Unnao Case: फैसला सुनते ही गिड़गिड़ाया कुलदीप सेंगर, जज बोले- 'बस करो, सब दिखता है'
Unnao Case पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार देने के दौरान तीस हजारी कोर्ट के सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कहा कि यह मेरे करियर का सबसे बेहतरीन ट्रायल था।
नई दिल्ली [सुशील गंभीर]। Unnao Case : उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने यूपी के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर सहित 7 लोगों को दोषी करार दिया है, जबकि 4 लोगों को बरी कर दिया गया है।
यह मेरे करियर का बेहतरीन ट्रायल : जज
बुधवार को सुनवाई के दौरान तीस हजारी कोर्ट के सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कहा कि यह मेरे करियर का सबसे बेहतरीन ट्रायल था। केंद्रीय जांच एजेंसी (Central Bureau of Investigation) और पीड़िता के वकील धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने अच्छा काम किया। वे बधाई के पात्र हैं।
'तुमने खुद को बचाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया'
वहीं दोषी कुलदीप सेंगर ने अदालत में निर्दोष होने की गुहार लगाई, लेकिन जज धर्मेंश शर्मा ने टिप्पणी में कहा कि तुमने खुद को बचाने के लिए तकनीक का अच्छा इस्तेमाल किया, लेकिन कामयाब नहीं हो सके। हमें सब दिखता है।
कुल 55 लोगों ने दी गवाही
इस मामले में पीड़ित पक्ष की तरफ से 55 लोगों की गवाही हुई, जबकि आरोपित पक्ष की तरफ से 9 गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराए थे।
वकीलों की दलील के बाद आरोपी बनाए गए थे कुलदीप
शुरुआत में सीबीआइ ने इस मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को आरोपित नहीं बनाया था, लेकिन पीड़ित पक्ष के वकील की दलीलों के बाद कुलदीप सेंगर पर भी ट्रायल हुआ और नतीजतन दिल्ली की कोर्ट ने बुधवार को अपने फैसले में दोषी ठहराया है।
पिता के शरीर पर आई थीं 18 जगह चोट
सीबीआइ की तरफ से दायर आरोपपत्र में कहा गया है कि पीड़िता के पिता को हिरासत में बुरी तरह मारा गया था। इस दौरान उनके शरीर पर 18 जगह चोट आई। इस वजह से घटना के चौथे दिन 9 अप्रैल 2018 में पुलिस हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई थी। मृतक पर झूठा केस दर्ज किया गया था और यह सब कुलदीप सेंगर के इशारों पर हुआ था।
12 मार्च को होगी सजा पर बहस
यहां पर बता दें कि उन्नाव पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में तीस हजारी अदालत के सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर सहित सात आरोपितों को दोषी करार दिया, जबकि चार को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। अदालत 12 मार्च को बहस के बाद सजा सुनाएगी।
उम्रकैद की सजा काट रहा है कुलदीप
दोषियों को आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 120 बी (साजिश रचना) के तहत दोषी करार दिया गया है। 304 में अधिकतम उम्र कैद और जुर्माना और न्यूनतम 10 साल कारावास और जुर्माना का प्रावधान है। सेंगर दुष्कर्म के मामले में पहले से ही उम्र कैद पा चुका है।
दोषियों और बरी किये गए आरोपितों का ब्योरा
1. कुलदीप सिंह सेंगर - दोषी
2. कामता प्रसाद, सब इंस्पेक्टर - दोषी
3. अशोक सिंह भदौरिया, SHO - दोषी
4. शैलेंद्र सिंह उर्फ टिंकू सिंह - बरी
5. विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा - दोषी
6. बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा सिंह - दोषी
7. राम शरण सिंह उर्फ सोनू सिंह - बरी
8. शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह - दोषी
9. अमीर खान, कॉन्स्टेबल - बरी
10. जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह - दोषी
11. शरदवीर सिंह - बरी