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JNU Sedition Case: मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के लिए कोर्ट ने सरकार को दिया एक माह का समय

राजद्रोह का केस चलाने की मंजूरी को लेकर कोर्ट ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि दिल्ली सरकार एक महीने में इस पर अपना फैसला ले लेगी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 04:13 PM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 04:13 PM (IST)
JNU Sedition Case: मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के लिए कोर्ट ने सरकार को दिया एक माह का समय
JNU Sedition Case: मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के लिए कोर्ट ने सरकार को दिया एक माह का समय

नई दिल्ली, जेएनएन। कन्हैया कुमार (kanhaiya kumar) के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के लिए अदालत ने दिल्ली सरकार को एक महीने का समय दिया है। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) में वर्ष 2016 में एक आयोजन के दौरान भारत विरोधी नारे लगाने और नफरत भड़काने के मामले में बुधवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। 

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राजद्रोह का केस चलाने की मंजूरी को लेकर कोर्ट ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि दिल्ली सरकार एक महीने में इस पर अपना फैसला ले लेगी। मामले की अब अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी।

बता दें कि जेएनयू में कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारे लगाने के मामले में घिरे कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मंजूरी दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने नहीं दी है। गौरतलब है कि देशद्रोह के मामले में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य छात्र नेताओं के खिलाफ इसी साल 14 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने आरोपपत्र दायर किया गया था। चार्जशीट दिल्ली सरकार की अनुमति के बिना पेश की गई थी। चार्जशीट दायर करने को अनुमति देने के मामले में दिल्ली सरकार ने कहा था कि वह इसकी जांच कराएंगे और कानूनी राय लेंगे। इसके बाद सरकार इस मामले में निर्णय लेगी।

बता दें कि अभी हाल में ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि जेएनयू में देशद्रोही नारेबाजी के मामले में आरोपितों के खिलाफ मुकदमा चलाने को लेकर दिल्ली सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का गृह विभाग सभी जानकारी लेने के बाद उचित निर्णय लेगा।

मीडिया में चल रही खबरों का केजरीवाल ने किया था खंडन

मीडिया में चल खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा था कि ये सब अफवाह है। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि दिल्ली सरकार के गृह मंत्रालय ने कथित तौर पर माना है कि जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार देशद्रोही नहीं है। गृह विभाग द्वारा तैयार किए गए नोट में कहा गया है कि जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के प्रकरण में यह साबित नहीं हो पाया है कि नारे कन्हैया कुमार ने लगाए थे। नोट गृह विभाग की तरफ से दिल्ली सरकार को भेजा जाएगा।

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