में सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए इस विवाद का हल निकालना चाहिए। देश की पुलिस उन कर्मचारियों के साथ खड़ी है जिन्हें शारीरिक रूप से क्षति पहुंचाई गई और सार्वजनिक रूप से बेइज्जत किया गया। कानून तोड़ने की किसी को भी इजाजत नहीं है।
आइपीएस अधिकारी आकाश तोमर ने वकीलों की बीच सड़क में धरना देते हुए फोटो शेयर करके टवीट किया है कि वकीलों और पुलिस के बीच विवाद नैतिक मूल्यों पर आधारित कानूनी प्रोफेशन पर सवाल खडे़ करता है।