उत्तराखंड के ललित जेएनयू में बदलाव के लिए एबीवीपी की ओर से मैदान में उतरे
ललित ने सेंट्रल ब्वायज स्कूल बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से उच्च माध्यमिक शिक्षा लेने के बाद लाल बहादुर शास्त्री विद्यापीठ, दिल्ली से स्नातक किया है।
नई दिल्ली, [मनोज भट्ट] । जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ चुनाव में उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल निवासी ललित पांडेय को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने छात्रसंघ अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाया है। छात्रसंघ चुनाव के लिए 14 सितंबर को जेएनयू में मतदान होना है। स्कूल ऑफ संस्कृत व इंडिक से पीएचडी के छात्र ललित कुमार पांडेय उत्तराखंड के चंपावत जिले के मूल निवासी हैं।
सामान्य पारिवारिक पृष्ठभूमि
ललित के पिता अखिलानंद पांडेय की चाय व मिठाई की दुकान है वहीं मां लक्ष्मी पांडे गृहिणी हैं। ललित ने चंपावत के विद्या मंदिर से प्राथमिक शिक्षा व सेंट्रल ब्वायज स्कूल बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से उच्च माध्यमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद लाल बहादुर शास्त्री विद्यापीठ, दिल्ली से स्नातक किया। अब वह जेएनयू से एमए, एमफिल, जेआरएफ करने के बाद पीएचडी कर रहे हैं।
चयन होना गौरव का क्षण
ललित कहते हैं कि यह उनके लिए गौरव का क्षण है कि एबीवीपी ने उन्हें जेएनयू जैसे वैश्विक शैक्षणिक संस्थान में छात्र मुद्दों के लिए संघर्ष करने का मौका दिया है। ललित कहते हैं कि जेएनयू छात्रसंघ में वाम छात्र संगठनों का कब्जा रहा है और इस कब्जे की संस्कृति के कारण जेएनयू की स्थिति बदहाल होती गई है। कैंपस में पानी तो पुस्तकालयों में किताबों का अभाव हो गया है। कई छात्र संगठन इन मुद्दों को भुलाकर कैंपस में देशविरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। इससे देश के साथ-साथ जेएनयू की संस्कृति भी खतरे में हैं। इन सभी मुद्दों को लेकर जेएनयू में बदलाव के लिए चुनावी मैदान में हूं।
चर्चा में रहा है जेएनयू
गौरतलब है कि फरवरी 2016 में जेएनयू में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम से उपजे विवाद के बाद एबीवीपी कैंपस में तेजी से उभरी है। पिछले तीन वर्षों की तरह ही इस वर्ष भी जेएनयू के ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन (आइसा) के नेतृत्व में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ), ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन (आइसा) व डेमोक्रेटिक स्टूडेंट फेडरेशन (डीएसएफ) गठबंधन कर चुनाव मैदान में हैं। वहीं नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया व बिरसा अंबेडकर फुले स्टूडेंट फेडरेशन ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं।