JNU Sedition Case: कन्हैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी के लिए कोर्ट ने पुलिस को दिया समय
कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मंजूरी लेने के लिए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को दो महीने का समय दिया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की दिल्ली सरकार से मंजूरी के लिए कोर्ट ने पुलिस को दो महीने का और समय दिया है। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक ने बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि 19 फरवरी तक पुलिस मुकदमा चलाने की मंजूरी सरकार से ले ले।
इस मामले में दिल्ली पुलिस 14 जनवरी 2019 को करीब 1200 पन्ने का आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है लेकिन दिल्ली सरकार ने मुदकमा चलाने की अनुमति अभी तक नहीं दी है। यह मामला दिल्ली सरकार के गृह मंत्रालय में लंबित है।
चार्जशीट दाखिल कर चुकी है पुलिस
दिल्ली के आरोप पत्र में जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, पूर्व छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को मुख्य आरोपित बनाया गया था। इस मामले में सात अन्य आरोपितों में आकिब हुसैन, मुजीम हुसैन, बसरत अली प्रमुख रुप से शामिल हैं। पुलिस के आरोप पत्र में कहा गया है कि 9 फरवरी 2016 को हुई इस घटना में इन आरोपितों ने जुलुस का नेतृत्व किया था जिसमें देशद्रोही नारों का समर्थन किया गया था।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में हो रही सुनवाई में दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया था कि मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से संबंधित मामला लंबित है। इस पर कोर्ट ने जांच से जुड़े अधिकारी को तलब किया था।
चुनाव में गरमा सकता है मामला
बता दें कि यह मामला दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में गरमा सकता है। विपक्षी पार्टी भाजपा का आरोप है कि दिल्ली सरकार कन्हैया समेत अन्य आरोपितों पर राजद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दे रही है। इस मामले में भाजपा के पूर्व विधायक नंदकिशोर गर्ग ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दिल्ली सरकार को मुकदमा चलाने की मंजूरी देने का आदेश देने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने मुकदमा चलाने की मंजूरी देने का फैसला केजरीवाल सरकार पर छोड़ दिया था।
हाई कोर्ट ने प्रदर्शनकारी छात्रों से बातचीत के लिए JNU प्रशासन को आज शाम तक का दिया वक्त