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अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर हो सकता है विश्व का 5वां सबसे बड़ा एयरपोर्ट

केंद्रीय मंत्री की मानें तो जेवर के ग्रामीणाेें ने भी अाग्रह किया है कि एयरपाेर्ट का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कर दिया जाए। हालांकि, इसपर अभी फैसला नहीं हुअा है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 10:55 AM (IST)Updated: Fri, 23 Nov 2018 12:41 AM (IST)
अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर हो सकता है विश्व का 5वां सबसे बड़ा एयरपोर्ट
अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर हो सकता है विश्व का 5वां सबसे बड़ा एयरपोर्ट

नोएडा [ललित विजय]। देश की राजधानी दिल्ली से बेहद करीब यूपी के ग्रेटर नोएडा में बनने वाले विश्व के 5वेें सबसे बड़े इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर हो सकता है। अंदरखाने इसकी तैयारी प्रारंभ हाे गई है। क्षेत्रीय सांसद व केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा व प्रदेश सरकार इस एयरपाेर्ट का शिलान्यास 25 दिसंबर काे प्रधानंत्री नरेंद्र माेदी के हाथाें कराने के प्रयास में जुट गए हैं।

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एयरपाेर्ट निर्माण में अा रही अड़चनाें काे दूर करने के लिए राज्य सरकार के अलावा केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा भी लग गए हैं। जमीन देने के लिए किसानाें काे मनाने में पूरी ताकत झाेंक दी गई है। बुधवार काे जेवर में भाजपा कार्यकर्ताअाें के साथ बैठक कर केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा व जेवर विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने एयरपाेर्ट से हाेने वाले विकास काे घर-घर पहुंचाने का निर्देश दिए।

प्लानिंग है कि 25 दिसंबर काे शिलान्यास के साथ ही एयरपाेर्ट का नाम अटल जी के नाम करने की घाेषणा प्रधानमंत्री से करा दी जाए। 25 दिसंबर काे ही अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन भी है।

दिल्ली के आजीआइ एयरपोर्ट से दोगुना होगी क्षमता
इंदिरा गांधी एयरपोर्ट (आइजीआइ) क्षेत्रफल के लिहाज से जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से काफी पीछे रह जाएगा। आइजीआइ का क्षेत्रफल 2066 हेक्टेयर है तो नवी मुंबई में बनने जा रहे एयरपोर्ट का क्षेत्रफल भी 2320 हेक्टेयर है, जबकि जेवर में प्रस्तावित एयरपोर्ट पांच हजार हेक्टेयर में बनेगा। जेवर में प्रस्तावित एयरपाेर्ट की क्षमता भी दिल्ली से दाेगुनी हाेगी। अभी एयरपाेर्ट की क्षमता प्रतिवर्ष 3.5 कराेड़ यात्रियाें की हाेगी। यहां एयर कार्गाे हब भी बनाया जाएगा। इस एयरपाेर्ट से माल ढुलाई पर खासताैर पर जाेर हाेगा।

20 करोड़ यात्री होंगे
2050 तक जेवर में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से वर्ष 2050 तक सालाना बीस करोड़ यात्री हवाई सफर करेंगे। इस मामले में भी जेवर एयरपोर्ट आइजीआइ को पीछे छोड़ देगा। आइजीआइ से वर्तमान में छह करोड़ यात्री सालाना हवाई सफर करते हैं। 2022-23 तक यात्री संख्या बढ़कर दस करोड़ सालाना अधिकतम होने का अनुमान है। इसके बाद यहां यात्री संख्या बढ़ाने की गुंजाइश समाप्त हो जाएगी।

केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने जागरण को बताया कि भारी संख्या में जनता की अाेर से मांग हुई है कि जेवर एयरपाेर्ट का नाम अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम पर कर दिया जाए। मुझे विश्वास है कि दिसंबर के अंतिम सप्ताह या जनवरी के पहले सप्ताह में एयरपाेर्ट का शिलान्यास हाे जाएगा। इसके लिए प्रधानमंत्री से बात हुई है। उनके हाथाें शिलान्यास कराने की इच्छा है। एयरपाेर्ट के नाम पर जनभावनाअाें का ध्यान रखने का भी निवेदन प्रधानमंत्री जी से किया गया है। सकारात्मक परिणाम अाने चाहिए। 

क्षेत्रफल के आधार पर जेवर से बड़े विश्व के एयरपाेर्ट 

  1.  किंग फहद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (सऊदी अरब) - 77600 हेक्टेयर
  2.  डेनवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (संयुक्त राज्य अमेरिका) - 13, 571 हेक्टेयर
  3.  डलास / फोर्ट वर्थ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (संयुक्त राज्य अमेरिका) - 6963 हेक्टेयर
  4.  ऑरलैंडो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (संयुक्त राज्य अमेरिका) - 5383 हेक्टेयर

चीन के शंघाई, अमेरिका के वाशिंगटन अाैर फ्रांस के पेरिस से बड़ा

  •  वाशिंगटन डुलल्स अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (संयुक्त राज्य अमेरिका) )- 4856 हेक्टेयर
  •  शंघाई पुडोंग अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (शंघाई, चीन) - 3,988 हेक्टेयर
  •  पेरिस चार्ल्स डी गॉल हवाई अड्डा (पेरिस, फ्रांस) - 3237 हेक्टेयर

यात्रियाें के हिसाब से दुनिया के दाे बड़े एयरपाेर्ट

  • अमेरिका का अटलांटा एयरपाेर्ट - 10. 41 कराेड़ यात्री प्रतिवर्ष
  • चीन का बिजिंग एयरपाेर्ट - 9. 43 कराेड़ यात्री प्रतिवर्ष

पांच साल बाद शुरू हो जाएंगी उड़ानें

जेवर एयरपोर्ट से विमान सेवाओं का संचालन भी 2023-24 में शुरू होने की उम्मीद है। शुरुआत में जेवर से आठ करोड़ सालाना यात्रियों के हवाई यात्रा करने का अनुमान है। साल दर साल यात्री संख्या में इजाफा होगा। आइजीआइ की क्षमता पूरी होने के बाद जेवर एयरपोर्ट पर उड़ान सेवाओं के बढ़ने के साथ यात्री संख्या भी बढ़ेगी।

पहले चरण में तीन हजार हेक्टेयर में होगा

जेवर एयरपोर्ट का पहला चरण तीन हजार हेक्टेयर का होगा। इसमें दो रनवे तैयार किए जाएंगे। एक रन वे जहाजों के उड़ान भरने व दूसरा उतरने के लिए होगा। यात्रियों का दबाव बढ़ने एवं उड़ान संख्या बढ़ने पर विस्तार का दूसरा चरण होगा। हालांकि आइजीआइ पर तीन रनवे से जहाज उड़ान भरते व उतरते हैं।

कनेक्टिविटी के मामले में भी होगा बेजोड़

जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी भी बेजोड़ होगी। ग्रेटर नोएडा से जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को मेट्रो और पॉड से जोड़ने की भी योजना है। दो ओर से यमुना एक्सप्रेस वे और पलवल खुर्जा एक्सप्रेस वे से जुड़ा होगा। अन्य दो साइट में 130 मीटर सड़क व सौ मीटर चौड़ी सड़क से कनेक्टिविटी दी जाएगी। इससे यात्रियों को एयरपोर्ट पहुंचने किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। 


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