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JNU violence: अध्‍यक्ष आइशी घोष का सनसनीखेज खुलासा, कहा- हमारा नाम लेकर कर रहे थे हमले

JNU Violence News जवाहर लाल नेहरु विश्‍वविद्यालय छात्र संघ की अध्‍यक्ष आइशी घोष जेएनयू हिंसा में बुरी तरह जख्‍मी हो गई हैं। इस घटना के बाद उन्‍होंने चुप्‍पी तोड़ी है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 06:01 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 10:59 PM (IST)
JNU violence: अध्‍यक्ष आइशी घोष का सनसनीखेज खुलासा, कहा- हमारा नाम लेकर कर रहे थे हमले
JNU violence: अध्‍यक्ष आइशी घोष का सनसनीखेज खुलासा, कहा- हमारा नाम लेकर कर रहे थे हमले

नई दिल्‍ली, एएनआइ। JNU Violence News: जेएनयू हिंसा में बुरी तरह जख्‍मी छात्र संघ की अध्‍यक्ष आईशी घोष ने घटना के बाद चुप्‍पी तोड़ी है। उन्‍होंने अपने तल्‍ख तेवर में कहा कि इस हमले के लिए आरएसएस और एबीवीपी को जिम्‍मेदार है। उन्‍होंने कहा कि सोची-समझी साजिश के तहत आरएसएस और एबीवीपी के गुंडों ने यह काम किया है। पिछले 4-5 दिनों से कैंपस में कुछ आरएसएस से जुड़े प्रोफेसरों और एबीवीपी द्वारा हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा था।

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छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष सोमवार को एम्स ट्रॉमा सेंटर से सीधे जेएनयू कैंपस में शाम 4.30 बजे के करीब पहुंची और प्रेसवार्ता को संबोधित किया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे ऊपर लोहे की राॅड से हमला किया गया, जिसके कारण सिर पर गंभीर छोटे आईं।

50 सालों में जेएनयू में एेसी हिंसक घटना कभी नहीं हुई है, यह पहली बार हुआ है। यह काम आरएसएस समर्थित प्रोफेसरों और एबीवीपी का है। पिछले 4 से 5 दिनों से इनकी शह पर हिंसक घटनाएं कैंपस में हो रही हैं। रविवार को हम कैंपस में शिक्षकों के साथ बैठे हुए थे। तभी कुछ एबीवीपी से जुड़े छात्र और इनके साथ नकाबपोश लोग साबरमती छात्रावास के पास टी-पाइंट पर आए और इन्हें हम पर हमला कर दिया। नौबत यहां तक आ गई थी कि छात्र संघ के महासचिव सतीश चंद्र यादव को मेरे सामने लिंच कर दिया जाता।

यह लोग हमारे नाम ले लेकर हम पर हमला कर रहे थे। सुरक्षाकर्मियों ने भी हम पर हमला किया। हमने 1 से 5 जनवरी को शांतिपूर्ण तरीके से शीतकालीन सेमेस्टर प्रक्रिया का बहिष्कार करने का आव्हान किया था। लेकिन प्रशासन, एबीवीपी की तरफ से हमारे लोकतांत्रिक आंदोलन को दबाने का काम किया गया। नकाबपोश लोगों के हाथों में स्टिक व लोहे की रॉड थी। इन्होंने हमें बेहरहमी से पीटा। जब यह शरारती तत्व कैंपस में दाखिल हो चुके थे तब मैंने इसकी सूचना वाॅट्सएप संदेश के जरिए स्थानीय एसएचओ व एसीपी को भेजा। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। जेएनयू के कुलपति को नैतिक जिममेदारी लेते हुे इस्तीफा दे देना चाहिए। अगर वह एेसा नहीं करते हैं तो मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) को कुलपति को हटा देना चाहिए।

बता दें कि रविवार की रात जेएनयू कैंपस में जबरदस्‍त घंटों तक तोड़फोड़ चली। इस दौरान कैंपस में भय और डर का माहौल बन गया था। शाम को करीब 4 बजे से शुरू हुआ दो पक्षों का मामूली सा विवाद काफी हद तक बढ़ गया। इसके बाद नकाबपोश लोगों ने हथियार लेकर छात्रों से लेकर शिक्षकों के साथ जमकर मारपीट की। इस हिंसा में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष के सिर पर गंभीर चोट आईं। 

मिली जानकारी के अनुसार हॉकी और रॉड से लैस 12 से अधिक नकाबपोश बदमाशों ने इस काम को अंजाम दिया। उपद्रवियों ने विवि की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया। इस कायराना हमले में 27 विद्यार्थी व तीन शिक्षक अतुल सूद, सौगता भादुड़ी व सुचरिता घायल हुए हैं। घायल छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें एम्स ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। काफी देर बाद प्रशासन ने पुलिस को बुलाई और पुलिस ने मामला शांत कराया। बाद में पुलिस ने परिसर में फ्लैगमार्च भी किया।

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