एमजे अकबर के आपराधिक मानहानि मामले में अब 4 मई को होगी सुनवाई
पिछले साल मीटू अभियान के दौरान यह महिला उन महिला पत्रकारों की लंबी सूची में पहली थी जिन्होंने पत्रकार से राजनेता बने अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की तरफ से दायर आपराधिक मानहानि मामले में पटियाला हाउस कोर्ट स्थित विशेष अदालत में बुधवार को सुनवाई हुई। अकबर की तरफ से गवाहों के बयान दर्ज होने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आरोप तय करने पर बहस हुई।
आरोपित प्रिया रमानी ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि वह ट्रायल का सामना करेंगी। इसके बाद अदालत ने रमानी पर आपराधिक मानहानि के आरोप तय कर दिए। प्रिया रमानी ने अदालत में कहा कि वे ट्रायल के दौरान ही अपना पक्ष रखेंगी। सच ही उनका बचाव है और ट्रायल के दौरान सच को साबित करेंगी।
वहीं, उन्होंने अदालत में अर्जी दायर कर कहा कि उनका छोटा बच्चा है और हर पेशी पर अदालत में नहीं आ सकती हैं। इस अर्जी पर शिकायतकर्ता पक्ष ने कोई एतराज नहीं जताया। इसके चलते अदालत ने रमानी को पेशी से स्थायी छूट दे दी। अब मामले की अगली सुनवाई चार मई को होगी।
गौरतलब है कि पूर्व विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में पिछले साल अक्टूबर में आपराधिक मानहानि का केस दायर किया था। रमानी पर आरोप लगाया कि एमजे अकबर की छवि खराब करने के लिए झूठी कहानी प्रसारित की गई। उनके खिलाफ झूठी कहानियों की श्रृंखला एक एजेंडे की पूर्ति के लिए प्रसारित की गई। इससे न सिर्फ उनकी पारिवारिक बल्कि राजनीतिक छवि पर भी बुरा असर पड़ा।
मी टू अभियान में अकबर पर लगा था आरोप
एमजे अकबर के साथ करीब 20 साल पहले काम कर चुकीं प्रिया रमानी ने ट्विटर पर मी टू अभियान के तहत उन पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। इसके बाद अन्य महिलाओं ने भी ट्विटर पर ही अकबर पर ऐसे आरोप लगाए थे। अकबर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था।