संघ का प्रयास फिर से विश्व गुरु बने भारत, स्थापना दिवस से पहले बोले RSS नेता पवन जिंदल
स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर दैनिक जागरण से बातचीत में आरएसएस के प्रांत संघचालक (हरियाणा) पवन जिंदल ने कहा कि संघ की स्थापना के पीछे मुख्य उद्देश्य यही है कि भारत फिर से विश्व गुरु बने। इसके लिए शुरू ही प्रयास किए जा रहे हैं।
गुरुग्राम [आदित्य राज]। हर साल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का स्थापना दिवस विजयादशमी के दिन मनाया जाता है। इस तरह रविवार को 95वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा। 1925 में डा. केशव हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी। आज यह दुनिया सबसे बड़ा सांस्कृतिक संगठन बन चुका है। संघ का प्रयास है कि भारत फिर से विश्व गुरु बने। इस दिशा में देश काफी आगे बढ़ चुका है। पूरी दुनिया यह मानने लगी है कि भारत वसुधैव कुटुंबकम में विश्वास रखता है।
स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर दैनिक जागरण से बातचीत में आरएसएस के प्रांत संघचालक (हरियाणा) पवन जिंदल ने कहा कि संघ की स्थापना के पीछे मुख्य उद्देश्य यही है कि भारत फिर से विश्व गुरु बने। इसके लिए शुरू ही प्रयास किए जा रहे हैं। भारत के विचारों को पूरी दुनिया के सामने रखा जा रहा है। शाखाओं के माध्यम से अपनी सभ्यता व संस्कृति के बारे में स्वयंसेवकों को जानकारी दी जाती है। उन्हें बताया जाता है कि देश पहले विश्व गुरु के आसन पर विराजमान था। फिर से उस ऊंचाई को प्राप्त करना है। इसके लिए सभी को मिल-जुलकर प्रयास करना होगा। सेवा भाव के माध्यम से लाेगों को जोड़ना होगा। इस दिशा में काफी सफलता हासिल हो चुकी है। आज पूरी दुनिया में सेवा कार्यों की वजह से भी संघ की पहचान है।
कोविड-19 से प्रभावित लोगों की सहायता की जाएगी
कोविड-19 की वजह से काफी लोगों की नौकरियां चली गई हैं। काफी लोगों के रोजगार प्रभावित हुए हैं। ऐसे लोगों की सहायता का संकल्प संघ के साधन संपन्न स्वयंसेवक लेंगे। वे अपने प्रतिष्ठानों में बेरोजगारों को नौकरी देंगे। जिनको ट्रेनिंग देने की आवश्यकता है, उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। जिन्हें काउंसिलिंग की आवश्यकता है, उनके लिए काउंसिलिंग की व्यवस्था कराई जाएगी। वैसे तो इस दिशा में संघ ने प्रयास शुरू कर दिया है लेकिन विजयादशमी के दिन विशेष रूप से संकल्प लेंगे।
कोविड-19 की वजह से पथ संचलन नहीं होगा
कोविड-19 की वजह से इस बार कहीं भी पथ संचलन नहीं निकाला जाएगा लेकिन शाखाओं में विजयादशमी उत्सव का आयोजन किया जाएगा। यह संघ के प्रमुख उत्सवों में शामिल है। सेक्टर-15 की शाखा में प्रांत संघचालक पवन जिंदल उपस्थित होंगे। सुबह आठ बजे से संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत का वर्चुअल बौद्धिक होगा। बता दें कि हर साल संघ द्वारा स्थापना दिवस पर पथ संचलन का आयोजन किया जाता है। कोविड-19 की वजह से उन सभी कार्यक्रमों पर रोक है जिनमें शारीरिक दूरी का ध्यान रखना संभव नहीं।
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