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Exclusive: Oscar Award winner ननद-भाभी के चेहरों पर मुस्कुराहट लाएगी मोदी सरकार

मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की सीएससी विंग के सीईओ डॉ. दिनेश त्यागी ने कहा कि आप दोेनों चाहें तो एनजीओ चला सकती हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 04 Jun 2019 03:03 PM (IST)Updated: Tue, 04 Jun 2019 03:53 PM (IST)
Exclusive: Oscar Award winner ननद-भाभी के चेहरों पर मुस्कुराहट लाएगी मोदी सरकार
Exclusive: Oscar Award winner ननद-भाभी के चेहरों पर मुस्कुराहट लाएगी मोदी सरकार

हापुड़, जेएनएन। ऑस्कर अवार्ड विजेता-2019 (Oscar Award winner) सुमन और स्नेह को एक्शन इंडिया नामक एनजीओ द्वारा नौकरी से निकाले जाने के बाद केंद्र में सत्तासीन मोदी सरकार ने दाेनों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ा दिए हैं। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की सीएससी विंग के सीईओ डॉ. दिनेश त्यागी ने सुमन और स्नेह से गांव काठीखेड़ा में मुलाकात की। उन्होंने दोनों से सरकार की मदद से एनजीओ चलाने और क्षेत्र में सेनेटरी नैपकिन की यूनिट खोलने की अपील की। साथ ही सरकार की योजनाओं के माध्यम से हर संभव मदद का भरोसा दिया।

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गांव काठीखेड़ा निवासी स्नेह और उसकी भाभी सुमन ने पिछले काफी समय से महिलाओं के लिए काम करने वाली संस्था एक्शन इंडिया से जुड़ी हुई थीं। इसके साथ ही दोनों गांव की सबला इकाई में सेनेटरी नैपिकन बनाने और बेचने का काम करती थीं।

उन्होंने हाल ही में महिलाओं में होने वाले मासिक धर्म पर आधारित लघु फिल्म ‘पीरियड: एंड ऑफ सेंटेंस’ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस लघु फिल्म ने अमेरिका से ऑस्कर दिलाया था। मार्च माह में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्नेह और सुमन समेत नौ कलाकारों को एक-एक लाख रुपये बतौर पुरस्कार दिए थे। पुरस्कार राशि संस्था की यूनिट में जमा कराने को लेकर हुए विवाद के बाद संस्था ने दोनों को नौकरी से निकाल दिया था।

सूचना पर मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की सीएससी विंग के सीईओ डॉ. दिनेश त्यागी मंगलवार को उनके गांव काठीखेड़ा पहुंचे। यहां उन्होंने यूनिट का निरीक्षण किया और यूनिट चलाने के तरीके जाने। इसके बाद वह सुमन और स्नेह से उनके घर पर मिले। उन्होंने संस्था और उनके बीच हुए विवाद के बारे में जानकारी ली।

दोनों की व्यथा सुनने के बाद डॉ. दिनेश त्यागी ने कहा कि आप दोेनों को अब नाम की जरूरत नहीं, सिर्फ काम की जरूरत है। आप चाहें तो एनजीओ चला सकती हैं। क्षेत्र में सेनेटरी नैपकिन बनाने वाली यूनिट लगा सकती हैं। यूनिट के माध्यम से आप जागरूक महिलाओं को जोड़ें। योजनाओं के माध्यम से सरकार हर संभव मदद करेगी।

डॉ. दिनेश त्यागी ने कहा कि देश में छह हजार ब्लॉक हैं। सरकार का लक्ष्य प्रत्येक ब्लॉक में एक सेनेटरी नैपकिन यूनिट बनाना है। वर्तमान में देश में 700 यूनिट संचालित हैं, जिनमें 70 लड़कियां कार्य कर रही हैं। डॉ दिनेश त्यागी ने गांव में सीएससी सेंटर चलाने के लिए महिलाओं से आगे आने को कहा।

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