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Jamia violence: 3 दिन में 9 वीडियो लीक होने को लेकर क्राइम ब्रांच ने जताया शक

Jamia violence जामिया विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में घुसकर तोड़फोड़ करने व छात्रों की पिटाई करने संबंधी वीडियो लगातार लीक होने से क्राइम ब्रांच की परेशानी बढ़ गई है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 10:49 AM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 10:49 AM (IST)
Jamia violence: 3 दिन में 9 वीडियो लीक होने को लेकर क्राइम ब्रांच ने जताया शक
Jamia violence: 3 दिन में 9 वीडियो लीक होने को लेकर क्राइम ब्रांच ने जताया शक

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Jamia violence : जामिया मिल्लिया इस्लामिया में गत 15 दिसंबर को हुए हिंसक उपद्रव के दौरान पुलिसकर्मियों व पैरामिलिट्री के जवानों द्वारा कथित जामिया विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में घुसकर तोड़फोड़ करने व छात्रों की पिटाई करने संबंधी वीडियो लगातार लीक होने से क्राइम ब्रांच की परेशानी बढ़ गई है। पिछले तीन दिनों में 9 वीडियो लीक होकर वायरल किए जा चुके हैं। लिहाजा मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की एसआइटी ने मंगलवार को पहली बार जामिया विश्वविद्यालय पहुंचकर लीक हो रहे वीडियो के बारे में कई घंटे तक जांच की।

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क्राइम ब्रांच ने कहा, जानबूझ कर लीक कराया फुटेज

क्राइम ब्रांच का कहना है कि फुटेज को जामिया प्रशासन ने गोपनीय तरीके से छिपाकर रखा होगा तभी कमेटी द्वारा इसे जानबूझ कर लीक कराया गया है। क्राइम ब्रांच ने अब इसकी जांच शुरू कर दी है। हो सकता है कि इस मामले में कोई नया केस भी दर्ज किया जाए। सभी नौ वीडियो में जितने भी छात्र दिख रहे हैं उन सभी की पहचान कर नोटिस भेजकर क्राइम ब्रांच पूछताछ करेगी।

कई लोगों से पूछताछ

डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश देव के नेतृत्व में एसआइटी के एक दर्जन सदस्य मंगलवार को दोपहर के बाद जामिया पहुंचे। एसआइटी ने लाइब्रेरी समेत कैंपस में कई जगह जाकर जांच की। वहां वीडियोग्राफी भी कराई। प्रॉक्टर कार्यालय में भी जाकर कई लोगों से पूछताछ की।

रविवार सुबह हुआ था पहला वीडियो वायरल

इस मामले में पहला वीडियो रविवार सुबह सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था। जामिया समन्वय समिति ने ट्विटर पर डालकर इसे वारयल किया था। उक्त वीडियो के कुछ देर बाद दो और वीडियो वारयल किए गए, जिनमें कुछ छात्र चेहरे पर नकाब बांधे दिख रहे हैं। पुलिसकर्मियों ने लाइब्रेरी में घुसकर उनकी पिटाई की। इसके बाद सोमवार से अब तक एक के बाद छह अन्य वीडियो भी वायरल हुए। कुछ वीडियो में पुलिसकर्मियों व पैरामिलिट्री के जवानों द्वारा लाइब्रेरी में घुसकर छात्रों की पिटाई करते व सीसीटीवी कैमरे तोड़ते हुए दिख रहे हैं तो कुछ में उपद्रवी चेहरे को कपड़े से ढककर पुलिसकर्मियों व पैरामिलिट्री के जवानों पर पथराव करते दिख रहे हैं।

क्राइम ब्रांच ने रखा पक्ष

क्राइम ब्रांच का कहना है कि 15 दिसंबर को पहले न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी (एनएफसी) में हिंसक उपद्रव हुआ। वहां से उपद्रवियों को खदेड़ने पर वे जामिया की तरफ आ गए थे। यहां पर कुछ उपद्रवी लाइब्रेरी में घुस गए थे और वहां से भी वे पुलिसकर्मियों व पैरामिलिट्री के जवानों पर ईंट, पत्थर, बोतल, ट्यूबलाइट व पेट्रोल बम फैंक रहे थे। इसलिए पुलिसकर्मियों व पैरामिलिट्री को लाइब्रेरी में घुसना पड़ा था। अगले दिन जामिया प्रशासन द्वारा लाइब्रेरी में बिना इजाजत के घुसकर पुलिसकर्मियों द्वारा छात्र-छात्राओं की पिटाई करने का आरोप लगाने पर पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने इसकी जांच क्राइम ब्रांच को सौंप एसआइटी गठित कर दी थी।

जामिया ने बिस्वाल को सौंप दी थी लाइब्रेरी की फुटेज

घटना के तीन दिन बाद ही तत्कालीन डीसीपी दक्षिण-पूर्वी जिला चिन्मय बिस्वाल ने जामिया जाकर कुलपति से मुलाकात कर लाइब्रेरी की सभी फुटेज सौंपने की मांग की थी। इसके बाद जामिया प्रशासन ने क्राइम ब्रांच को करीब 250 घंटे का सीसीटीवी फुटेज सौंप दिया था। माना जा रहा था कि जामिया प्रशासन के पास ऐसा कोई वीडियो नहीं है जिससे जांच पूरी होने से पहले लीक कर जांच में व्यवधान पैदा किया जा सके। क्राइम ब्रांच ने जामिया प्रशासन से कहा था कि अगर वीडियो लीक किया गया तब उनके खिलाफ सुबूत के साथ छेड़छाड़ की धारा में मुकदमा कर दिया जाएगा। शुरू में जामिया से वीडियो लीक नहीं हुआ लेकिन दो महीने बाद वीडियो लीक होना शुरू हो गया।

एसीपी अनिल मित्तल (अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी, दिल्ली पुलिस) के मुताबिक,  डीसीपी राजेश देव के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की एसआइटी मंगलवार को जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी पहुंची। टीम ने लाइब्रेरी सहित उन स्थानों का दौरा किया जहां का वीडिया लीक कर वायरल किया गया। इस दौरान पुलिस ने शिक्षकों सहित कुछ छात्रों के साथ बातचीत भी की। एसआइटी करीब तीन घंटे यूनिवर्सिटी में रही। प्रॉक्टर से जांच में सहयोग की मांग की गई।

वीडियो लीक होते ही जामिया प्रशासन ने दी सफाई

वीडियो लीक होते ही जामिया प्रशासन ने सफाई दी कि जामिया का इसमें कोई लेना देना नहीं है। जामिया समन्वय कमेटी ने वीडियो वायरल किया है। यह कमेटी जामिया का अंग नहीं है बल्कि पूर्व छात्र की कमेटी है।


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