Delhi Police vs Lawyers Protest: गिरफ्तारी पर बिगड़ी बात, बेनतीजा रही वकीलों और पुलिस की बैठक
Delhi Police vs Lawyers Protest पुलिस और वकील दोनों ही आरोपितों पर कार्रवाई के लिए अड़े हुए थे। ऐसे में अब न्यायिक जांच के आधार पर ही दोषियों पर कार्रवाई तय होगी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Police vs Lawyers Protest: तीस हजारी मामले में दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के निर्देश पर पुलिस और वकीलों के बीच समन्वय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता उपराज्यपाल ने की, लेकिन यह बैठक बेनतीजा ही समाप्त हो गई। दरअसल, पुलिस और वकील दोनों ही आरोपितों पर कार्रवाई के लिए अड़े हुए थे। ऐसे में अब न्यायिक जांच के आधार पर ही दोषियों पर कार्रवाई तय होगी।
दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देश पर रविवार की शाम पुलिस और वकीलों के बीच बैठक का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता उपराज्यपाल ने की। बैठक में दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही और वकीलों के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों से बनी समिति के लोग मौजूद रहे।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में वकीलों ने जहां दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग उठाई। वहीं पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मामले की न्यायिक जांच हो रही है। इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे उनकी गिरफ्तारी की जाएगी। इसे लेकर दोनों पक्षों के आपस में अड़े रहने की वजह से बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल सका। हालांकि, उपराज्यपाल ने दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद उन्होंने दोनों पक्षों से कहा कि मुद्दे के सुलझाने के प्रयास जारी रखें और मिल बैठकर यदि इस मामले का हल निकल आता है तो उससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है।
वकील को गोली कैसे लगी, सबूत तलाशने पहुंची सीएफएसएल की टीम
तीस हजारी कोर्ट परिसर में गत दिनों वकील और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प मामले में पुलिस की स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) की जांच जारी है। इसी क्रम में रविवार को सीएफएसएल की टीम तीस हजारी कोर्ट पहुंची। फॉरेंसिक टीम ने इस बात की जांच की कि वकील को पुलिस की चलाई गोली कैसे लगी। गोली लॉकअप के अंदर चलने के बाद ग्रिल से टकराकर वकील को लगी अथवा उन्हें सीधे मारी गई थी।
दरअसल गोली लगने की घटना का स्पष्ट पता नहीं चल सका है। इस संबंध में सीसीटीवी फुटेज में भी ठीक से रिकॉर्डिंग नहीं मिल पाई है। लिहाजा जांच के बाद सीएफएसएल की टीम गोली वकील को कैसे लगी इस निष्कर्ष पर पहुंचने का प्रयास कर रही है। उधर पुलिस सूत्रों के मुताबिक सोमवार और मंगलवार को भी तीस हजारी कोर्ट में सुरक्षा कारणों से अंडर ट्रायल कैदी पेश नही होंगे। ड्यूटी मजिस्ट्रेट जेलों में जाकर कैदियों की सुनवाई करेंगें।
यह है पूरा मामला
दो नवंबर को तीस हजारी कोर्ट परिसर में वकील और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस दौरान गोली लगने से दो वकील घायल हो गए थे। इसके बाद बेकाबू हुए वकीलों ने पुलिसकर्मियों के साथ जहां मारपीट की थी। वहीं पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज कर दिया था। इस घटना में 20 पुलिसकर्मी और आठ के करीब वकीलों को चोट आई थी।
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