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CAA Delhi Protest: शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे कश्मीरी पंडितों से बदसलूकी

नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने कैंड़ल मार्च निकाला। इस दौरान लोगों ने नारेबाजी भी की।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 07:23 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 09:42 PM (IST)
CAA Delhi Protest: शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे कश्मीरी पंडितों से बदसलूकी
CAA Delhi Protest: शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे कश्मीरी पंडितों से बदसलूकी

नई दिल्ली [गौरव बाजपेई]। शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में चल रहे प्रदर्शन में रविवार को कश्मीरी पंडितों के पहुंचने पर अफरा-तफरी मच गई। कश्मीरी पंडितों ने प्रदर्शनकारियों से उन्हे उनका घर वापस दिलाने के लिए समर्थन मांगा। साथ ही उन्होने स्वरा भास्कर के द्वारा बुलाए गए जश्न ए शाहीन का विरोध किया कि आज के ही दिन 30 साल पहले उन्हे उनके घर से विस्थापित कर दिया गया था। हजारों कश्मीरी पंडितों का कत्ल कर दिया गया था। यह कार्यक्रम उनकी शहादत का अपमान है।

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इस दौरान कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधिमंडल से मंच से उतरते समय कुछ प्रदर्शनकारियों से धक्कामुक्की भी हुई। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल बिना अपनी बात पूरी किए मंच से उतरकर वापस चला गया।

कई दिनों से चल रहा है प्रदर्शन

शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है। कई फिल्मी हस्तियां और लोग प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान 16 जनवरी को स्वरा भास्कर ने ट्वीट कर 19 जनवरी को शाहीन बाग की महिलाओं के समर्थन में जश्न ए शाहीन एक शाम गीतों के नाम कार्यक्रम की जानकारी दी थी जिसके बाद से कश्मीरी पंडित समुदाय ने इसका विरोध किया था। जिसके बाद कश्मीरी कार्यकर्ता सतीश महालदार ने कहा था कि 30 साल पहले कश्मीरी पंडितों के सामूहिक नरसंहार के दिन शाहीन बाग में इस तरह का कार्यक्रम होना हमारे समुदाय की शहादत का अपमान है। हम कोशिश करेंगे कि ऐसा कोई भी कार्यक्रम आयोजित न हो।

रविवार शाम को कश्मीरी पंडितों का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शाहीन बाग पहुंचा और अपने लिए समर्थन की मांग की। अपनी बात रखने के बाद मंच से उतरते समय कश्मीरी पंडितों को न्याय दो नारा लगाने पर प्रदर्शनकारियों ने उनके साथ धक्कामुक्की भी की। शाहीन बाग प्रदर्शन में कश्मीरी पंडितों का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा था जिसमें सतीश महालदार, कमल, आशीष पंडित , रवि और मोनिका पंडित शामिल थी।

कश्मीरी पंडितों के लिए मांगा समर्थन

कश्मीरी पंडितों की बात रखते हुए सतीश महालदार ने कहा कि हम प्रदर्शनकारियों से अपील करते हैं कि आप हमारे लिए आगे आएं। हम पिछले 30 सालों से अपने ही देश में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। हमारे घर हमसे छीन लिए गए हैं। पहले हमें हमारी जमीन वापस दिलाई जाए इसके बाद दूसरे कानून लाए जाएं।

वहीं आशीष पंडिता ने कहा कि आप हिंदुस्तानी है इस बात पर किसी को शक नहीं है। लेकिन हम भी हिन्दुस्तानी है और हमें हमारी ही जमीन से बेदखल किया गया है। जिन्होने कश्मीरी पंडितों का कत्ल किया है उनके खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। आशीष ने यह मांग भी कि कश्मीरी पंडितों के आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाए।

सीएए का विरोध करने पर आपस में ही हुआ मतभेद

सतीश महालदार ने मंच से सीएए को लेकर सवाल खड़े किए तो प्रतिनिधिमंडल के साथ ही आई मोनिका पंडित ने उनका विरोध किया। मोनिका ने मीडिया से बात करते समय बताया कि हम नागरिकात संशोधन कानून का समर्थन करते हैं। साथ ही कश्मीरी पंडितों के सामूहिक नरसंहार के दिन किसी भी जश्न के कार्यक्रम का विरोध करते हैं।

कश्मीरी पंडितों को न्याय दो नारा लगाने पर धक्कामुक्की

कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी बात कह चुकने के बाद कश्मीरी पंडितों को न्याय दो का नारा भी लगाया जिस पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने विरोध जताया और धक्कामुक्की की। हालांकि लोगों ने उन्हे समझाकर कश्मीरी पंडितों को प्रदर्शन से निकलने की जगह दी।

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