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2012 Delhi Nirbhaya case: दोषी विनय शर्मा का दावा- राष्ट्रपति के पास भेजी दया याचिका में उसके साइन नहीं

निर्भया केस में फांसी की सजा पाए दोषी विनय शर्मा की दया याचिका में नया मोड़ आ गया है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 02:54 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 03:21 PM (IST)
2012 Delhi Nirbhaya case: दोषी विनय शर्मा का दावा- राष्ट्रपति के पास भेजी दया याचिका में उसके साइन नहीं
2012 Delhi Nirbhaya case: दोषी विनय शर्मा का दावा- राष्ट्रपति के पास भेजी दया याचिका में उसके साइन नहीं

नई दिल्ली, एएनआइ।  2012 Nirbhaya case: वर्ष 2012 में हुए वीभत्स निर्भया मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा फांसी की सजा पाए दोषी विनय शर्मा की दया याचिका में नया मोड़ आ गया है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, 2012 में हुए निर्भया सामूहिक दुष्कर्म के दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के रामनाथ कोविंद के पास भेजी दया याचिका को लेकर दावा किया है कि उस पत्र में उसके साइन नहीं हैं, ऐसे में तत्काल प्रभाव से यह दया याचिका खारिज की जाए। 

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मिली जानकारी के मुताबिक, दोषी विनय शर्मा की दया याचिका के संबंध में दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (Aam) सरकार केंद्रीय गृह मंत्रालय (Minister of Home Affairs) को अपनी रिपोर्ट भेज चुकी है। बताया जा रहा है कि दिल्ली के उपराज्यपाल के मातहत गृह मंत्रालय निर्भया के दोषी विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति के पास चुकी है। गृहमंत्रालय ने विनय की याचिका खारिज करने की सिफारिश की है। 

बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 72 (Article 72) में राष्ट्रपति के पास किसी भी सजा पाए अपराधी की सजा कम करने के साथ उसकी सजा पूरी तरह माफ करने का भी प्रावधान है। 

उपराज्यपाल खारिज कर चुके हैं दया याचिका

यहां पर बता देें कि दिल्ली के वसंत विहार इलाके में निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषी विनय शर्मा की याचिका दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल पिछले दिनों ही खारिज कर चुके हैं। दरअसल, विनय की दया याचिका से जुड़ी फाइल दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल के दफ्तर भेजी थी। इसी के साथ दिल्ली सरकार ने दया याचिका खारिज करने की रिपोर्ट भी अपनी ओर से दी थी। सप्ताह की शुरुआत यानी सोमवार को ही उपराज्यपाल की भी दया याचिका खारिज करने की अनुमति आ गई। अब दिल्ली सरकार की ओर से इस फाइल को राष्ट्रपति के पास भेजा गया है। इस पर आखिरी फैसला राष्ट्रपति को लेना है। 

गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 में दक्षिण दिल्ली में छात्रा निर्भया के साथ चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इलाज के दौरान उसकी सिंगापुर के अस्पताल में मौत हो गई थी। इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी चार दोषियों मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को अदालत से फांसी की सजा सुनाई गई थी। वहीं, दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली थी और एक अन्य नाबालिग दोषी बाल सुधार गृह में सजा काट चुका है। 


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