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शरजील इमाम पर कस रहा शिकंजा, अब जेएनयू प्रशासन ने मांगा जवाब, दिया 3 फरवरी तक का समय

शरजील पर दिल्‍ली सहित कई जगहों पर देशद्रोह के मामले दर्ज किए गए हैं। शरजील जेएनयू के पीएचडी कर रहा है। इस कारण प्रशासन ने उससे अपना जवाब रखने के लिए नोटिस जारी किया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 09:40 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 08:19 AM (IST)
शरजील इमाम पर कस रहा शिकंजा, अब जेएनयू प्रशासन ने मांगा जवाब, दिया 3 फरवरी तक का समय
शरजील इमाम पर कस रहा शिकंजा, अब जेएनयू प्रशासन ने मांगा जवाब, दिया 3 फरवरी तक का समय

नई दिल्‍ली, एएनआइ। दिल्‍ली के शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के बीच शरजील इमाम का एक वीडियो मीडिया की सुर्खियों के अलावा सोशल मीडियो में काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो पर राजनीति में आरोप-प्रत्‍यारोप के बाद बाद अब जेएनयू ने भी सख्‍त रुख अखतियार कर लिया है। जेएनयू प्रशासन ने शरजील इमाम से अपना पक्ष तीन फरवरी तक सामने आकर रखने का वक्‍त दिया है। इसी वीडियो को लेकर पुलिस ने देशद्रोह का मामला भी दर्ज किया है जिसको लेेकर उसकी तलाश की जा रही है। 

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तीन फरवरी तक रखना होगा अपना पक्ष

जेएनयू के प्राक्‍टर ने शरजील इमाम से कहा कि प्राक्‍टोरियल कमेटी के सामने आकर तीन फरवरी तक अपना पक्ष रखें। दिल्‍ली सहित अन्‍य राज्‍यों में पुलिस ने जो मामले दर्ज किए गए हैं उस पर शरजील से पक्ष रखने को कहा गया है। बता दें कि शरजील पर दिल्‍ली सहित कई जगहों पर देशद्रोह के मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस की पांच टीमें तलाश करने के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही है। शरजील जेएनयू के पीएचडी कर रहा है।

क्राइम ब्रांच कर रही तलाश

इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में शाहीन बाग में जारी विरोध प्रदर्शन के समन्वयक शरजील इमाम पर दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच ने देशद्रोह सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। शरजील पर असम को भारत से अलग करने का बयान देने का आरोप है। उस पर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ और असम में भी राजद्रोह का केस दर्ज किया जा चुका है। फिलहाल शरजील पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।

यह है आरोप

क्राइम ब्रांच की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि मूलरूप से बिहार के जहानाबाद के रहने वाले और जेएनयू (जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय) के छात्र शरजील लगातार सीएए और एनआरसी के विरोध में भड़काऊ और उत्तेजक बयान दे रहा है। गत 13 दिसंबर को को भी उसने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में इसी तरह का एक बयान दिया था। इसके बाद उसने कई बार सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। ये भाषण दो धर्म-संप्रदाय के लोगों के बीच सांप्रदायिक सौहार्द के लिए चुनौती बन सकती है। इसे देखते हुए विशेष जांच दल (एसआइटी) ने केस दर्ज करने का फैसला किया। इसमें देशद्रोह के साथ भड़काऊ भाषण की धारा लगाई गई है। देशद्रोह में उम्रकैद की सजा का प्रावधान है। वहीं, जहानाबाद के पुलिस अधीक्षक मनीष ने कहा है कि इस संबंध में जांच एजेंसियों को जरूरी सहयोग किया जा रहा है।

क्‍या कहा है शरजील ने

शरजील पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 16 जनवरी को हुए प्रदर्शन के दौरान भी विवादित बयान देने का आरोप है। इसमें वह कह रहा है कि अगर हम एकजुट हो जाएं तो भारत से पूर्वोत्‍तर के राज्यों को अलग कर सकते हैं। अगर स्थायी नहीं है तो एक से दो महीने के लिए तो यह कर ही सकते हैं। असम को भारत से अलग करने की जिम्मेदारी हमारी है। जब यह होगा, तभी सरकार हमारी बात सुनेगी।

शरजील इमाम पर दिया स्पष्टीकरण

जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी ने शरजील इमाम के बयान पर अपना स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इमाम जामिया मिल्लिया पर हो रहे प्रदर्शन में कभी शामिल नहीं हुए और न ही वह प्रदर्शन कमेटी का हिस्सा हैं। प्रदर्शन कमेटी इमाम के बयान से कोई इत्तेफाक नहीं रखती है। कमेटी को भारतीय संविधान पर पूरा भरोसा है। हम संविधान के दिए हुए अधिकार का इस्तेमाल कर अपना प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं शाहीन बाग प्रदर्शन के कथित ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से भी सर्जिल इमाम को लेकर लेटर वायरल किया गया है। हालांकि शाहीन बाग में प्रदर्शन कमेटी नहीं है जिसके चलते शाहीन बाग प्रदर्शन का आधिकारिक बयान नहीं मिला है।

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